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पानीपत कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म के आरोपी को किया बरी, आरोपी अखलाख ने हाथ काटने का लगाया था आरोप - misdemeanor with minor

उतर प्रदेश से पानीपत में काम के सिलसिले में आए अखलाख सलमानी (panipat Akhlaq Salmani) नाम के युवक का हाथ कट गया था. अखलाक का आरोप था हिन्दू संगठनों ने उसके हाथ पर 786 लिखा देख हाथ काटा था. अखलाख पर 9 साल के बच्चे के साथ कुकर्म के आरोप लगे थे. दो साल बाद इन आरोपो से कोर्ट ने अखलाक को बरी कर दिया.

Man Acquitted of rape charges In Panipat
कुकर्म के आरोप से बाइज्जत बरी हुआ अखलाक सलमानी, इस संगठन पर लगा था हाथ काटने का आरोप
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Published : Jun 1, 2022, 7:08 AM IST

Updated : Jun 1, 2022, 1:47 PM IST

पानीपत: कुकर्म के एक मामले के आरोपी अखलाख को पानीपत की अदालत ने बरी कर दिया है. मामला करीब दो साल पुराना है जब अखलाख पर एक नाबालिग से कुकर्म (misdemeanor with minor) का आरोप लगा था. उत्तर प्रदेश के रहने वाले अखलाख पर आरोप लगा था कि उसने घर में घुसकर नाबालिग से कुकर्म किया और इसी बीच हुए झगड़े में अखलाख का हाथ कट गया. हालांकि अखलाख के मुताबिक उसके हाथ पर 786 लिखा होने के कारण हिंदू संगठन ने उसका हाथ काट दिया. मामले में पुलिस ने अखलाख को आरोपी बनाया था.

कुकर्म का आरोपी बरी- करीब दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने अखलाख (Panipat acquitted Akhlaq Salmani) को निर्दोष पाया और उसे कुकर्म के आरोपों से मुक्त किया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि अखलाख पर नाबालिग से लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और कोर्ट ने अखलाख को बरी कर दिया.

पानीपत कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म के आरोपी को किया बरी, आरोपी अखलाख ने हाथ काटने का लगाया था आरोप

वकील ने क्या कहा- अखलाख के वकील इंतजार अली हारून खान के मुताबिक अखलाख के खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया गया था जो कोर्ट में साबित हो गया है. कोर्ट ने नोट किया कि जिस कुकर्म का आरोप लगा उसका मामला करीब दो हफ्ते के बाद पुलिस में दर्ज करवाया गया. और ये मामला भी तब दर्ज हुआ जब अखलाख की तरफ से मामला दर्ज करवाया था.

अखलाख के मुताबिक एक आरा मशीन से उसका हाथ काटा गया है जबकि जिन लोगों के अखलाख पर कुकर्म का आरोप लगाया था वो इस बात को नकारते रहे. कोर्ट ने पाया कि पुलिस रिपोर्ट में घर में आरा मशीन का जिक्र था और बच्चे ने भी अपनी गवाही में कहा कि मेरे पिता लकड़ी का काम करते हैं, जबकि घरवालों ने कहा था कि उनका लकड़ी के काम से कोई लेना-देना नहीं है. बच्चे का मेडिकल भी 3 से 4 दिन बाद मेडिकल करवाया गया था. कोर्ट ने पाया कि बच्चे के फर्जी फोटोग्राफ तैयार करवाए गए हैं. आरोप लगाने वाले पक्ष की तरफ से दी गई सभी दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने पाया कि बच्चे को सिखाकर बयान दिलाए गए.

अखलाख के भाई ने क्या कहा- अखलाख के भाई इकराम ने कहा कि कोर्ट के फैसले से खुशी तो है लेकिन अभी इंसाफ नहीं मिला है. इकराम ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस मामले को भटकाती रही है और अब तक अखलाख का हाथ काटने वालों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है. हमें न्याय तभी मिलेगा जब अखलाख का हाथ काटने वालों को कड़ी से कड़ी सजा होगी.

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पानीपत: कुकर्म के एक मामले के आरोपी अखलाख को पानीपत की अदालत ने बरी कर दिया है. मामला करीब दो साल पुराना है जब अखलाख पर एक नाबालिग से कुकर्म (misdemeanor with minor) का आरोप लगा था. उत्तर प्रदेश के रहने वाले अखलाख पर आरोप लगा था कि उसने घर में घुसकर नाबालिग से कुकर्म किया और इसी बीच हुए झगड़े में अखलाख का हाथ कट गया. हालांकि अखलाख के मुताबिक उसके हाथ पर 786 लिखा होने के कारण हिंदू संगठन ने उसका हाथ काट दिया. मामले में पुलिस ने अखलाख को आरोपी बनाया था.

कुकर्म का आरोपी बरी- करीब दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने अखलाख (Panipat acquitted Akhlaq Salmani) को निर्दोष पाया और उसे कुकर्म के आरोपों से मुक्त किया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि अखलाख पर नाबालिग से लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और कोर्ट ने अखलाख को बरी कर दिया.

पानीपत कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म के आरोपी को किया बरी, आरोपी अखलाख ने हाथ काटने का लगाया था आरोप

वकील ने क्या कहा- अखलाख के वकील इंतजार अली हारून खान के मुताबिक अखलाख के खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज किया गया था जो कोर्ट में साबित हो गया है. कोर्ट ने नोट किया कि जिस कुकर्म का आरोप लगा उसका मामला करीब दो हफ्ते के बाद पुलिस में दर्ज करवाया गया. और ये मामला भी तब दर्ज हुआ जब अखलाख की तरफ से मामला दर्ज करवाया था.

अखलाख के मुताबिक एक आरा मशीन से उसका हाथ काटा गया है जबकि जिन लोगों के अखलाख पर कुकर्म का आरोप लगाया था वो इस बात को नकारते रहे. कोर्ट ने पाया कि पुलिस रिपोर्ट में घर में आरा मशीन का जिक्र था और बच्चे ने भी अपनी गवाही में कहा कि मेरे पिता लकड़ी का काम करते हैं, जबकि घरवालों ने कहा था कि उनका लकड़ी के काम से कोई लेना-देना नहीं है. बच्चे का मेडिकल भी 3 से 4 दिन बाद मेडिकल करवाया गया था. कोर्ट ने पाया कि बच्चे के फर्जी फोटोग्राफ तैयार करवाए गए हैं. आरोप लगाने वाले पक्ष की तरफ से दी गई सभी दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने पाया कि बच्चे को सिखाकर बयान दिलाए गए.

अखलाख के भाई ने क्या कहा- अखलाख के भाई इकराम ने कहा कि कोर्ट के फैसले से खुशी तो है लेकिन अभी इंसाफ नहीं मिला है. इकराम ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस मामले को भटकाती रही है और अब तक अखलाख का हाथ काटने वालों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है. हमें न्याय तभी मिलेगा जब अखलाख का हाथ काटने वालों को कड़ी से कड़ी सजा होगी.

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Last Updated : Jun 1, 2022, 1:47 PM IST
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