पानीपत: पुलिस केस से परेशान होकर नहर में छलांग लगाने वाले पूर्व पार्षद और बीजेपी नेता हरीश शर्मा का शव रविवार दोपहर ढूंढ लिया गया. जिसके बाद परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नेशनल हाईवे-वन पर प्रदर्शन किया. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके साथ गलत व्यवहार कर रही है.
प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया. दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों का रास्ता डायवर्ट किया. पूर्व पार्षद के परिजनों ने सरकारी नौकरी की मांग और पार्षद पर लगाई गई धाराओं को हटाने की मांग की.
बता दें कि पानीपत में पुलिस केस से परेशान होकर नहर में छलांग लगाने वाले पूर्व पार्षद और बीजेपी नेता हरीश शर्मा का शव रविवार दोपहर ढूंढ लिया गया. इस काम में तीन दिन से गोताखोर लगे हुए थे, लेकिन जब कामयाबी हासिल नहीं हुई तो फिर एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला. 75 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद NDRF ने खूबड़़ू गांव के पास से हरीश के शव को ढूंढ निकाला.
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि दिवाली के दिन पटाखे बेचने को लेकर पूर्व पार्षद हरीश शर्मा, उनकी बेटी अंजली शर्मा समेत 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने 11 धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे. इन आरोपों से पूर्व पार्षद काफी तनाव में चले रहे थे. जिसके बाद उन्होंने नहर में छलांग लगा दी थी. उन्हें बचाने के लिए डिपो होल्डर राजेश शर्मा नहर में कूदे तो उनकी डूबने से मौत हो गई. राजेश का शव शुक्रवार को ही निकाल लिया गया था, वहीं हरीश को ढूंढने के लिए तीन दिन से गोताखोरों की विशेष टीम मशक्कत करती रही.
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अब परिजन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. परिजनों ने पुलिस कप्तान मनीषा चौधरी और तहसील कैंप चौकी इंचार्ज को नौकरी से हटाए जाने की मांग की है, साथ ही पूर्व पार्षद समेत जिन लोगों पर मामले दर्ज किए हैं उन सभी पर धाराए हटाने की मांग की है. परिजनों की मांग है कि उनके परिजनों को मुआवजा और एक सरकारी नौकरी जरूर मिले.