पानीपत: रोजमर्रा की जरूरत में से एक घर की सबसे बड़ी जरूरत है रसोई गैस सिलेंडर यह जितना हमारे लिए फायदेमंद है कई बार उससे ज्यादा खतरनाक भी साबित हो सकता है. अगर आप बिना कंपनी के गैस कनेक्शन लेते हैं. तो वह आपके लिए कितना हानिकारक साबित हो सकता है शायद इस बारे में आप अनुमान भी नहीं लगा सकते. क्योंकि ब्लैक में लिए सिलेंडर से अगर कोई अनहोनी हो जाए तो यह किसी क्लेम की श्रेणी में भी नहीं आता और ना ही आप कंपनी पर कोई क्लेम कर सकते हैं. हाल ही में पानीपत से खबर आई थी जिसमें सिलेंडर ब्लास्ट से परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई थी. हमें ऐसी खबरों से हमें सीख लेनी चाहिए और सावधान रहना चाहिए.
एजेंसी से कनेक्शन लेने के फायदे: जब भी कोई ग्राहक नया गैस कनेक्शन लेता है तो उसके साथ ग्राहक को इंश्योरेंस कवर गैस कंपनी द्वारा दिया जाता है. लेकिन, इस इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी ज्यादातर ग्राहकों को नहीं रहती है. अगर आपको इस बारे में नहीं पता है तो हम आपको इसकी जानकारी देते हैं. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की एक वेबसाइट के मुताबिक जैसे ही कोई व्यक्ति एलपीजी कनेक्शन लेता है तो उसे मिले सिलेंडर से यदि उसके घर में कोई दुर्घटना होती है तो वह व्यक्ति 50 लाख रुपये तक के बीमा का हकदार हो जाता है. साथ ही एक दुर्घटना पर अधिकतम 50 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है.
आपको बता दें कि एलपीजी सिलेंडर के बीमा कवर पाने के लिए ग्राहक को दुर्घटना होने की तुरंत सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को देनी होती है. पीएसयू ऑयल विपणन कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, एचपीसी तथा बीपीसी के वितरकों को व्यक्तियों और संपत्तियों के लिए तीसरी पार्टी बीमा कवर सहित दुर्घटनाओं के लिए बीमा पॉलिसी लेनी होती है. ये किसी व्यक्तिगत ग्राहक के नाम से नहीं होतीं बल्कि हर ग्राहक इस पॉलिसी में कवर होता है. इसके लिए उसे कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता.
साथ ही एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल और मौत होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र संभाल कर रखें. दुर्घटना होने पर उसकी ओर से वितरक के जरिए मुआवजे का दावा किया जाता है. दावे की राशि बीमा कंपनी संबंधित एजेंसी के पास जमा करती है और यहां से ये राशि ग्राहक के पास पहुंचती है.
इन बातों का रखें खास ख्याल: गैस एजेंसी से पिछले 32 साल से जुड़े अतुल कुमार ने बताया कि गैस कनेक्शन लेते समय ग्राहक को कई चीजों की जानकारी नहीं होती. गैस कनेक्शन एजेंसी सभी प्रकार की जानकारी अगर आपको देती है. कि रेगुलेटर समेत सभी उपकरण आईएसआई मार्क के होने चाहिए. अगर दुर्घटना के बाद कोई उपकरण बिना आई एस आई मार्क का नहीं होता तो क्लेम लेने में ग्राहक को समस्या का सामना करना पड़ता है. अगर आप अपना सिलेंडर किसी दूसरे को प्रयोग करने के लिए देते हैं और उस सिलेंडर से हादसा हो जाता है तो वह भी क्लेम की श्रेणी में नहीं आता.
संजीत कुमार बताते हैं किि दिनांक एजेंसी के कनेक्शन से लिया हुआ सिलेंडर अगर हादसा ग्रस्त होता है. तो उसे कोई क्लेम और कोई मुआवजा सरकार की ओर से भी नहीं मिलता. तो जहां तक हो सके गैस कनेक्शन लेकर ही रसोई गैस सिलेंडर को उपयोग में लाना चाहिए. ताजा उदाहरण पानीपत में देखने को मिला है जहां एक प्रवासी परिवार के 6 सदस्य ब्लैक में लिए गैस सिलेंडर की भेंट चढ़ गए.
इन बातों का रखें खास ख्याल: जब भी आप गैस एजेंसी पर अपने सिलेंडर को भरवाने के लिए जाएं, तो सिलेंडर लेते समय यह ध्यान में रखें कि उसकी पाइप और रेगुलेटर गैस लिक तो नहीं कर रहा. सिलेंडर लेते समय अपनी सिलेंडर बुक पर उस सिलेंडर का नंबर भी अंकित जरूर करवाएं जो आप लेकर आ रहे हैं. बता दें कि ब्लैक मे सिलेंडर बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है. पानीपत हेड क्वार्टर डीएसपी धर्मवीर सिंह से जब बात की गई तो उनका कहना था कि वह समय-समय पर ब्लैक में सिलेंडर बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई भी करते हैं. और ब्लैक में सिलेंडर बेचना गैरकानूनी है और इस गैर कानूनी कार्य के लिए 2 साल की सजा तथा जुर्माने का भी प्रावधान है.
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