ETV Bharat / state

first monday of sawan: सावन के पहले दिन शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, जलाभिषेक करने पहुंचे श्रद्धालु - सावन शुरू होने की तारीख 2022

रेवाड़ी: भगवान शिव की अराधना का पावन महीना सावन आज से शुरू हो गया (First Monday Of Sawan Month) है. पहले ही दिन प्रदेशभर के शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी अराधना की.

first monday of sawan
सावन के पहले दिन शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
author img

By

Published : Jul 14, 2022, 10:19 AM IST

रेवाड़ी: कुरुक्षेत्र: सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू (Sawan 2022 start date) हो रहा है जो 12 अगस्त तक चलेगा. इस बार सावन महीने में चार सोमवार पड़ेंगे. सावन में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है. शिव भक्तों के लिए ये महीना बेहद खास होता है. पूरे महीने श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. सावन के महीने में भक्तों पर भगवान भोले का जादू सिर चढ़कर बोलता है.


सावन के पहले ही दिन प्रदेशभर के शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी अराधना की. सावन को देखते हुए मंदिरों में इस बार विशेष व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है.

जलाभिषेक करने पहुंचे श्रद्धालु

दरअसल, सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का अलग ही महत्व है. पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है. खासकर सावन के पवित्र महीनें में पड़ने वाले सोमवार और शिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में खासी भीड़ उमड़ती है. शास्त्रों के अनुसार, सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत, शमीपत्र आदि अनेक शुभ वस्तुएं चढ़ाने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते है.

वहीं कुछ ऐसी भी चीजे होती है, जिन्हें भगवान शिव की पूजा में वर्जित बताया गया है. जिनका उपयोग शिवजी की पूजा के वक्त बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। भगवान शिव को तुलसी, हल्दी, कुमकुम या सिंदूर, केतकी के पुष्प, तिल नहीं चढ़ाने चाहिए.

कैसे रखें सोमवार का व्रत- कुरुक्षेत्र के पंडित रोशन पुरी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार पर व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके भगवान शिव का जलाभिषेक करें. इस दौरान भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि समर्पित करें. इसके बाद घर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें. पूजा करने के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती होती है. भगवान शिव को रोली, अक्षत पुष्प, धूप व दीपक अर्पित करें. सावन सोमवार के व्रत की कथा पढ़कर शिव मंत्र का जाप करें.


रेवाड़ी: कुरुक्षेत्र: सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू (Sawan 2022 start date) हो रहा है जो 12 अगस्त तक चलेगा. इस बार सावन महीने में चार सोमवार पड़ेंगे. सावन में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है. शिव भक्तों के लिए ये महीना बेहद खास होता है. पूरे महीने श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. सावन के महीने में भक्तों पर भगवान भोले का जादू सिर चढ़कर बोलता है.


सावन के पहले ही दिन प्रदेशभर के शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी अराधना की. सावन को देखते हुए मंदिरों में इस बार विशेष व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है.

जलाभिषेक करने पहुंचे श्रद्धालु

दरअसल, सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का अलग ही महत्व है. पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है. खासकर सावन के पवित्र महीनें में पड़ने वाले सोमवार और शिवरात्रि के मौके पर शिवालयों में खासी भीड़ उमड़ती है. शास्त्रों के अनुसार, सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत, शमीपत्र आदि अनेक शुभ वस्तुएं चढ़ाने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते है.

वहीं कुछ ऐसी भी चीजे होती है, जिन्हें भगवान शिव की पूजा में वर्जित बताया गया है. जिनका उपयोग शिवजी की पूजा के वक्त बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। भगवान शिव को तुलसी, हल्दी, कुमकुम या सिंदूर, केतकी के पुष्प, तिल नहीं चढ़ाने चाहिए.

कैसे रखें सोमवार का व्रत- कुरुक्षेत्र के पंडित रोशन पुरी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार पर व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके भगवान शिव का जलाभिषेक करें. इस दौरान भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि समर्पित करें. इसके बाद घर में जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें. पूजा करने के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती होती है. भगवान शिव को रोली, अक्षत पुष्प, धूप व दीपक अर्पित करें. सावन सोमवार के व्रत की कथा पढ़कर शिव मंत्र का जाप करें.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.