पानीपत: कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद अटावला गांव की रहने वाली एक आशा वर्कर की शुक्रवार को निजी अस्पताल में मौत हो गई है. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने मौत का जिम्मेदार प्रशासन को ठहराया है.
परिजनों ने बताया कि कविता आशा वर्कर के तौर पर लगभग पिछले 5 सालों से पीएचसी में कार्यरत थी. तीन फरवरी को कविता को गांव में वैक्सीनेशन कैंप के दौरान कोरोना की वैक्सीन दी गई. जिसके बाद से ही कविता की हालत बिगड़नी शुरू हो गई.
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परिजनों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद कविता को एक निजी अस्पताल में लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन कविता को दूसरे अस्पताल लेकर आए. जहां इलाज के दौरान आशा वर्कर कविता ने दम तोड़ दिया.
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कविता की मौत की सूचना मिलते ही परिजन बेकाबू हो गए और अस्पताल में ही सरकार और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. परिजनों ने प्रशासन को मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
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वहीं इस बारे में जब सिविल सर्जन संत लाल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला को पहले से कई बीमारियां थी. निमोनिया के लिए ग्रसित होने के बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई.
उन्होंने कहा कि मौत के पीछे का क्या कारण रहा वो तो पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा. फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए आशा वर्कर का शव पानीपत के शव गृह में लाया गया है.
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