रेवाड़ी: पिछले 44 दिनों से किसान कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. उत्तर भारत में पड़ रही भीषण ठंड के बावजूद किसान आंदोलन के समर्थकों का जोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
इन समर्थकों में से एक सेवादार भी हैं. जो किसानों की सेवा में जुटे हुए हैं. ये सेवादार कोटा राजस्थान स्थित मूंदी के संत बाबा लक्खा सिंह की ओर से आए हैं और पिछले एक महीने से किसानों के लिए लंगर तैयार कर रहे हैं.
सेवादारों ने बताया कि लंगर तैयार करने के लिए करीब डेढ़ सौ से ज्यादा सेवादार जुटे हुए हैं. हर रोज यहां 5 हजार आंदोलनकारियों के लिए सुबह, दोपहर व शाम का भोजन तैयार किया जाता है. उन्होने बताया कि लंगर तैयार करने में आधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. आटा गूंथने से लेकर चपातियां बनाने का काम भी इन मशीनों द्वारा किया जा रहा है. चपातियां बनाने वाली मशीन एक घण्टे में करीब 300 से 400 लोगों के लिए रोटियां बना रही है.
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उन्होंने बताया कि लंगर बनाने का काम सुबह 4 बजे से शुरू कर दिया जाता है. जो रात्रि 10 बजे तक लगातार चलता रहता है. सेवादारों ने कहा कि जब तक आंदोलन चलेगा, तब तक ये लंगर जारी रहेगा. किसानों की मांग के अनुसार जब तक तीनों कानून रदद् नहीं किए जाते. तब तक किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं.