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रेवाड़ी: सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरे दिन, जिले में लगे कूड़े के ढेर

रेवाड़ी में वेतन बढ़ाने और अन्य कई मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. वहीं सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं.

rewari cleaning workers strike
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Published : Jun 30, 2020, 10:54 PM IST

रेवाड़ी: नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. हड़ताल पर गए सफाई कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी नगर परिषद कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. हड़ताल की अध्यक्षता नगर परिषद सफाई कर्मचारी प्रधान महेंद्र चांवरिया ने की.

अपनी मांगों को लेकर अड़े सफाई कर्मचारी

कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो आगामी 6, 7 व 8 जुलाई को फिर से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. सफाई कर्मचारी नेता महेंद्र चांवरिया ने कहा कि एक ओर सरकार उन्हें कोरोना योद्धा बताकर उनका स्वागत फूल मालाओं से कर रही है, लेकिन दूसरी और उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है. सरकार पहले भी उन्हें बरगला चुकी है, लेकिन अब हम सरकार की नीयत को समझ गए हैं और अब अपना हक लिए बगैर नहीं मानेंगे.

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरे दिन, जिले में लगे कूड़े के ढेर.

अपनी मांगों को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना ड्यूटी के दौरान किसी सफाई कर्मचारी के साथ यदि कोई अनहोनी हो जाए तो उसके लिए 50 लाख मुआवजा राशि, साथ में परिवार के सदस्य को एक रोजगार दे. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने कोरोना कॉल में सैनिटाइज करते समय यदि कोई सफाई कर्मचारी संक्रमित हो जाए तो उसे उचित मुआवजा देने की मांग की है. इसके अलावा ये कर्मचारी 25 अप्रैल को सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- डीजल के बढ़े दाम से किसान परेशान, कहा- फिर से बैल गाड़ी चलाने पर मजबूर कर रही सरकार

इसके अलावा साथ ही समान काम, समान वेतन और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग भी इस हड़ताल के द्वारा उठाने का काम किया जा रहा है. जिला प्रधान महेंद्र चांवरिया ने कहा कि दो दिन की हड़ताल के बाद आगामी 6, 7 और 8 जुलाई को सफाई कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जाएंगे. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था चरमराएगी. इससे अच्छा है कि सरकार सफाई कर्मचारियों की जायज मांगों पर ध्यान देते हो उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दें ताकि नगर वासियों को समस्याओं से दो-चार ना होना पड़े.

हड़ताल के कारण आम जनता परेशान

वहीं नगरवासियों का कहना है कि एक ओर तो मोदी सरकार स्वच्छ भारत का सपना लोगों को दिखा रही है और यहां हड़ताल के बाद सड़कों पर फैला कचरा दुर्गंध फैला रहा है, जो लोगों के लिए समस्या बना हुआ है. ऐसे में मोदी सरकार का स्वच्छ भारत का सपना कैसे साकार होगा. इसलिए समय रहते सफाई कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान दें, वरना आने वाले दिनों में अगर फिर से हड़ताल होती है तो शहर में कूड़े के ढेर लग जाएंगे और कोरोना काल में लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा.

बता दें कि, सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. इस कूड़े से उठने वाली दुर्गंध के कारण शहर के लोग भी काफी परेशान हैं. वहीं सफाई कर्मचारियों की मांगें जब तक नहीं मानी जाती तब तक कर्मचारी भी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है. कूड़े का उठान ना होने पर अब जिले के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. अब देखना होगा कि सरकार सफाई कर्मचारियों की मांगों पर सरकार ध्यान देती है या फिर शहरवासियों को कूड़े के ढ़ेर से उठती दुर्गंध के साथ ही रहना होगा.

ये भी पढ़ें- मुर्गी पालकों, पशुपालकों को भी मिले आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सस्ता लोन- दुष्यंत

रेवाड़ी: नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. हड़ताल पर गए सफाई कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी नगर परिषद कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. हड़ताल की अध्यक्षता नगर परिषद सफाई कर्मचारी प्रधान महेंद्र चांवरिया ने की.

अपनी मांगों को लेकर अड़े सफाई कर्मचारी

कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो आगामी 6, 7 व 8 जुलाई को फिर से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. सफाई कर्मचारी नेता महेंद्र चांवरिया ने कहा कि एक ओर सरकार उन्हें कोरोना योद्धा बताकर उनका स्वागत फूल मालाओं से कर रही है, लेकिन दूसरी और उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है. सरकार पहले भी उन्हें बरगला चुकी है, लेकिन अब हम सरकार की नीयत को समझ गए हैं और अब अपना हक लिए बगैर नहीं मानेंगे.

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरे दिन, जिले में लगे कूड़े के ढेर.

अपनी मांगों को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना ड्यूटी के दौरान किसी सफाई कर्मचारी के साथ यदि कोई अनहोनी हो जाए तो उसके लिए 50 लाख मुआवजा राशि, साथ में परिवार के सदस्य को एक रोजगार दे. इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने कोरोना कॉल में सैनिटाइज करते समय यदि कोई सफाई कर्मचारी संक्रमित हो जाए तो उसे उचित मुआवजा देने की मांग की है. इसके अलावा ये कर्मचारी 25 अप्रैल को सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

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इसके अलावा साथ ही समान काम, समान वेतन और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग भी इस हड़ताल के द्वारा उठाने का काम किया जा रहा है. जिला प्रधान महेंद्र चांवरिया ने कहा कि दो दिन की हड़ताल के बाद आगामी 6, 7 और 8 जुलाई को सफाई कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जाएंगे. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था चरमराएगी. इससे अच्छा है कि सरकार सफाई कर्मचारियों की जायज मांगों पर ध्यान देते हो उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दें ताकि नगर वासियों को समस्याओं से दो-चार ना होना पड़े.

हड़ताल के कारण आम जनता परेशान

वहीं नगरवासियों का कहना है कि एक ओर तो मोदी सरकार स्वच्छ भारत का सपना लोगों को दिखा रही है और यहां हड़ताल के बाद सड़कों पर फैला कचरा दुर्गंध फैला रहा है, जो लोगों के लिए समस्या बना हुआ है. ऐसे में मोदी सरकार का स्वच्छ भारत का सपना कैसे साकार होगा. इसलिए समय रहते सफाई कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान दें, वरना आने वाले दिनों में अगर फिर से हड़ताल होती है तो शहर में कूड़े के ढेर लग जाएंगे और कोरोना काल में लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा.

बता दें कि, सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. इस कूड़े से उठने वाली दुर्गंध के कारण शहर के लोग भी काफी परेशान हैं. वहीं सफाई कर्मचारियों की मांगें जब तक नहीं मानी जाती तब तक कर्मचारी भी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है. कूड़े का उठान ना होने पर अब जिले के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. अब देखना होगा कि सरकार सफाई कर्मचारियों की मांगों पर सरकार ध्यान देती है या फिर शहरवासियों को कूड़े के ढ़ेर से उठती दुर्गंध के साथ ही रहना होगा.

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