पानीपत : हरियाणा के पानीपत में बरसत रोड का मामला अब अफसरों के लिए मुसीबत से कम नहीं है. पिछले 63 साल से पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसर बरसत रोड की ज़मीन पर अपना अधिकार जमाकर बैठे हैं और किसान ज़मीन के मुआवज़े के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.
गुहार जारी, परेशानी भारी : किसानों की लगातार गुहार के बावजूद अब तक किसानों को मुआवज़ा नहीं दिया गया है. आपको बता दें कि साल 1960 में बरसत रोड बनाई गई थी. तब किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था. कुछ वक्त बाद ही किसानों ने अपनी ज़मीन के लिए मुआवज़े की मांग शुरू कर दी. इसके बाद कोर्ट केस चला जिसमें किसानों के हक में फैसला आया लेकिन इसके बावजूद भी सरकारों ने आज तक किसानों को मुआवज़ा या जमीन के बदले जमीन नहीं दी.
क्या कहते हैं किसान ? : 95 वर्षीय किसान रघुवीर सिंह सैनी समेत 3 किसान परिवारों ने ज़मीन का कोर्ट केस जीता और तभी से ये मुआवज़ा मांग रहे हैं. लेकिन पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट इनको मुआवज़ा देने को तैयार नहीं है. किसान रघुवीर सिंह ने ईटीवी भारत से कहा कि वे नहीं चाहते हैं कि बरसत रोड पर आवाजाही बंद की जाए और लोगों को किसी परेशानी का सामना करना पड़े. उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि बरसत रोड के दुकानदारों को परेशान किया जाए, उन्हें तो बस अपने हक के मुआवज़े की दरकार है. लेकिन पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट से उन्हें अब तक मुआवज़ा नहीं दिया गया. किसान कहते हैं कि अगर सरकार उनकी मांग मान ले तो उन्हें सड़क पर बैठने के लिए मजबूर ना होना पड़े.
क्या कहता है पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट ? : वहीं पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट का कहना है कि अभी तक ज़मीन की निशानदेही नहीं हो सकी है, जिसके आधार पर मुआवज़ा दिया जा सके. अफसरों का दावा है कि उनके पास जो ज़मीन का रिकॉर्ड था, वो सालों पहले जल चुका है. ऐसे में ज़मीन की निशानदेही काफी ज्यादा मुश्किल है. पीडब्ल्यूडी की दलीलें अपनी जगह है, लेकिन बड़ा सवाल किसानों की सालों से चली आ रही परेशानी का है. आखिर कब किसानों को उनका हक मिल सकेगा.
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