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कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट का अल्टीमेटम, 30 सितंबर तक पीएनजी कनेक्शन नहीं लेने वाले इंडस्ट्रीज पर लगेगा ताला

उद्यमियों को पीएनजी के कनेक्शन लेने की समय सीमा में कोई राहत नहीं मिली है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने बुधवार को हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, एसीएस और प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सचिव को पत्र जारी कर किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है.

commission for air quality management
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट का अल्टीमेटम, 30 सितंबर तक पीएनजी कनेक्शन नहीं लेने वाले इंडस्ट्रीज पर लगेगा ताला
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Published : May 19, 2022, 9:26 AM IST

पानीपत: उद्यमियों को पीएनजी के कनेक्शन लेने की समय सीमा में कोई राहत नहीं मिली है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने बुधवार को हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, एसीएस और प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सचिव को पत्र जारी कर किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है. कमीशन ने पीएनजी पर उद्योगों को स्थापित करने के निर्देश सख्ती से जारी कर दिए हैं.

कमीशन के मेंबर सचिव अरविन नौटियाल ने जारी निर्देशों में तीनों प्रदेशों के मुख्य सचिव, एसीएस व मेंबर सचिव को साफ निर्देश दिए हैं कि वो अपने अपने क्षेत्र में सर्वे कर लें. कितने उद्यमियों ने पीएनजी पर उद्योगों को ‌स्थापित कर लिया है. 30 सितंबर के बाद उद्योग कोयला और अन्य प्रकार के फ्यूल पर चलते मिले तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. उद्योगों को 30 सितंबर के बाद कोई राहत नहीं मिलेगी. इस आदेश के बाद उद्य‌मी काफी चिंतित हैं. उन्होंने पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा है. उद्यमियों की मांग है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें.

अब तक पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं तैयार- अब तक केवल सेक्टर-25 और सेक्टर-29 में ही पीएनजी की पाइपलाइन बिछाई गई है. अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, बरसत रोड और पसीना रोड में पीएनजी पाइपलाइन नहीं बिछी है. उधर, पीएनजी पर आने के लिए उद्योगों को 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी उद्यमियों को नोटिस जारी कर दिया है. उद्यमियों का कहना है कि सरकार के पास बॉयलर को पीएनजी संचालित करने के लिए पर्याप्त बर्नर नहीं हैं। ऐसे में सभी उद्योगों को 30 सितंबर तक पीएनजी पर शिफ्ट करना संभव नहीं है. इसमें 40-50 लाख तक का खर्च आएगा। उन्होंने सरकार से इस तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है.

अन्य प्रदेशों में है सस्ता ईंधन, पीएनजी पड़ेगी महंगी
सूरत, पालनी अहमदाबाद, लुधियाना, कोसी अमृतसर में सस्ता ईंधन प्रयोग होता है. गुजरात में पांच रुपये प्रति किलोग्राम का लिग्नाइट कोयला इस्तेमाल किया जाता है. पंजाब के लुधियाना में 15 रुपये प्रति किलोग्राम का पेटकोक का इस्तेमाल होता है. पीएनजी मिलेगी 58 रुपये प्रति किलोग्राम. ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ेगी.

पर्यावरण मंत्री से करेंगे मुलाकात
सेक्टर 29 पार्ट-2 में 250 फैक्टरियां लगी हैं. कुराड़ रोड पर भी उद्योग हैं. वहां कॉमन बायलर की सुविधा दी जाए. इस समस्या के समाधान के लिए सांसद संजय भाटिया के माध्यम से उद्यमी पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे.

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पानीपत: उद्यमियों को पीएनजी के कनेक्शन लेने की समय सीमा में कोई राहत नहीं मिली है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने बुधवार को हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, एसीएस और प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सचिव को पत्र जारी कर किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है. कमीशन ने पीएनजी पर उद्योगों को स्थापित करने के निर्देश सख्ती से जारी कर दिए हैं.

कमीशन के मेंबर सचिव अरविन नौटियाल ने जारी निर्देशों में तीनों प्रदेशों के मुख्य सचिव, एसीएस व मेंबर सचिव को साफ निर्देश दिए हैं कि वो अपने अपने क्षेत्र में सर्वे कर लें. कितने उद्यमियों ने पीएनजी पर उद्योगों को ‌स्थापित कर लिया है. 30 सितंबर के बाद उद्योग कोयला और अन्य प्रकार के फ्यूल पर चलते मिले तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. उद्योगों को 30 सितंबर के बाद कोई राहत नहीं मिलेगी. इस आदेश के बाद उद्य‌मी काफी चिंतित हैं. उन्होंने पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा है. उद्यमियों की मांग है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें.

अब तक पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं तैयार- अब तक केवल सेक्टर-25 और सेक्टर-29 में ही पीएनजी की पाइपलाइन बिछाई गई है. अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, बरसत रोड और पसीना रोड में पीएनजी पाइपलाइन नहीं बिछी है. उधर, पीएनजी पर आने के लिए उद्योगों को 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी उद्यमियों को नोटिस जारी कर दिया है. उद्यमियों का कहना है कि सरकार के पास बॉयलर को पीएनजी संचालित करने के लिए पर्याप्त बर्नर नहीं हैं। ऐसे में सभी उद्योगों को 30 सितंबर तक पीएनजी पर शिफ्ट करना संभव नहीं है. इसमें 40-50 लाख तक का खर्च आएगा। उन्होंने सरकार से इस तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है.

अन्य प्रदेशों में है सस्ता ईंधन, पीएनजी पड़ेगी महंगी
सूरत, पालनी अहमदाबाद, लुधियाना, कोसी अमृतसर में सस्ता ईंधन प्रयोग होता है. गुजरात में पांच रुपये प्रति किलोग्राम का लिग्नाइट कोयला इस्तेमाल किया जाता है. पंजाब के लुधियाना में 15 रुपये प्रति किलोग्राम का पेटकोक का इस्तेमाल होता है. पीएनजी मिलेगी 58 रुपये प्रति किलोग्राम. ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ेगी.

पर्यावरण मंत्री से करेंगे मुलाकात
सेक्टर 29 पार्ट-2 में 250 फैक्टरियां लगी हैं. कुराड़ रोड पर भी उद्योग हैं. वहां कॉमन बायलर की सुविधा दी जाए. इस समस्या के समाधान के लिए सांसद संजय भाटिया के माध्यम से उद्यमी पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे.

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