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करीब तीन महीने से लापता महिला के दो बच्चे, पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप, पति के साथ लगा रही गुमशुदगी के पोस्टर - UP woman search 2 children in Panipat

यूपी की एक महिला इन दिनों हरियाणा के शहर और कस्बों में गुमशुदगी के पोस्टर लगाती नजर आ रही है. यह महिला पति के साथ अपने लापता दो बच्चों की तलाश में जुटी है. (Haryana missing children case) हरियाणा पुलिस के फटकार के भगाने के बाद महिला ने खुद ही बच्चों की तलाश शुरू की है. लापता बच्चों की उम्र 15 व 17 साल है.

Haryana missing children case
हरियाणा पुलिस ने फटकारा तो UP की महिला ने उठाई जिम्मेदारी
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Published : Apr 12, 2023, 5:28 PM IST

पानीपत: 'दवा असर ना करें तो नजर उतारती हैं, मां हैं जनाब, मां कहां हार मानती हैं'. यह पंक्तियां यूपी की इस महिला पर सटीक बैठती हैं जो अपने पति के साथ अपने दोनों गुमशुदा बच्चों को तलाशने खुद निकल पड़ी है. इस दंपति के दो बच्चे जनवरी महीने से लापता हैं. इनकी तलाश कराने के लिए वे स्थानीय पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके दोनों बच्चों का कोई सुराग नहीं लगा है. बच्चों को खोजने की बजाय पुलिस ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि जब उनके बच्चे मिल जाएं तो उन्हें बता देना.

मूलत यूपी निवासी संध्या राठौर वर्तमान में हरी नगर कॉलोनी पानीपत में अपने पति दिलीप राठौर के साथ रहती हैं. इनके दो बेटे विशाल और आदित्य जनवरी से लापता हैं. परिजनों ने बच्चों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई लेकिन तीन महीने बाद भी इनका कोई सुराग नहीं लगा. ऐसे में पुलिस थानों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके इस दम्पती ने अपने बच्चों को तलाश करने की जिम्मेदारी खुद उठाई है.

Haryana missing children case
लापता दोनों बच्चों को खोजने निकली संध्या.

पढ़ें : सोनीपत रेलवे स्टेशन पर 2 बच्चियों को छोड़कर भागा पिता, खाना लाने का झांसा देकर फरार

संध्या और दिलीप गली-गली इश्तेहार लगाते हुए देखे जा सकते हैं. पुलिस प्रशासन सरकारी संसाधनों के बावजूद इन बच्चों को तलाशने में नाकाम रहा और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इन्हें दुत्कार कर भगा दिया. जबकि यह दम्पती लोगों से पूछताछ करते नहीं थक रहे. हर दिन एक नई उम्मीद के साथ दम्पती निकलते हैं कि शायद उनके बच्चों के बारे में आज उन्हें कोई जानकारी मिल जाएगी.

संध्या ने बताया कि शिकायत देने के बाद बच्चों का आज तक कोई सुराग नहीं लगा है. इसकी शिकायत उन्होंने कई बार बड़े अधिकारियों को भी की लेकिन उन्हें फटकार लगाकर वहां से भगा दिया गया. संध्या ने बताया कि एक महीने पहले उनके पास एक कॉल आया था. फोन करने वाले व्यक्ति ने अपने आपको डॉक्टर बताते हुए कहा कि उसने इन दो बच्चों को 3 लाख रुपए में खरीदा है और वह अंग तस्करी का काम करते हैं.

Haryana missing children case
लापता बच्चों के बारे में राहगीर से पूछते दंपति.

पढ़ें : हरियाणा: झारखंड के व्यक्ति की ट्रेन से गिरकर मौत, परिवार के पास दाह संस्कार के पैसे नहीं, सामाजिक संगठनों के भरोसे पुलिस

अंग निकलने से पहले बच्चे रो रहे थे तो उन्होंने आपका नंबर दिया है. अगर आप 4 लाख रुपए दे दो तो हम आपके बच्चों को छोड़ देंगे. मजबूर पिता ने 4 लाख देने के लिए भी तैयार हो गया और उसने पुलिस को भी इसकी शिकायत की. इस पर केस सीआईए टीम पानीपत को ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन 3 दिन बाद पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह बॉक्स कॉल थी. आखिरकार हर तरफ से निराश होने पर संध्या अपने पति के साथ अपने दोनों बेटों की तलाश में निकली है. दंपति का आरोप है कि वह प्रशासन से त्रस्त हो चुका है और उनके बच्चे पता नहीं किस हालत में होंगे. इसलिए वह खुद ही इन्हें ढूंढ रहे हैं.

पानीपत: 'दवा असर ना करें तो नजर उतारती हैं, मां हैं जनाब, मां कहां हार मानती हैं'. यह पंक्तियां यूपी की इस महिला पर सटीक बैठती हैं जो अपने पति के साथ अपने दोनों गुमशुदा बच्चों को तलाशने खुद निकल पड़ी है. इस दंपति के दो बच्चे जनवरी महीने से लापता हैं. इनकी तलाश कराने के लिए वे स्थानीय पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके दोनों बच्चों का कोई सुराग नहीं लगा है. बच्चों को खोजने की बजाय पुलिस ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि जब उनके बच्चे मिल जाएं तो उन्हें बता देना.

मूलत यूपी निवासी संध्या राठौर वर्तमान में हरी नगर कॉलोनी पानीपत में अपने पति दिलीप राठौर के साथ रहती हैं. इनके दो बेटे विशाल और आदित्य जनवरी से लापता हैं. परिजनों ने बच्चों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई लेकिन तीन महीने बाद भी इनका कोई सुराग नहीं लगा. ऐसे में पुलिस थानों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर थक चुके इस दम्पती ने अपने बच्चों को तलाश करने की जिम्मेदारी खुद उठाई है.

Haryana missing children case
लापता दोनों बच्चों को खोजने निकली संध्या.

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संध्या और दिलीप गली-गली इश्तेहार लगाते हुए देखे जा सकते हैं. पुलिस प्रशासन सरकारी संसाधनों के बावजूद इन बच्चों को तलाशने में नाकाम रहा और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इन्हें दुत्कार कर भगा दिया. जबकि यह दम्पती लोगों से पूछताछ करते नहीं थक रहे. हर दिन एक नई उम्मीद के साथ दम्पती निकलते हैं कि शायद उनके बच्चों के बारे में आज उन्हें कोई जानकारी मिल जाएगी.

संध्या ने बताया कि शिकायत देने के बाद बच्चों का आज तक कोई सुराग नहीं लगा है. इसकी शिकायत उन्होंने कई बार बड़े अधिकारियों को भी की लेकिन उन्हें फटकार लगाकर वहां से भगा दिया गया. संध्या ने बताया कि एक महीने पहले उनके पास एक कॉल आया था. फोन करने वाले व्यक्ति ने अपने आपको डॉक्टर बताते हुए कहा कि उसने इन दो बच्चों को 3 लाख रुपए में खरीदा है और वह अंग तस्करी का काम करते हैं.

Haryana missing children case
लापता बच्चों के बारे में राहगीर से पूछते दंपति.

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अंग निकलने से पहले बच्चे रो रहे थे तो उन्होंने आपका नंबर दिया है. अगर आप 4 लाख रुपए दे दो तो हम आपके बच्चों को छोड़ देंगे. मजबूर पिता ने 4 लाख देने के लिए भी तैयार हो गया और उसने पुलिस को भी इसकी शिकायत की. इस पर केस सीआईए टीम पानीपत को ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन 3 दिन बाद पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह बॉक्स कॉल थी. आखिरकार हर तरफ से निराश होने पर संध्या अपने पति के साथ अपने दोनों बेटों की तलाश में निकली है. दंपति का आरोप है कि वह प्रशासन से त्रस्त हो चुका है और उनके बच्चे पता नहीं किस हालत में होंगे. इसलिए वह खुद ही इन्हें ढूंढ रहे हैं.

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