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हत्या केस में 24 साल से फरार आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार, पुलिस ने फिल्मी अंदाज में दबोचा

Criminal Arrested in Panipat: पानीपत पुलिस ने हत्या के मामले में 24 साल से फरार एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी में रह रहा था. 24 साल पहले एक युवक की हत्या के मामले में जेल से जमानत पर आने के बाद से वो फरार हो गया था.

Criminal Arrested in Panipat
Criminal Arrested in Panipat
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 23, 2023, 10:23 PM IST

पानीपत: सीआईए-2 पानीपत ने थाना इसराना में आने वाले लौहारी गांव में 24 साल पहले हुई युवक की हत्या मामले में 24 साल से फरार चल रहे आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान लौहारी के रहने वाले रामेहर के रूप में हुई है. घटना 1999 की है. एक व्यक्ति की हत्या में आरोपी रामेहर जमानत पर आने के बाद फरार हो गया था, जबकि इस मामले के बाकी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

पानीपत थाना इसराना प्रभारी इंस्पेक्टर बलराज ने बताया कि लौहारी गांव के रहने वाले भीमा पुत्र भरतू ने 1999 में शिकायत देकर बताया था कि 18 मई 1999 को वो और उसका बड़ा भाई गोरधन गांव औसर में ट्यूबवेल लगाकर एक साथ देर शाम घर लौटे थे. गोरधन देर शाम करीब 7:30 बजे घूमने फिरने के लिए घर से बाहर चला गया था. देर शाम तक वापस घर नही लौटा तो वो भाई को देखने के लिए अड्डे की तरफ गया. वहां गांव निवासी बलबीर और चंद्र पुत्र हरिचंद, नन्हा पुत्र श्रीचंद और रामेहर पुत्र चंद्र उसके भाई गौरधन को नीचे सड़क पर गिराकर गंडासी, सरिया और लाठी से पीट रहे थे. उसके भाई के सिर में काफी चोट लगने से वो बेहोश हो गया.

जब उसने छुड़ाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसको भी जमीन पर पटककर जमकर पीटा. पीटने के बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देकर भाग गए. दोनों को परिजन इलाज के लिए पानीपत सिविल अस्पातल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर ने गोरधन की गंभीर हालत को देखते हुए उसे रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया. बाद में इलाज के दौरान गोरधन की मौत हो गई थी. शिकायत पर थाना इसराना में आरोपियों के खिलाफ मारपीट और हत्या की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

इसराना थाना इंस्पेक्टर बलराज के मुताबिक इसराना पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए वारदात के पांच दिन बाद ही आरोपी बलबीर, चंद्र, नन्हा और रामेहर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. चारों आरोपी करीब 10 महीने बाद बेल पर जेल से बाहर आ गए. आरोपी रामेहर बेल पर आने के बाद फरार हो गया था. न्यायालय ने रामेहर को 15 जुलाई 2002 को उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया. आरोपी बलबीर, चंद्र व नन्हा को 4 दिसम्बर 2003 को उम्र केद की सजा हो गई.

इंस्पेक्टर बलराज ने बताया कि सीआईए टू पुलिस ने शुक्रवार को मिली गुप्त सूचना पर दबिश देकर फरार आरोपी रामेहर को दिल्ली से गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया उसने दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर छुपकर फरारी काटी थी. हाल में आरोपी दिल्ली के मोतीनगर राखी मार्केट में झुग्गी डालकर रह रहा था.

पानीपत: सीआईए-2 पानीपत ने थाना इसराना में आने वाले लौहारी गांव में 24 साल पहले हुई युवक की हत्या मामले में 24 साल से फरार चल रहे आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान लौहारी के रहने वाले रामेहर के रूप में हुई है. घटना 1999 की है. एक व्यक्ति की हत्या में आरोपी रामेहर जमानत पर आने के बाद फरार हो गया था, जबकि इस मामले के बाकी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

पानीपत थाना इसराना प्रभारी इंस्पेक्टर बलराज ने बताया कि लौहारी गांव के रहने वाले भीमा पुत्र भरतू ने 1999 में शिकायत देकर बताया था कि 18 मई 1999 को वो और उसका बड़ा भाई गोरधन गांव औसर में ट्यूबवेल लगाकर एक साथ देर शाम घर लौटे थे. गोरधन देर शाम करीब 7:30 बजे घूमने फिरने के लिए घर से बाहर चला गया था. देर शाम तक वापस घर नही लौटा तो वो भाई को देखने के लिए अड्डे की तरफ गया. वहां गांव निवासी बलबीर और चंद्र पुत्र हरिचंद, नन्हा पुत्र श्रीचंद और रामेहर पुत्र चंद्र उसके भाई गौरधन को नीचे सड़क पर गिराकर गंडासी, सरिया और लाठी से पीट रहे थे. उसके भाई के सिर में काफी चोट लगने से वो बेहोश हो गया.

जब उसने छुड़ाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसको भी जमीन पर पटककर जमकर पीटा. पीटने के बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देकर भाग गए. दोनों को परिजन इलाज के लिए पानीपत सिविल अस्पातल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर ने गोरधन की गंभीर हालत को देखते हुए उसे रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया. बाद में इलाज के दौरान गोरधन की मौत हो गई थी. शिकायत पर थाना इसराना में आरोपियों के खिलाफ मारपीट और हत्या की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

इसराना थाना इंस्पेक्टर बलराज के मुताबिक इसराना पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए वारदात के पांच दिन बाद ही आरोपी बलबीर, चंद्र, नन्हा और रामेहर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. चारों आरोपी करीब 10 महीने बाद बेल पर जेल से बाहर आ गए. आरोपी रामेहर बेल पर आने के बाद फरार हो गया था. न्यायालय ने रामेहर को 15 जुलाई 2002 को उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया. आरोपी बलबीर, चंद्र व नन्हा को 4 दिसम्बर 2003 को उम्र केद की सजा हो गई.

इंस्पेक्टर बलराज ने बताया कि सीआईए टू पुलिस ने शुक्रवार को मिली गुप्त सूचना पर दबिश देकर फरार आरोपी रामेहर को दिल्ली से गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया उसने दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर छुपकर फरारी काटी थी. हाल में आरोपी दिल्ली के मोतीनगर राखी मार्केट में झुग्गी डालकर रह रहा था.

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