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लॉकडाउन: मजदूर ना मिलने से खराब हो रही हैं फसलें - पानीपत की ताजा खबर

कोरोना का असर अब खेतों पर भी पड़ने लगा है. किसानों को न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही उनकी सब्जी को बाजार में पहुंचाने की कोई व्यवस्था की गई है. जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर...

panipat farmers crop damage
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Published : Mar 29, 2020, 4:32 PM IST

पानीपत: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया है. सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह सें बंद है. कोई इंसान अपने घर से बाहर नहीं जा सकता है. अगर कोई बाहर जा रहा है तो प्रशासन उस पर सख्त कार्रवाई कर रहा है.

किसानों पर लॉकडाउन का असर

इस लॉकडाउन का असर अब किसानों पर देखा जा रहा है. किसानों की फसल खराब हो रही है. लॉकडाउन के चलते किसान जरूरी कीट नाशक दवाएं नहीं खरीद पा रहे हैं. खेतों में उर्वरक भी प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. बाजारों में कृषि से जुड़ी दुकानें भी बंद हैं. अगर किसान बाजार जाते हैं तो प्रशासन उन पर कार्रवाई करता है. जिससे किसानों काफी परेशान हैं.

मजदूर ना मिलने से खराब हो रही हैं फसलें

ईटीवी भारत ने पानीपत में किसान से बात की तो किसान का कहना है कि वो बाजार से दवाएं नहीं खरीद पा रहा है. खेतों में दवा न लगने से फसलें खराब हो रही हैं. खेतों की सफाई के लिए उनको मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. जितनी भी सब्जियां उगा रखी हैं वो सड़ने लगी हैं. अगर ऐसा ही रहा तो किसान भी सड़क पर आ जाएंगे.

ये भी जानें- लॉक डाउन: मुनाफा छोड़ युवक 10 रुपये प्रति किलो के भाव बेच रहा सब्जियां

किसानों का कहना है कि उन्होंने घीया, तोरी, खीरा, मिर्च, टिंडा आदि सब्जियां लगाई हैं. जो कि मजदूर ना मिलने के कारण खेतों में ही खराब होने की कगार पर हैं. प्रशासन और सरकार की ओर से भी उनकी सुध लेने कोई नहीं है. ना ही सरकार की ओर से सब्जियों को मंडियों में पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था की गई है अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसान पर मोटी मार पड़ने वाली है.

पानीपत: कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया है. सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह सें बंद है. कोई इंसान अपने घर से बाहर नहीं जा सकता है. अगर कोई बाहर जा रहा है तो प्रशासन उस पर सख्त कार्रवाई कर रहा है.

किसानों पर लॉकडाउन का असर

इस लॉकडाउन का असर अब किसानों पर देखा जा रहा है. किसानों की फसल खराब हो रही है. लॉकडाउन के चलते किसान जरूरी कीट नाशक दवाएं नहीं खरीद पा रहे हैं. खेतों में उर्वरक भी प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. बाजारों में कृषि से जुड़ी दुकानें भी बंद हैं. अगर किसान बाजार जाते हैं तो प्रशासन उन पर कार्रवाई करता है. जिससे किसानों काफी परेशान हैं.

मजदूर ना मिलने से खराब हो रही हैं फसलें

ईटीवी भारत ने पानीपत में किसान से बात की तो किसान का कहना है कि वो बाजार से दवाएं नहीं खरीद पा रहा है. खेतों में दवा न लगने से फसलें खराब हो रही हैं. खेतों की सफाई के लिए उनको मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. जितनी भी सब्जियां उगा रखी हैं वो सड़ने लगी हैं. अगर ऐसा ही रहा तो किसान भी सड़क पर आ जाएंगे.

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किसानों का कहना है कि उन्होंने घीया, तोरी, खीरा, मिर्च, टिंडा आदि सब्जियां लगाई हैं. जो कि मजदूर ना मिलने के कारण खेतों में ही खराब होने की कगार पर हैं. प्रशासन और सरकार की ओर से भी उनकी सुध लेने कोई नहीं है. ना ही सरकार की ओर से सब्जियों को मंडियों में पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था की गई है अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसान पर मोटी मार पड़ने वाली है.

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