पानीपत: सीआईए वन पुलिस टीम ने लूट के मामले में 20 साल से फरार चल रहे एक आरोपी को यूपी के कानपुर से गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू यूपी के लखनऊ का रहने वाला है, जो लखनऊ और कानपुर में छुपकर फरारी काट रहा था. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया. मामला 1999 का है.
सीआईए प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि 8 जनवरी 1999 को थाना चांदनी बाग में उमा पत्नी राकेश, निवासी सब्जी मंडी ने शिकायत देकर बताया था कि वो शाम करीब 8 बजे घर में छत पर बने कमरे में लेटी हुई थी. उसको नींद आ गई. तभी कमरें में चार अज्ञात युवक घुसकर अलमारी से कपड़े खंगालने लगे. वह नींद से जागी तो आरोपियों ने उसके सिर पर रॉड से चोट मारी और कानों से सोने की बालियां, गले से चेन व हाथों से सोने के कंगन छीन लिए. उनमें से एक पड़ोसी आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू को उसने पहचान लिया. एक आरोपी के हाथ में पिस्तौल था. उसने बचाव के लिए शोर किया तो आरोपी उसके हाथ पर पेचकश से वार करके ज्वेलरी लूट ली और फरार हो गये.
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आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू भागते हुए अपने साथियों को मुन्ना, दिनेश और कवर सिंह नाम लेकर बोल रहा था. शिकायत पर थाना चांदनी बाग में आरोपियों के खिलाफ लूट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि पुलिस ने आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू, कृष्ण उर्फ मुन्ना और दिनेश को वारदात के एक सप्ताह के दौरान ही गिरफ्तार कर तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. जुलाई 2003 में आरोपियों को कोर्ट द्वारा दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा सुनाई गई थी.
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आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू साल 2003 में हाई कोर्ट से जमानत मंजूर होने पर जेल से बाहर आ गया था. जेल से बेल पर आने के बाद से ही आरोपी फरार था. हाई कोर्ट द्वारा वर्ष 2014 में आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई थी. पानीपत कोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू के रिअरेस्ट वारंट जारी किए गए थे. पूछताछ में आरोपी ने बताया की उसने यूपी के लखनऊ व कानपुर में छुपकर फरारी काटी. पुलिस टीम ने आरोपी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया.
इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू 1999 में सनौली रोड पर खोखे में पान बेचने का काम करता था. गंगापुरी रोड पर किराये पर कमरा लेकर रहता था. जनवरी 1999 में आरोपी के पास उसके दोस्त कृष्ण उर्फ मुन्ना, दिनेश व कवर सिंह दिल्ली से मिलने के लिए आए. तभी आरोपी ने तीनों दोस्तों के साथ मिलकर 8 जनवरी की शाम पड़ोसी राकेश के घर पर हथियार के बल पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था.
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