पंचकूला: नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से बेशक पंचकूला में 15 एंबुलेंस की सुविधा दे दी गई हो, लेकिन अभी भी यहां पर ऐसी कई एंबुलेंस पार्किंग में खड़ी है, जो ऑफ रोड हैं. इन ऑफ रोड एंबुलेंस को चलाने के लिए एनएचएम के पास ड्राइवर तक नहीं है, जबकि कई ऐसी एंबुलेंस है जिन पर 3 के बजाए 2 ड्राइवरों से काम लिए जा रहा हैं.
वहीं नागरिक अस्पताल में कुल 5 एंबुलेंस तैनात की गई हैं. इनमें 1 एएलएस ज्यादातर वीवीआईपी ड्यूटी पर रहती हैं, जबकि बाकि 4 एंबुलेंस में से 3 एंबुलेंस ऑफ रोड ही है. अस्पताल में अब फील्ड से एंबुलेंस बुलाकर मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई या जीएमसीएच-32 रैफर करना पड़ रहा है.
कई बार मरीजों की परेशानी को देखते हुए सेक्टर 26 के पॉली क्लीनिक से भी एंबुलेंस बुलाकर काम चलाना पड़ रहा है. आलम ये है कि मरीजों को रात के समय रैफर करने से पहले डॉक्टरों को पूछना पड़ रहा है कि एंबुलेंस खड़ी है या नहीं, क्योंकि जब तक एंबुलेंस नहीं होती तबतक मरीज को रैफर नहीं किया जाता.नागरिक अस्पताल में सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय आ रही है. रात को एक्सीडेंट केस से लेकर डिलीवरी केस सबसे ज्यादा आते हैं.
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ऐसे में अगर जीएमसीएच-32 और पीजीआई रैफर होने वाले दो अलग केस हैं तो उन्हें भी अडजेस्टमेंट कर एक ही एंबुलेंस से चंडीगढ़ भेजना पड़ रहा है. एंबुलेंस कंट्रोल रूम की ओर से भी इसमें कोशिश की जा रही है कि किसी क्रिटिकल मरीज को परेशानी ना हो, इसके लिए उन स्टेशन से भी एंबुलेंस मंगवा रहे हैं, जहां रात को केस नहीं होते.
आपको बता दें कि एक एंबुलेंस पर 3 ड्राइवर और 3 ईएमटी होने जरूरी हैं. इसके अलावा इमरजेंसी पड़ने पर 2 ड्राइवरों से भी काम चलाया जा सकता हैम, लेकिन पंचकूला में 3 एंबुलेंस ऑफ रोड है और कुछ पर 2 ड्राइवरों से काम चलाया जा रहा है. ऐसे में कुछ दिन पहले ही पंचकूला हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन को 9 ड्राइवरों और 16 ईएमटी की डिमांड भेजी जा चुकी है.