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पानीपत: DSP हेडक्वार्टर सतीश वत्स और ASI राजबीर के खिलाफ जांच के आदेश - डीएसपी सतीश वत्स हरियाणा मानव अधिकार आयोग

पानीपत डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स और सनोली थाने के एएसआई राजबीर के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. दोनों पर पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं.

inquiry order against panipat dsp headquarter satish Vats and asi Rajbir
DSP हेडक्वार्टर सतीश वत्स और ASI राजबीर के खिलाफ जांच के आदेश
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Published : Sep 3, 2020, 2:27 PM IST

पानीपत: हरियाणा मानव अधिकार आयोग हरियाणा ने डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स और एएसआई राजबीर थाना सनोली के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही अगले दो महीने के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है. डीएसपी हेडक्वार्टर और एएसआई पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि दोनों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए गलत रिपोर्ट बनाई थी.

दरअसल, सनोली खुर्द गांव की महीला सरपंच प्रियंका शर्मा और उसके दो सहयोगियों शिवकुमार त्यागी और मोहन लाल शर्मा ने षड्यंत्र पूर्वक महेंद्र चावला के खिलाफ झूठे आरोप लगाते हुए झूठी शिकायत और गवाही दी थी. बाद में जांच होने पर सभी आरोप झूठे साबित हुए. जिसके बाद महेंद्र चावला ने इन सभी के खिलाफ कानूनी करवाई करने की मांग रखते हुए एसपी पानीपत को दो प्रार्थना पत्र दिए. जिसमें एक की जांच थाना सनोली एएसआई राजबीर ने की और दूसरे की जांच डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स ने की.

DSP हेडक्वार्टर सतीश वत्स और ASI राजबीर के खिलाफ जांच के आदेश

एक ही शिकायत पर दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग जांच रिपोर्ट बनाई और आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की, बल्कि महेंद्र चावला के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए शिकायत को बंद कर दिया गया. शिकायतकर्ता महेंद्र ने बताया की महिला सरपंच और परिवार आसाराम के समर्थक हैं और पिछले बहुत सालों से उन पर आसाराम से समझौते का दबाव बना रहे हैं, लेकिन जब वो दबाव में नहीं आए तो ये पूरा जाल बिछाया गया.

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद में 10 सितंबर से दौड़ेगी मेट्रो, लेकिन इन शर्तों के साथ करना होगा सफर

आयोग ने महेंद्र के सभी सबूतों को देखने के बाद पहली बार में ही एसपी पानीपत को दो महीने में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 1 दिसबंर को रखी गई है.

पानीपत: हरियाणा मानव अधिकार आयोग हरियाणा ने डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स और एएसआई राजबीर थाना सनोली के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही अगले दो महीने के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है. डीएसपी हेडक्वार्टर और एएसआई पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि दोनों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए गलत रिपोर्ट बनाई थी.

दरअसल, सनोली खुर्द गांव की महीला सरपंच प्रियंका शर्मा और उसके दो सहयोगियों शिवकुमार त्यागी और मोहन लाल शर्मा ने षड्यंत्र पूर्वक महेंद्र चावला के खिलाफ झूठे आरोप लगाते हुए झूठी शिकायत और गवाही दी थी. बाद में जांच होने पर सभी आरोप झूठे साबित हुए. जिसके बाद महेंद्र चावला ने इन सभी के खिलाफ कानूनी करवाई करने की मांग रखते हुए एसपी पानीपत को दो प्रार्थना पत्र दिए. जिसमें एक की जांच थाना सनोली एएसआई राजबीर ने की और दूसरे की जांच डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स ने की.

DSP हेडक्वार्टर सतीश वत्स और ASI राजबीर के खिलाफ जांच के आदेश

एक ही शिकायत पर दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग जांच रिपोर्ट बनाई और आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की, बल्कि महेंद्र चावला के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए शिकायत को बंद कर दिया गया. शिकायतकर्ता महेंद्र ने बताया की महिला सरपंच और परिवार आसाराम के समर्थक हैं और पिछले बहुत सालों से उन पर आसाराम से समझौते का दबाव बना रहे हैं, लेकिन जब वो दबाव में नहीं आए तो ये पूरा जाल बिछाया गया.

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आयोग ने महेंद्र के सभी सबूतों को देखने के बाद पहली बार में ही एसपी पानीपत को दो महीने में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 1 दिसबंर को रखी गई है.

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