पानीपतः समालखां विधायक धर्मवीर छोकर की समस्या लगातार बढ़ रही है. पहले तो समालखा के तत्कालीन कांग्रेसी विधायक की कोठी को कॉलोनी बताकर पास कर दिया और जब लोकायुक्त जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तो कॉलोनी को पास करने की रिकार्ड फाईल ही लापता हो गई. शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव ने लोकायुक्त से इस केस की फाईल ढूंढने के लिए 15 दिन का समय मांगा है. इस फर्जीवाड़े में समालखां नगरपालिका के पांच अधिकारियों को चार्टशीट किया जा चुका है. इसी केस में तत्कालीन डीसी अजीत बाला जोशी, समीरपाल सरो, डॉ. चन्द्र शेखर खरे और मौजूदा डीसी सुमेधा कटारिया से भी लोकायुक्त ने जवाब तलब कर रखा है. मामले में सुनवाई 8 जनवरी को होगी.
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने 19 अगस्त 2014 को लोकायुक्त को आरटीआई सबूतों व शपथ पत्र सहित शिकायत की थी. शिकायत में आरोप लगाया था कि अवैध कॉलोनी (न्यू दुर्गा कालोनी) में स्थित तत्कालीन कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छोकर की निर्माणाधीन कोठी को सांई एन्क्लेव कॉलोनी के फर्जी नाम से सरकार स्वीकृत करने जा रही है. जबकि मौके पर निर्माणाधीन किलानुमा कोठी के अलावा कोई मकान नहीं है.
2014 में हुआ फर्जीवाड़ा
आरोप लगाया था कि करीब 20 एकड़ रकबा में फैली अवैध कॉलोनी (न्यू दुर्गा कॉलोनी ) का केस सरकार ने सितम्बर 2013 में जब शर्ते पूरी ना करने पर रद्द कर दिया तो यहीं बनी कांग्रेसी विधायक की पौना एकड़ में निर्माणाधीन कोठी को सांई एन्कलेव कॉलोनी बताकर पास कराने का केस नगरपालिका व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सरकार को वर्ष 2014 में भेजकर फर्जीवाड़ा किया.
5 अधिकारियों पर कार्रवाई
आरोप सिद्ध होने की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शहरी निकाय विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण ने अपने 28 फरवरी 2018 के पत्र द्वारा लोकायुक्त को सूचित किया कि नगरपालिका समालखा के दोषी पांच अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही शीघ्र की जाएगी. दूसरी ओर सितम्बर 2018 में सांई एन्कलेव कॉलोनी के नाम से पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर की कोठी को ही कॉलोनी बताकर स्वीकृत करने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया.
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शहरी निकाय विभाग से मांगा गया जवाब
सुनवाई के दौरान गत 30 जुलाई 2019 को कपूर द्वारा ये धांधली संज्ञान मे लाए जाने पर लोकायुक्त ने शहरी निकाय विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण से स्पष्टीकरण मांगा कि वे बताऐं कि आरोप सिद्ध होने की रिपोर्ट मिलने के पश्चात कालोनी.
नहीं मिली फाइल तो होगी कार्रवाई
पीपी कपूर ने बताया की 4 दिसम्बर 2019 के अपने पत्र द्वारा वर्तमान प्रधान सचिव शहरी निकाय उमा शंकर ने लोकायुक्त को सूचित किया कि 28 सितम्बर 2018 को अवैध कॉलोनी को स्वीकृत करने की फाईल निदेशालय को मिली थी और उसी दिन कॉलोनी स्वीकृत करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था. इसके बाद से ये फाईल बार-बार ढूंढने पर भी मिल नहीं रही. निदेशालय के चीफ टाऊन प्लानर को ये फाईल तत्काल ढूंढ कर सूचित करने के निर्देश किए है. 15 दिन का समय फाईल को ढूंढने के लिए दिया गया है और अगर ये फाईल नहीं मिलती तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.