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पानीपत सिविल हॉस्पिटल के सफाई कर्मचारी बैठे धरने पर, प्रदर्शन करने के कारण निकाला गया था नौकरी से

पानीपत के सिविल हॉस्पिटल (panipat civil hospital) में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को मांगों को लेकर प्रदर्शन करना भारी पड़ गया. कर्मचारियों की ओर से ठेका प्रथा को खत्म किए जाने की मांग की जा रही थी. इसके बाद ठेकेदार ने कुल 14 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. अब ये कर्मचारी अस्पताल में धरना (cleaning workers strike panipat) दे रहे हैं.

cleaning workers strike panipat
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Published : Nov 25, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 4:44 PM IST

पानीपत: कोरोना काल में सिविल अस्पताल (panipat civil hospital) के सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का नाम दिया गया था. इन्होंने कोरोना पीड़ितों की हर संभव देखभाल की थी, लेकिन अब इन्हीं कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया. वजह सिर्फ इतनी है कि ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद ठेकेदार की दबंगई के चलते इनकी नौकरी चली गई. जिसके विरोध में अब ये सफाई कर्मचारी धरने (cleaning workers strike panipat) पर बैठ गए हैं.

कोरोना काल में जिन मरीजों का कोई देखभाल भी नहीं करने वाला था. यहां तक की मरीज के परिजन भी उनके पास आने से कतराते थे. उन मरीजों की देखभाल इन फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के द्वारा की गई थी. अब आज ठेकेदार की मनमानी के चलते इनकी अनदेखी की जा रही है. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. कर्मचारियों की मांग है कि ठेका प्रथा खत्म किया जाए, पुराने कर्मचारी ना हटाया जाए, समान काम के बदले समान वेतन मिले, आउटसोर्सिंग का बकाया वेतन जारी करें और हटाए गए कर्मचारियों को तुरंत वापस लिया जाए.

ये भी पढ़ें- कैथल: वेतन ना मिलने से परेशान सफाई कर्मचारियों ने मार्केट कमेटी के सचिव को सौंपा ज्ञापन

अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों का भी आरोप है कि उनसे अपने घरेलू कार्य करवाए जाते हैं. इसके अलावा ठेकेदार उनसे बदतमीजी से बात करता है. यही नहीं ठेकेदार द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है. इसी को लेकर कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे. जिससे नाराज होकर ठेकेदार ने इनको नौकरी से निकाल दिया. इन 14 कर्मचारियों की बर्खास्तगी से सिविल अस्पताल के कर्मचारियों में खासा रोष है. सभी कर्मचारियों ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई है कि सभी कर्मचारियों को वापस रखा जाए और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए.

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पानीपत: कोरोना काल में सिविल अस्पताल (panipat civil hospital) के सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का नाम दिया गया था. इन्होंने कोरोना पीड़ितों की हर संभव देखभाल की थी, लेकिन अब इन्हीं कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया. वजह सिर्फ इतनी है कि ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद ठेकेदार की दबंगई के चलते इनकी नौकरी चली गई. जिसके विरोध में अब ये सफाई कर्मचारी धरने (cleaning workers strike panipat) पर बैठ गए हैं.

कोरोना काल में जिन मरीजों का कोई देखभाल भी नहीं करने वाला था. यहां तक की मरीज के परिजन भी उनके पास आने से कतराते थे. उन मरीजों की देखभाल इन फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के द्वारा की गई थी. अब आज ठेकेदार की मनमानी के चलते इनकी अनदेखी की जा रही है. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. कर्मचारियों की मांग है कि ठेका प्रथा खत्म किया जाए, पुराने कर्मचारी ना हटाया जाए, समान काम के बदले समान वेतन मिले, आउटसोर्सिंग का बकाया वेतन जारी करें और हटाए गए कर्मचारियों को तुरंत वापस लिया जाए.

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अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारियों का भी आरोप है कि उनसे अपने घरेलू कार्य करवाए जाते हैं. इसके अलावा ठेकेदार उनसे बदतमीजी से बात करता है. यही नहीं ठेकेदार द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है. इसी को लेकर कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे. जिससे नाराज होकर ठेकेदार ने इनको नौकरी से निकाल दिया. इन 14 कर्मचारियों की बर्खास्तगी से सिविल अस्पताल के कर्मचारियों में खासा रोष है. सभी कर्मचारियों ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई है कि सभी कर्मचारियों को वापस रखा जाए और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए.

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Last Updated : Nov 25, 2021, 4:44 PM IST
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