रेवाड़ी: सरकार लोगों की सुविधाओं के लिए योजनाओं को शुरू तो कर देती है, लेकिन सरकारी कर्मचारी ही उन योजनाओं को पलीता लगाने का काम करते हैं. ऐसा ही उदाहरण रेवाड़ी में देखने को मिला, जहां स्कूल आने वाली गरीब छात्राओं के लिए सरकार की ओर से 551 साइकिलें तो भेजी गई, लेकिन आजतक उन साइकिलों को छात्रों को ही नहीं सौंपा गया है.
रेवाड़ी के स्कूल में जंग खा रही 511 साइकिलें
साल 2016 में नाहड़ खण्ड की स्कूली छात्राओं के लिए 551 साइकिलें भेजी गई थी. ये साइकिलें उन छात्राओं के लिए भेजी गई थी. जिनका स्कूल 2 किलोमीटर या फिर उससे ज्यादा दूर था. 3 साल बीत जाने के बाद ही 17 लाख की 511 साइकिलों का वितरण नहीं किया गया. आलम ये है कि स्कूल के चार कमरों में साइकिलों को बंद कर रख दिया गया.
4 साल बाद भी नहीं बांटी गई साइकिलें
4 साल बाद ये साइकिलें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं. जंग लग चुका है, टायर फट चुके हैं. अगर अब इन साइकिलों को ठीक कराया गया तो हर साइकिल पर 11 सौ रूपये का खर्चा आएगा. वहीं जब इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि साइकिलें काफी वक्त से स्कूल में पड़ी हैं. सभी साइकिलें खंड शिक्षा अधिकारी के जरिए स्कूल में आई हैं और स्कूल का इन साइकिलों से कोई लेना-देना नहीं है.
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अधिकारी ने दिया जांच का आश्वासन
वहीं खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने दो महीने पहले ही कार्यभार संभाला है. मामला संज्ञान में आ चुका है. वो जल्द जांच के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.