पानीपत: जब हम कभी डाकुओं लुटेरों की बात करते हैं, तो चंबल का डाकू एकदम याद आता है. आज हम आपको हरियाणा के ऐसे डाकू की कहानी बताएंगे जिसके नाम से 90 के दशक में नेशनल हाईवे 1 दिन हो या रात सुनसान हो जाता था. हम बात कर रहे हैं पानीपत गांव डाढोला में रहने वाले फूल कुमार की जो 90 के दशक में डाकू फूला के नाम से विख्यात हुआ.
फुल कुमार से डाकू फूला बनने की कहानी जानिए: कहते हैं डाकू, चोर या अपराधी कोई ऐसे ही नहीं बन जाता कोई न कोई वजह रहती होगी, जिसके पीछे वो क्राइम करना शुरू कर देते होंगे. बस ऐसा ही कुछ फूल कुमार की कहानी में भी है. जवानी के जोश में दोस्तों के साथ फूल कुमार ने पहली डकैती 1989 में 22 साल की उम्र में नेशनल हाईवे पर ट्रक लूटकर की थी. 1 साल की जेल काटने के बाद फूल कुमार जमानत पर बाहर आ गया. जो क्राइम उसने किया था उस पर फूल कुमार को पछतावा हुआ.
क्राइम की शुरुआत: जिसके बाद वह एक फैक्ट्री में काम करने लगा. जब भी कोई डकैती लूट या चोरी की वारदात होती थी. पुलिस बेवजह फूला सिंह को पूछताछ करने के लिए उठाकर ले जाती और इंटेरोगेटर करती थी. पुलिस की बार बार पूछताछ से परेशान हो चुका फूल कुमार अब डाकू बनने की डगर पर चल पड़ा. फुल कुमार सोचा जो क्राइम उसने किया ही नहीं जब उनकी सजा भी उसे भुगतनी पड़ रही है, तो इससे अच्छा वह क्राइम करना शुरू कर दें.
जेल से ऐसे हुआ फरार: उसके बाद सिलसिला शुरू हुआ नेशनल हाईवे पर एक के बाद एक डकैती होने लगी और हर डकैती में फूला सिंह का नाम सामने आने लगा. दर्जनों डकैती हो के बाद आखिरकार पुलिस ने फूला सिंह को गिरफ्तार कर लिया. डकैती के दौरान फूला सिंह से 3 मर्डर भी किये. फूला सिंह को हरियाणा की सबसे सुरक्षित और हाई सिक्योरिटी कहीं जाने वाली अंबाला जेल में बंद कर दिया गया. वहां से भी फूला सिंह अपने दोस्तों के साथ पुलिस की आंखों में मिर्ची डालकर जेल से फरार हो गया.
कत्ल की घिनौनी साजिश: हरियाणा के बाद अब फूला सिंह का नाम दिल्ली और राजस्थान में हो रही लूट में सामने आने लगा. लूट के दौरान फूला सिंह द्वारा की गई हत्याओं की संख्या पांच हो गई और डकैती के मामले 45 से ज्यादा. 5 साल के बाद दिल्ली के नजदीकी रेलवे लाइन पर फूला सिंह की दो टुकड़ों में लाश बरामद हुई. पुलिस रिकॉर्ड में परिवार की नजरों में और गांव के लिए फूला सिंह मर चुका था.
अचानक जिंदा हो गया डकैत: डाकू फूला की मौत के 2 साल बाद दिल्ली पुलिस ने रेड लाइन बस के एक ड्राइवर एक्सीडेंट करने के जुर्म में गिरफ्तार किया. जब उस ड्राइवर को गिरफ्तार कर नाम और पता पूछा गया तो उसने अपना नाम फूल कुमार गांव डाढौला जिला पानीपत बताया. पुलिस ने वेरीफाई करने के लिए पानीपत पुलिस से संपर्क किया, तो दिल्ली पुलिस को पता लगा कि फूला सिंह 2 साल पहले मर चुका है और एक बड़ा क्राइम रिकॉर्ड किसके नाम है.
शातिराना अंदाज में पुलिस को किया गुमराह: पानीपत पुलिस तुरंत हरकत में आई और बस ड्राइवर को गिरफ्तार किया. पहचान करने पर वह डाकू फूला सिंह ही निकला 2 साल मरने के बाद कैसे जिंदा हो गया. पूछने पर फूला सिंह ने बताया कि वह दिल्ली से किसी राह चलते इंसान को बहला-फुसलाकर काम दिलाने के बहाने हरियाणा में लेकर आया. पानीपत जिले के एरिया में उसको शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी और अपने कपड़े पहना कर आइडेंटी प्रूफ उसके जेब में डालकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया ताकि उसकी पहचान ना हो सके.
ये भी पढ़ें: JBT Teacher Murder Case in Bhiwani: जमीन हड़पने के लिए बड़े भाई ने की छोटे भाई, उसकी पत्नी और बेटी की हत्या!
अब जमानत पर बाहर है फूला सिंह: घरवालों की पहचान पर पुलिस ने भी मान लिया कि फूला सिंह की हादसे में मौत हो चुकी है. फूला सिंह पर हत्या, 45 लूट और आर्म्स एक्ट, हत्या की कोशिश जैसे दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए. हरियाणा में सबसे ज्यादा बार जेल ब्रेक करने का रिकॉर्ड भी इसी डाकू के नाम दर्ज है. फूला सिंह दो बार जेल ब्रेक कर फरार हुआ और तीन बार पुलिस की आंखों में मिर्ची डालकर कोर्ट में ले जाते समय फरार हुआ. फिलहाल फूला सिंह 4 मई 2016 से जमानत पर बाहर है.
ये भी पढ़ें: Rohtak crime news: पति की हत्या में शामिल पत्नी, पत्नी का प्रेमी और बेटी गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में तीनों आरोपी