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डॉक्टरों की कमी के कारण पानीपत सरकारी अस्पताल बना रेफर प्वाइंट - पानीपत सरकारी अस्पताल

हरियाणा के पानीपत सरकारी अस्पताल (Panipat Government hospital) में डॉक्टरों की कमी के कारण सिर्फ एक रेफर प्वाइंट बनकर रह गया है. 200 बेड के इस अस्पताल को बने लगभग तीन साल हो चुके हैं. परंतु यहां सुविधाएं 100 बेड के अस्पताल की भी नहीं हैं.

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Published : Dec 4, 2022, 10:33 AM IST

पानीपत: हरियाणा के पानीपत सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी (Doctor Shortage In Panipat Government hospital) के कारण सिर्फ एक रेफर प्वाइंट बनकर रह गया है. 200 बेड के इस अस्पताल को बने लगभग तीन साल हो चुके हैं. परंतु यहां सुविधाएं 100 बेड के अस्पताल की भी नहीं हैं. दो सौ बेड के हिसाब से सिविल अस्पताल में 110 डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने थे लेकिन अब भी यह अस्पताल 38 डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. इन 38 डॉक्टरों में छह डिप्टी सिविल सर्जन, एमएस और एक डिप्टी एमएस है.

ओपीडी करने के लिए महज 30 डॉक्टर ही हैं और 17 डॉक्टरों के पद खाली हैं. अस्पताल में 90 स्टाफ नर्सों के पद स्वीकृत हैं सात पद खाली हैं. डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी एक्सीडेंट में घायल हुए मरीजों को होती है मामूली चोट के बाद भी मरीज को खानपुर या रोहतक रेफर किया जाता है.

अल्ट्रासाउंड के लिए मारामारी- आज के आधुनिक युग में 5D और 7D की मशीनों के साथ अल्ट्रासाउंड करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं. परंतु अस्पताल में 2D मशीन के साथ ही पहले अल्ट्रासाउंड किया जाता था अस्पताल को तीन साल पहले एक संस्था ने अल्ट्रासाउंड मशीन भेंट की थी सिविल अस्पताल में सिर्फ गर्भवतियों के ही अल्ट्रासाउंड होते हैं.

गर्भवती महिलाओं के भी एक बड़ी तारीख का इंतजार करने के बाद अल्ट्रासाउंड किया जाता है. दूसरे अल्ट्रासाउंड के मरीजों को यहां से खानपुर मेडिकल कॉलेज (Khanpur Medical College) रेफर किया जाता है. कई बार तो अस्पताल में कॉमन और प्राथमिकता से मिलने वाली दवाइयों तक की भी कमी हो जाती है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है और भारी-भरकम रेट पर बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है.

बता दें कि जब प्रदेश भर के अस्पतालों में एनक्वास टीम का दौरा हुआ था तो अस्पताल में सभी सुख सुविधाएं एकदम दुरुस्त दिखा दी गई थी. प्रदेश में पानीपत जिले का अस्पताल प्रथम स्थान पर आया था परंतु 3 दिन टीम के दौरे के बाद फिर व्यवस्था वही आकर रुक गई और फिर से पानीपत का अस्पताल ( (Panipat Government hospital) रेफर पॉइंट बन गया.
बता दें कि पानीपत जिला एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है. यहां लगभग 7 से 8 लाख प्रवासी मजदूर भी काम करते हैं. 16 से 17 लाख जिले की जनसंख्या है फिर भी मेडिकल सुविधाओं के नाम पर यहां मात्र 200 बेड का अस्पताल है. 200 बेड के अस्पताल में सुविधाएं सौ बेड की भी पूरी नहीं है.

पानीपत: हरियाणा के पानीपत सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी (Doctor Shortage In Panipat Government hospital) के कारण सिर्फ एक रेफर प्वाइंट बनकर रह गया है. 200 बेड के इस अस्पताल को बने लगभग तीन साल हो चुके हैं. परंतु यहां सुविधाएं 100 बेड के अस्पताल की भी नहीं हैं. दो सौ बेड के हिसाब से सिविल अस्पताल में 110 डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने थे लेकिन अब भी यह अस्पताल 38 डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. इन 38 डॉक्टरों में छह डिप्टी सिविल सर्जन, एमएस और एक डिप्टी एमएस है.

ओपीडी करने के लिए महज 30 डॉक्टर ही हैं और 17 डॉक्टरों के पद खाली हैं. अस्पताल में 90 स्टाफ नर्सों के पद स्वीकृत हैं सात पद खाली हैं. डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी एक्सीडेंट में घायल हुए मरीजों को होती है मामूली चोट के बाद भी मरीज को खानपुर या रोहतक रेफर किया जाता है.

अल्ट्रासाउंड के लिए मारामारी- आज के आधुनिक युग में 5D और 7D की मशीनों के साथ अल्ट्रासाउंड करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं. परंतु अस्पताल में 2D मशीन के साथ ही पहले अल्ट्रासाउंड किया जाता था अस्पताल को तीन साल पहले एक संस्था ने अल्ट्रासाउंड मशीन भेंट की थी सिविल अस्पताल में सिर्फ गर्भवतियों के ही अल्ट्रासाउंड होते हैं.

गर्भवती महिलाओं के भी एक बड़ी तारीख का इंतजार करने के बाद अल्ट्रासाउंड किया जाता है. दूसरे अल्ट्रासाउंड के मरीजों को यहां से खानपुर मेडिकल कॉलेज (Khanpur Medical College) रेफर किया जाता है. कई बार तो अस्पताल में कॉमन और प्राथमिकता से मिलने वाली दवाइयों तक की भी कमी हो जाती है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है और भारी-भरकम रेट पर बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है.

बता दें कि जब प्रदेश भर के अस्पतालों में एनक्वास टीम का दौरा हुआ था तो अस्पताल में सभी सुख सुविधाएं एकदम दुरुस्त दिखा दी गई थी. प्रदेश में पानीपत जिले का अस्पताल प्रथम स्थान पर आया था परंतु 3 दिन टीम के दौरे के बाद फिर व्यवस्था वही आकर रुक गई और फिर से पानीपत का अस्पताल ( (Panipat Government hospital) रेफर पॉइंट बन गया.
बता दें कि पानीपत जिला एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है. यहां लगभग 7 से 8 लाख प्रवासी मजदूर भी काम करते हैं. 16 से 17 लाख जिले की जनसंख्या है फिर भी मेडिकल सुविधाओं के नाम पर यहां मात्र 200 बेड का अस्पताल है. 200 बेड के अस्पताल में सुविधाएं सौ बेड की भी पूरी नहीं है.

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