पानीपत: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है. इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार अस्थाई रूप से कोविड अस्पतालों का निर्माण कर रही है. इसी कड़ी में 16 मई को हरियाणा के पानीपत जिले में 500 बेड के कोविड अस्पताल का उद्घाटन हुआ.
सरकार ने दावा किया कि अब पानीपत या उसके साथ लगते जिलों में बेड की कमी को पूरा किया जा सकेगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अस्पताल में बेड की सुविधा तो है, लेकिन सही इलाज अभी भी नहीं हो रहा.
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कोविड अस्पताल में अपनी पत्नी का इलाज करवाने आए श्यामलाल ने बताया कि उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव हैं और उनको सही इलाज नहीं मिल रहा है. उनका कहना है कि कोविड अस्पताल में दवाइयों की भी काफी कमी है. उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टर समय पर दवाई नहीं देते हैं और मरीज को देखने के लिए भी स्टाफ नहीं है.
'अगर पहले से पता होता तो यहां इलाज के लिए नहीं आते'
श्यामलाल की तरह ही उम्मीद लेकर आसाराम भी अपने जानकार का इलाज करवाने कोविड अस्पताल पहुंचे. उन्होंने बताया कि कोविड अस्पताल में स्टाफ की काफी कमी है और दवाइयों की सुविधा नहीं है. आसाराम कहते हैं कि अगर उन्हें अस्पताल की हालत का पता होता तो वो यहां किसी को इलाज के लिए नहीं लाते. वो हर किसी से यही कह रहे हैं कि यहां वो फंस गए हैं.
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कोविड अस्पताल में एक भी वेंटीलेटर नहीं
हरियाणा सरकार ने इस कोविड अस्पताल का जल्दबाजी में उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन व्यवस्थाओं पर किसी का ध्यान नहीं गया. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में ये सामने आया कि 500 बेड के इस अस्पताल में मात्र 2 डॉक्टर और 6 नर्स कार्यरत हैं और हैरान करने वाली बात है कि 500 बेड के अस्पताल में एक भी वेंटीलेटर नहीं है. बता दें कि अभी अस्पताल में 250 बेड की एक्टिव किए गए हैं.
क्या अस्पताल का उद्घाटन महज दिखावा था?
500 बेड के इस कोविड अस्पताल को 18 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. अस्पताल को शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि समस्याएं आपके सामने हैं. ऐसे में सरकार से ये सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि क्या इस अस्पताल का उद्घाटन महज दिखावा था? आखिर सरकार अभी भी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर जोर क्यों नहीं दे रही?