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पंचकूला नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों की भारी कमी, NHM को भेजी गई डिमांड

पंचकूला नागरिक अस्पताल में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड हैं और कुछ पर 2 ड्राइवरों से काम चलाया जा रहा है. ऐसे में कुछ दिन पहले ही पंचकूला हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन को 9 ड्राइवरों और 16 ईएमटी की डिमांड भेजी जा चुकी है.

shortage of ambulance drivers at panchkula civil hospital
पंचकूला नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों की भारी कमी
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Published : Feb 8, 2020, 11:14 PM IST

पंचकूला: नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से बेशक पंचकूला में 15 एंबुलेंस की सुविधा दे दी गई हो, लेकिन अभी भी यहां पर ऐसी कई एंबुलेंस पार्किंग में खड़ी है, जो ऑफ रोड हैं. इन ऑफ रोड एंबुलेंस को चलाने के लिए एनएचएम के पास ड्राइवर तक नहीं है, जबकि कई ऐसी एंबुलेंस है जिन पर 3 के बजाए 2 ड्राइवरों से काम लिए जा रहा हैं.

वहीं नागरिक अस्पताल में कुल 5 एंबुलेंस तैनात की गई हैं. इनमें 1 एएलएस ज्यादातर वीवीआईपी ड्यूटी पर रहती हैं, जबकि बाकि 4 एंबुलेंस में से 3 एंबुलेंस ऑफ रोड ही है. अस्पताल में अब फील्ड से एंबुलेंस बुलाकर मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई या जीएमसीएच-32 रैफर करना पड़ रहा है.

पंचकूला नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों की भारी कमी

कई बार मरीजों की परेशानी को देखते हुए सेक्टर 26 के पॉली क्लीनिक से भी एंबुलेंस बुलाकर काम चलाना पड़ रहा है. आलम ये है कि मरीजों को रात के समय रैफर करने से पहले डॉक्टरों को पूछना पड़ रहा है कि एंबुलेंस खड़ी है या नहीं, क्योंकि जब तक एंबुलेंस नहीं होती तबतक मरीज को रैफर नहीं किया जाता.नागरिक अस्पताल में सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय आ रही है. रात को एक्सीडेंट केस से लेकर डिलीवरी केस सबसे ज्यादा आते हैं.

ये भी पढ़िए: कोरोना के 'कहर' के बीच स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, करनाल में सामने आया पहला केस

ऐसे में अगर जीएमसीएच-32 और पीजीआई रैफर होने वाले दो अलग केस हैं तो उन्हें भी अडजेस्टमेंट कर एक ही एंबुलेंस से चंडीगढ़ भेजना पड़ रहा है. एंबुलेंस कंट्रोल रूम की ओर से भी इसमें कोशिश की जा रही है कि किसी क्रिटिकल मरीज को परेशानी ना हो, इसके लिए उन स्टेशन से भी एंबुलेंस मंगवा रहे हैं, जहां रात को केस नहीं होते.

आपको बता दें कि एक एंबुलेंस पर 3 ड्राइवर और 3 ईएमटी होने जरूरी हैं. इसके अलावा इमरजेंसी पड़ने पर 2 ड्राइवरों से भी काम चलाया जा सकता हैम, लेकिन पंचकूला में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड है और कुछ पर 2 ड्राइवरों से काम चलाया जा रहा है. ऐसे में कुछ दिन पहले ही पंचकूला हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन को 9 ड्राइवरों और 16 ईएमटी की डिमांड भेजी जा चुकी है.

पंचकूला: नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से बेशक पंचकूला में 15 एंबुलेंस की सुविधा दे दी गई हो, लेकिन अभी भी यहां पर ऐसी कई एंबुलेंस पार्किंग में खड़ी है, जो ऑफ रोड हैं. इन ऑफ रोड एंबुलेंस को चलाने के लिए एनएचएम के पास ड्राइवर तक नहीं है, जबकि कई ऐसी एंबुलेंस है जिन पर 3 के बजाए 2 ड्राइवरों से काम लिए जा रहा हैं.

वहीं नागरिक अस्पताल में कुल 5 एंबुलेंस तैनात की गई हैं. इनमें 1 एएलएस ज्यादातर वीवीआईपी ड्यूटी पर रहती हैं, जबकि बाकि 4 एंबुलेंस में से 3 एंबुलेंस ऑफ रोड ही है. अस्पताल में अब फील्ड से एंबुलेंस बुलाकर मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई या जीएमसीएच-32 रैफर करना पड़ रहा है.

पंचकूला नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस ड्राइवरों की भारी कमी

कई बार मरीजों की परेशानी को देखते हुए सेक्टर 26 के पॉली क्लीनिक से भी एंबुलेंस बुलाकर काम चलाना पड़ रहा है. आलम ये है कि मरीजों को रात के समय रैफर करने से पहले डॉक्टरों को पूछना पड़ रहा है कि एंबुलेंस खड़ी है या नहीं, क्योंकि जब तक एंबुलेंस नहीं होती तबतक मरीज को रैफर नहीं किया जाता.नागरिक अस्पताल में सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय आ रही है. रात को एक्सीडेंट केस से लेकर डिलीवरी केस सबसे ज्यादा आते हैं.

ये भी पढ़िए: कोरोना के 'कहर' के बीच स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, करनाल में सामने आया पहला केस

ऐसे में अगर जीएमसीएच-32 और पीजीआई रैफर होने वाले दो अलग केस हैं तो उन्हें भी अडजेस्टमेंट कर एक ही एंबुलेंस से चंडीगढ़ भेजना पड़ रहा है. एंबुलेंस कंट्रोल रूम की ओर से भी इसमें कोशिश की जा रही है कि किसी क्रिटिकल मरीज को परेशानी ना हो, इसके लिए उन स्टेशन से भी एंबुलेंस मंगवा रहे हैं, जहां रात को केस नहीं होते.

आपको बता दें कि एक एंबुलेंस पर 3 ड्राइवर और 3 ईएमटी होने जरूरी हैं. इसके अलावा इमरजेंसी पड़ने पर 2 ड्राइवरों से भी काम चलाया जा सकता हैम, लेकिन पंचकूला में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड है और कुछ पर 2 ड्राइवरों से काम चलाया जा रहा है. ऐसे में कुछ दिन पहले ही पंचकूला हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन को 9 ड्राइवरों और 16 ईएमटी की डिमांड भेजी जा चुकी है.

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पंचकूला नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से बेशक पंचकूला में 15 एंबुलेंस की सुविधा दे दी हो, लेकिन अभी भी यहां पर एेसी एंबुलेंस पार्किंग में खड़ी है जो ऑफ रोड है। इन ऑफ रोड एंबुलेंस को चलाने के लिए एनएचएम के पास ड्राइवर तक नहीं है, जबकि कई ऐसी एंबुलेंस है जिन पर 3 के बजाए 2 ड्राइवरों से काम लिया जा रहा है। वहीं, नागरिक अस्पताल में कुल 5 एंबुलेंस तैनात की गई है। इनमें 1 एएलएस ज्यादातर वीवीआईपी ड्यूटी पर रहती है तो बाकि 4 एंबुलेंस में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड ही है। अस्पताल में अब फिल्ड से एंबुलेंस बुलाकर मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई या जीएमसीएच-32 रैफर करना पड़ रहा है। Body:कई बार मरीजों की प्रोब्लम को देखते हुए सेक्टर 26 पोली क्लीनिक से भी एंबुलेंस बुलाकर काम चलाना पड़ रहा है। अब मरीजों को भी रात के समय रैफर करने से पहले डॉक्टरों को पूछना पड़ रहा है कि एंबुलेंस खड़ी है या नहीं। जब तक एंबुलेंस ना हो तब तक मरीज को रैफर नहीं किया जाता। नागरिक अस्पताल में सबसे ज्यादा प्रोब्लम रात को आ रही है। रात को एक्सीडेंट केस से लेकर डिलीवरी केस सबसे ज्यादा आते है।
ऐसे में अगर जीएमसीएच-32 और पीजीआई रैफर होने वाले दो अलग केस है तो उन्हें भी अडजेस्टमेंट कर एक ही एंबुलेंस से चंडीगढ़ भेजना पड रहा है। एंबुलेंस कंट्रोल रूम की ओर से भी इसमें कोशिश की जा रही है कि किसी क्रिटिकल मरीज को परेशानी ना हो, इसके लिए उन स्टेशन से भी एंबुलेंस मंगवा रहे है, जहां रात को केस नहीं होते।

Conclusion:आपको बता दें कि एक एंबुलेंस पर 3 ड्राइवर और 3 ईएमटी होने जरूरी है। इसके अलावा इमरजेंसी पड़ने पर 2 ड्राइवरों से भी काम चलाया जा सकता है। लेकिन पंचकूला में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड है और कुछ पर 2 ड्राइवरों से काम चलाया जा रहा है। ऐसे में कुछ दिन पहले ही पंचकूला हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन को 9 ड्राइवरों और 16 ईएमटी की डिमांड भेजी जा चुकि है। ऐसे में एनएचएम की ओर से जितनी जल्दी इस डिमांड को पूरा नहीं किया जा सकता, तब तक मरीजों को ऐसे ही परेशान होना पडेगा।
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