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पानीपत: लॉकडाउन के कारण पिता की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित नहीं कर पाया बेटा

पानीपत निवासी दीपक के पिता की मौत 24 मार्च हो गई थी. दीपक ने बताया कि हम अपने पिता की अस्थियों को प्रवाहित करने हरिद्वार जा रहे थे कि यूपी बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया.

son with father ashes panipat
पिता की अस्थियां लेकर पहुंचे बेटे को अधिकारियों ने वापस भेजा
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Published : Mar 30, 2020, 11:00 PM IST

पानीपत: हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद अस्थियों को नदी में विसर्जित करने की प्रथा है. ज्यादार लोग गंगा नदी में अस्थियों को विसर्जित करते हैं. पानीपत में एक बेटा भी अपने पिता की अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा में प्रवाहित करना चाहता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये संभव नहीं हो सका.

दरअसल, पानीपत निवासी दीपक के पिता की मौत 24 मार्च हो गई थी. दीपक ने बताया कि हम अपने पिता की अस्थियों को प्रवाहित करने हरिद्वार जा रहे थे कि यूपी बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया. अधिकारियों की ओर से कहा गया कि सभी बॉर्डर सील हैं. ऐसे में उन्हें एसडीएम की अनुमति मिलने के बाद ही आगे जाने दिया जाएगा.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

दीपक के भाई राहुल ने कहा कि विधायक प्रमोद विज को भी फोन किया गया, लेकिन वो भी नहीं आए. राहुल ने बताया कि विधायक ने 5 मिनट में आने की बात कही, लेकिन 1 घंटे बाद भी विधायक साहब नहीं है. जिसके बाद परिवार ने खुद एसडीएम से बात की.

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ में 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज आए सामने

एसडीएम दलबीर सिंह से बताया कि बॉर्डर सील होने के कारण अनुमति नहीं मिल सकती है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऑनलाइन सरल पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा. वहां से अनुमति मिलेगी तब जाकर ही दीपक और उसके भाई को आगे जाने दिया जाएगा. वहीं एसडीएम से अनुमति नहीं मिलने के बाद दीपक अपने पिता की अस्थियां लेकर वापस लौट गया.

पानीपत: हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद अस्थियों को नदी में विसर्जित करने की प्रथा है. ज्यादार लोग गंगा नदी में अस्थियों को विसर्जित करते हैं. पानीपत में एक बेटा भी अपने पिता की अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा में प्रवाहित करना चाहता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये संभव नहीं हो सका.

दरअसल, पानीपत निवासी दीपक के पिता की मौत 24 मार्च हो गई थी. दीपक ने बताया कि हम अपने पिता की अस्थियों को प्रवाहित करने हरिद्वार जा रहे थे कि यूपी बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया. अधिकारियों की ओर से कहा गया कि सभी बॉर्डर सील हैं. ऐसे में उन्हें एसडीएम की अनुमति मिलने के बाद ही आगे जाने दिया जाएगा.

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दीपक के भाई राहुल ने कहा कि विधायक प्रमोद विज को भी फोन किया गया, लेकिन वो भी नहीं आए. राहुल ने बताया कि विधायक ने 5 मिनट में आने की बात कही, लेकिन 1 घंटे बाद भी विधायक साहब नहीं है. जिसके बाद परिवार ने खुद एसडीएम से बात की.

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एसडीएम दलबीर सिंह से बताया कि बॉर्डर सील होने के कारण अनुमति नहीं मिल सकती है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऑनलाइन सरल पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा. वहां से अनुमति मिलेगी तब जाकर ही दीपक और उसके भाई को आगे जाने दिया जाएगा. वहीं एसडीएम से अनुमति नहीं मिलने के बाद दीपक अपने पिता की अस्थियां लेकर वापस लौट गया.

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