पानीपत: कोरोना वायरस की दूसरी लहर से आमजन मंदी की मार से जूझ रहा है. लॉकडाउन की वजह से व्यापार और उद्योगों पर काफी असर पड़ा है. पानीपत में भी प्राइवेट बस संचालक (Private bus operators Panipat) इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. क्योंकि कोरोना वायरस से लॉकडाउन (Corona virus and lockdown) के बाद से उनका काम ना के बराबर हो गया है. एक जगह ज्यादा दिनों तक खड़ी होने के कारण बसों की हालत भी खस्ता होती जा रही है.
काम नहीं मिलने की वजह से प्राइवेट बस संचालक वक्त पर बसों की किस्त भी नहीं जमा करवा पा रहे. वहीं प्राइवेट बस संचालकों ने अधिकारियों पर गंभीर भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जब प्राइवेट बसों को चलाने की परमिशन नहीं दी गई तो ऐसे में अन्य प्रदेशों की बस यहां आकर प्रवासी मजदूरों को यूपी-बिहार छोड़ने के लिए ले जाती हैं, वो सभी स्लीपर बसें हैं उनके पास परमिशन कहां से आई.
प्राइवेट बस संचालकों का कहना है बाहर से आई बस किसी बदमाश के साथ सांठगांठ कर के बस चला रहा है. निजी बस संचालकों का कहना है कि उनके पास जो बसें हैं वो सभी बैंक से लोन पर ली गई हैं. लॉकडाउन के कारण उनका काम बिल्कुल चौपट हो गया. उनको मिलने वाली बुकिंग चाहे वो शादियों में बारात की बुकिंग हो या फिर स्कूल का कोई टूर या फिर कोई अन्य यात्रा सभी बंद हैं.
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प्राइवेट बस संचालकों के मुताबिक वक्त पर किस्त जमा नहीं करवाने की वजह से अब बैंक उन पर हर महीने किस्त देने का दबाव बना रहा है. किस्त ना देने के कारण उनकी बसों को जब्त करने की धमकी भी बैंक की तरफ से दी जा रही है. कई बस संचालकों का कहना है कि जिस तरह के हालात बन रहे हैं उससे तो लगता है कि कोई और काम ही करना पड़ेगा.
बहरहाल, आर्थिक तंगी से जूझ रहे बस संचालक अब सरकार से मदद की आस लगा रहे हैं. प्राइवेट बस संचालकों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें कुछ राहत दी जाए, नहीं तो वो अपने इस व्यवसाय से हाथ धो बैठेंगे, और उनके सामने खाने-पीने के भी लाले पड़ जाएंगे. अब देखना होगा कि क्या सरकार इन लोगों की गुहार पर कोई राहत देती है या नहीं.