पानीपत: 25 रुपये के एंडीबॉडी इंजेक्शन का लेबल बदलकर उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) के नाम पर 25 हजार का बेचने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को पुलिस के गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तीन आरोपियों में से एक गिरोह का सरगना भी है. पानीपत सीआईए थ्री की टीम पहले ही इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 47 लाख रुपये भी बरादम किए हैं.
मामले की जानकारी देते हुए पानीपत के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार आनंद ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में जब रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बड़ी तो उतर प्रदेश के रहने वाले फार्मासिस्ट ने पंचकूला की एक कंपनी से 25 रुपये प्रति इंजेक्शन की कीमत के 12,000 एंटीबॉडी इंजेक्शन खरीदे. इसके बाद उन इंजेक्शनों को पानी के टब में डाला गया ताकि उनका लेबल उतर सके.
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चूंकि मुख्य आरोपी एक फार्मासिस्ट था तो उसनें अपने रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल कर पहले ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का रेपर प्रिंट करा लिए थे. जिसके बाद इन रेपरों को एंटीबॉडी इजेक्शन पर चिपका दिया गया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उत्तर भारत के कई राज्यो के मेडिकल स्टोर्स पर ये नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे गए, जो असल में एंटीबॉडी इजेक्शन थे.
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उन्होंने बताया कि जब इस गैंग के कुछ लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था जब पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने पंजाब के रोपड़ जिले की भाखड़ा नदी में इन इजेक्शनों को बहा दिया था. जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था. अब पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सरगना सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिन्हें कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया जाएगा.