पानीपत: वैसे तो सभी त्योहारों के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है. वहीं, हिंदू धर्म में होली और होलिका दहन का खासा महत्व है. इस साल होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है. मान्यता है कि होली की पूजा से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और माता लक्ष्मी घर में विराजमान होती हैं. कहते हैं होलिका दहन के समय कुछ उपाय करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. मान्यता के अनुसार शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें और फिर गोमती चक्र होलिका में डाल दें.
त्योहारों पर किए गए टोटके या पूजन से क्या असल में कुछ फायदा होता है या फिर एक अंधविश्वास से लोग इन टोटकों को करते हैं. हिंदू धर्म में होली के त्योहार पर मान्यता है कि रात को होलिका दहन के बाद सुबह-सुबह उठकर बिना किसी से बोले होलिका दहन वाली जगह से राख उठाकर लाएं और पीछे मुड़कर न देखें. होलिका दहन की राख को रात के सामय घर में लाकर लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखने से घर में सुख समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता है.
वहीं, पानीपत के फरीदपुर में स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी महेंद्र दास ने कहा कि, ऐसी मान्यता प्राचीन काल से चलती आ रही है कि रात को होलिका दहन के समय अपने देवी-देवताओं का पूजन करने के बाद और होली पर पुष्प, फल और रंग अर्पित करने के बाद जब दहन किया जाता है. वहां से नमन कर घर वापसी आने के बाद सुबह सुबह जल्दी उठकर होलिका दहन की राख उठाकर और बिना किसी से बातचीत किए अपने घर में लाकर रखने से सुख समृद्धि मिलती है. ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है.
होलिका दहन शुभ मुहूर्त: बाबा महेंद्र दास ने बताया कि 7 मार्च को शाम 6:12 से लेकर 8:39 तक होली दहन का समय है. इस पूजन में अपने देवी-देवताओं के पूजन के साथ कर होलिका दहन करें और सुख समृद्धि की कामना करें. अब इस तरह के टोटके या मान्यता से क्या सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है या सिर्फ जनश्रुतियों के अनुसार चली आ रही एक मान्यता है. ईटीवी भारत इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है.
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