पानीपत: शहर के बीच से गुजरने वाली दिल्ली से लाहौर रेलवे लाइन पर हादसों की संख्या (death cases increased in panipat) बढ़ती जा रही है. अवैध रूप से रेलवे ट्रैक क्रॉसिंग करते हुए रोजाना दो से 3 लोग अपनी जान गवां रहे हैं. शॉर्टकट के चलते लोग ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. पानीपत जिले में साल 2021 में जब ट्रेनों की आवागमन कोरोना की जवह से धीमा था. तब ट्रेन की चपेट में आने से 131 लोगों की मौत हुई.
जिनमें से 87 लोग लापरवाही के कारण अपने जीवन से हाथ धो बैठे और 37 लोगों ने आत्महत्या की. मरने वालों में 109 पुरुष शामिल हैं. महिलाओं की संख्या पिछले साल 11 थी. एक बच्चे की भी लापरवाही के कारण जान चली गई ती. अब साल 2022 में ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. जनवरी से मार्च के भीतर 33 लोग अवैध रूप से रेलवे क्रॉसिंग को पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आ गए और 16 लोगों ने आत्महत्या की है.
मरने वालों में 44 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं. 3 महीनों में ये आंकड़ा लगभग डबल हो गया है. सिर्फ लोग लापरवाही के चलते अपनी जान की परवाह किए बगैर रेलवे लाइनों को क्रॉस करते हैं. कुछ नशेड़ी लोग तो रेलवे लाइनों को ही अपना घर समझते हैं. वो पूरा दिन रेल की पटरियों पर ही बैठे रहते हैं. जीआरपी के ड्यूटी थाना इंचार्ज बलवान सिंह ने बताया कि मामलों में ट्रेन की चपेट में आने से जान गंवाने वालों की संख्या (death in panipat after hit by train) में इजाफा जरूर हुआ है.
वो रोजाना रेलवे लाइनों पर गश्त करके लोगों के चालान करते हैं. इसके साथ ही लोगों को लगातार जारुक किया जाता है. उन्होंने बताया है कि लोग शॉर्टकट के चक्कर में इन रेलवे लाइनों को क्रॉस करते हैं. उन्होंने लोगों से ऐसा ना करने की अपील की. बलवान सिंह ने कहा कि अवैध रूप से रेलवे लाइन क्रॉसिंग करना एक कानूनन अपराध है. जिसके चलते ₹500 जुर्माना और 6 महीने तक जेल की सजा का प्रावधान भी है. उन्होंने कहा कि लोगों को स्वयं ही जागरूक होना पड़ेगा. कुछ अवैध क्रॉसिंग को उन्होंने प्रशासन की मदद से बंद भी करवा दिया है और कुछ को बंद करवाने का काम जारी है.
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