रेवाड़ी: हरियाणा के रेवाड़ी में पांच दिन पहले लापता हुए अलवर के मेटल व्यापारी की हत्या का खुलासा (Murder Case in Rewari) हो गया है. रेवाड़ी पुलिस ने घटना का खुलासा किया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि व्यापारी की हत्या रेवाड़ी के ही रहने वाले एक व्यापारी ने अपन दो साथियों के साथ मिलकर की है. आरोप है कि हत्या करने वाले व्यापारी ने शव को अपने ही गोदाम में चार फीट का गड्ढा खोदकर दफन कर दिया है. इतना ही नहीं उसके ऊपर एक फर्श भी डाल दिया. सोमवार को रेवाड़ी पुलिस ने शव को जमीन से निकाला. साथ ही तीनों आरोपियों को भी अरेस्ट कर लिया.
10 अगस्त की वारदात: आरोप है कि 10 अगस्त को मृतक व्यापारी मंगल अरोड़ा (Alwar metal trader murder) को अंकित भालिया पैसे देने की बात कहकर रेवाड़ी के दिल्ली रोड स्थित उत्तम नगर में ले गया था. वहां उसे कुर्सी पर बैठा दिया और फिर साजिश के तहत अपने दो साथियों के साथ मिलकर तार से गला दबाकर हत्या कर दी. उसी दिन पूरी प्लानिंग के साथ तीनों आरोपियों ने मंगल के शव को गोदाम में ही गड्ढा खोदकर गाड़ दिया. इतना ही नहीं आरोपियों ने उस पर फर्श भी डाल दिया. इसके बाद आरोपी व्यापारी ने मंगल अरोड़ा को लेकर झूठी जानकारी दी कि वह 12 लाख रुपए लेकर उसके यहां से चला गया है. इसके बारे में उसे कुछ नहीं पता.
3 लाख रुपए में तैयार किए साथी: पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी अंकित भालिया ने अपने दो साथियों मनोज और एक अन्य साथी को 3 लाख रुपए में मंगल अरोड़ा की हत्या करने के लिए तैयार किया था. इसके बाद मंगल अरोड़ा की पूरी प्लानिंग के साथ हत्या कर दी और फिर मोबाइल भी गुम कर दिया. रविवार की रात मंगल अरोड़ा का मोबाइल फोन गुरुग्राम में पड़ा मिला. जिस व्यक्ति ने मोबाइल चालू किया उसे पुलिस ने रात में ही पकड़ लिया. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया. पुलिस ने आरोपी अंकित भालिया को पंजाब के लुधियाना शहर से गिरफ्तार कर लिया है. इतना ही नहीं मनोज और उसके एक साथी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर (Police arrested accused in Rewari) लिया है.
परिजनों ने बताया पूरा मामला: जानकारी के मुताबिक अलवर शहर की स्कीम नंबर-2 में रहने वाले मंगल अरोड़ा जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष की बताई जा रही है, वह मैटल का व्यापार करते थे. 10 अगस्त को मंगल अरोड़ा रेवाड़ी में अपने साथी व्यापारी अंकित भालिया से पैसे लेने के लिए निकला था. परिवार के मुताबिक अंकित भालिया से 35 लाख रुपए लेने थे और इसी सिलसिले में रेवाड़ी पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद वापस घर नहीं लौटे. परिजनों ने उसी दिन अलवर में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया. अलवर पुलिस ने एफआईआर काट कर रेवाड़ी भेज दी. शुरुआत में रेवाड़ी पुलिस ने ढीला रवैया भी अपनाया था.