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बढ़ते प्रदूषण पर किसानों का आरोप, पराली से पहले चिमनी और फैक्ट्रियों देखें सरकार

पानीपत में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने कई किसानों केस दर्ज किए गए हैं. वहीं किसानों का आरोप है कि सरकार को चिमनी और फैक्ट्रियां नहीं सिर्फ किसान की पराली दिखाई दे रही है.

farmers angry on stubble burning
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Published : Nov 4, 2019, 1:58 PM IST

पानीपत: दिवाली के बाद से दिल्ली और उससे सटे राज्यों में वायु प्रदूषण बढ़ गया है. वायु प्रदूषण से औद्योगिक नगरी पानीपत का बुरा हाल है. पिछले कुछ दिनों से सुबह से ही वातावरण में धूलकण छा जाते हैं. दिवाली के करीब 8 दिन बाद भी पानीपत के लोगों वायु प्रदूषण से परेशान हैं और राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

पराली जलाने के मामलों में आई कमी

लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का मुख्य कारण किसानों को बताया जा रहा है. मीडिया लगातार पराली जलाने की कवरेज को दिखा रहा है. वहीं सरकार भी पराली के जलाने के मामले को लेकर काफी सख्त है. पीएमओ ऑफिस ने भी प्रदूषण के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब को हर रोज रिपोर्ट सौंपने को कहा है. किसानों की ओर उठ रही उंगली पर पानीपत के किसानों ने नाराजगी जाहिर की है. जबकि हरियाणा में इस बार पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है.

पानीपत के किसान, देखें वीडियो

किसानों के सरकार पर आरोप

किसानों का कहना है कि हरियाणा में प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. मीडिया हो या फिर सरकार तमाम लोग किसानों को दोषी साबित करने पर जुटे हैं. प्रदूषण के आंकड़े सामने आने के बाद इतना तो कोई भी बदनाम नहीं हुआ, जितना अबकी बार किसानों की पराली बदनाम हो चुकी है.

ये भी पढ़ें:-प्रदूषण पर हरियाणा और पंजाब को रोज देनी होगी PMO को रिपोर्ट

लगातार वीडियो में प्रदूषण को लेकर किसानों का नाम आने पर किसानों का गुस्सा फूट गया. साथ ही किसानों ने कहा कि मीडिया और सरकार किसानों को दोषी साबित करने में तुली हुई है, सरकार और मीडिया को बड़े-बड़े फर्टिलाइजर, चिमनी, फैक्ट्रियां और कंस्ट्रक्शन दिखाई नहीं दे रहे, सिर्फ किसानों की पराली दिखाई दे रही है.

पानीपत: दिवाली के बाद से दिल्ली और उससे सटे राज्यों में वायु प्रदूषण बढ़ गया है. वायु प्रदूषण से औद्योगिक नगरी पानीपत का बुरा हाल है. पिछले कुछ दिनों से सुबह से ही वातावरण में धूलकण छा जाते हैं. दिवाली के करीब 8 दिन बाद भी पानीपत के लोगों वायु प्रदूषण से परेशान हैं और राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

पराली जलाने के मामलों में आई कमी

लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का मुख्य कारण किसानों को बताया जा रहा है. मीडिया लगातार पराली जलाने की कवरेज को दिखा रहा है. वहीं सरकार भी पराली के जलाने के मामले को लेकर काफी सख्त है. पीएमओ ऑफिस ने भी प्रदूषण के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब को हर रोज रिपोर्ट सौंपने को कहा है. किसानों की ओर उठ रही उंगली पर पानीपत के किसानों ने नाराजगी जाहिर की है. जबकि हरियाणा में इस बार पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है.

पानीपत के किसान, देखें वीडियो

किसानों के सरकार पर आरोप

किसानों का कहना है कि हरियाणा में प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. मीडिया हो या फिर सरकार तमाम लोग किसानों को दोषी साबित करने पर जुटे हैं. प्रदूषण के आंकड़े सामने आने के बाद इतना तो कोई भी बदनाम नहीं हुआ, जितना अबकी बार किसानों की पराली बदनाम हो चुकी है.

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लगातार वीडियो में प्रदूषण को लेकर किसानों का नाम आने पर किसानों का गुस्सा फूट गया. साथ ही किसानों ने कहा कि मीडिया और सरकार किसानों को दोषी साबित करने में तुली हुई है, सरकार और मीडिया को बड़े-बड़े फर्टिलाइजर, चिमनी, फैक्ट्रियां और कंस्ट्रक्शन दिखाई नहीं दे रहे, सिर्फ किसानों की पराली दिखाई दे रही है.

Intro:

एंकर - पानीपत औद्योगिक नगरी में लगातार बढ़ते प्रदूषण से जंहा जनता परेसान हे ,वंही किसानो ने इसको लेकर मिडिया और सरकार द्वारा उन्हें बदनाम करने के लिए जिम्मेवार ठहराया ,और कहा की कोई भी किसान अपने खेतो में पराली नहीं जलाता , किसानो ने उद्योगो को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया ,

Body:वीओ - हरियाणा में प्रदूषण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है मीडिया हो या फिर सरकार तमाम लोग इसको लेकर किसानों को दोषी साबित करने पर जुटे हैं प्रदूषण के आंकड़े सामने आने के बाद इतना तो कोई भी बदनाम नहीं हुआ , जितना अबकी बार किसानों की पराली बदनाम हो चुकी है, लगातार वीडियो में प्रदूषण को लेकर किसानों का नाम आने पर किसानों का गुस्सा भी मीडिया और सरकार पर भड़क चुका है, किसानों ने सरकार पर और मीडिया पर बरसते हुए कहा कि मीडिया और सरकार से किसानों को दोषी करने में तुली हुई है, सरकार और मीडिया को ने तो बड़े-बड़े फर्टिलाइजर चिमनी या फैक्ट्रियां कंट्रक्शन दिखाई नहीं दे रहे सिर्फ सरकार और मीडिया को किसानों की पराली दिखाई देती है किसानों के मुताबि अब तक तो हरियाणा में धान की फसल की कटाई भी पूरी नहीं हुई और किसानों पर आरोप लगाए जा रहे कि किसान अपने खेत में खड़े पराली के पानी चला रहे हैं ,

Conclusion:बाईट -- किसान
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