पंचकूला: कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. कोरोना का काम पर भी असर पड़ रहा है. अब कोरोना के कारण सीबीआई की विशेष कोर्ट में होने वाली सुनवाई नहीं हो सकी.
बता दें कि सीबीआई की विशेष कोर्ट में करनाल के बहुचर्चित कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह की आत्महत्या का मामला, रंजीत मर्डर केस और जाट आंदोलन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री के घर में हुई आगजनी के मामले में शुक्रवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आरोपियों के कोर्ट में ना पेश होने की वजह से कोर्ट ने इन तीनों मामलों की सुनवाई को टाल दिया.
वहीं अब कंबोपुरा सरपंच आत्महत्या मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी. रंजीत मर्डर मामले में अगली सुनवाई 18 जुलाई को और जाट आंदोलन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर हुई आगजनी के मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.
क्या है कंबोपुरा सरपंच आत्महत्या मामला?
6 जून 2011 को कंबोपुरा के पूर्व सरपंच कर्म सिंह ने पानीपत के एसपी को शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया था कि तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश जैन और राजेंद्र शर्मा ने उनके पुत्र की नौकरी लगवाने के लिए उनसे तीन लाख रुपये लिए थे. जिसके बाद जब नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने पैसे वापस मांगे, लेकिन ओपी जैन ने उन्हें मना कर दिया.
इसके बाद पूर्व सरपंच ने इस बात की शिकायत पुलिस को दी. जिसके बाद ही कर्म सिंह ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप विधायक ओपी जैन और राजेंद्र शर्मा पर लगा था. इसके बाद ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाई कोर्ट ने इसे विशेष सीबीआई अदालत को दे दिया. जिसके बाद से इस मामले की सुनवाई विशेष सीबीआई अदालत में चल रही है.
जानिए क्या है अभिमन्यु के घर आगजनी मामला ?
हरियाणा में साल 2016 में फरवरी महीने के दौरान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट आरक्षण की मांग लेकर जसिया में धरना दिया गया था और धरना बाद में हिंसक हो गया था. इसी हिंसा के दौरान 19 फरवरी को रोहतक में पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी हुई थी. जब आगजनी हुई, कैप्टन अभिमन्यु के परिजन घर पर ही मौजूद थे. उन्होंने वहां से भागकर मुश्किल से अपनी जान बचाई थी. हरियाणा पुलिस ने इस बारे में 27 फरवरी 2016 को अरबन स्टेट पुलिस थाने में केस दर्ज किया था.बाद में ये मामला सीबीआई को रेफर कर दिया गया था.
ये है रंजीत मर्डर केस
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की हत्या की गई थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी.
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ये हैं मुख्य आरोपी
मामले में कुल 6 आरोपी हैं, जिसमें से एक आरोपी का नाम सबदिल है, दूसरे का नाम जसवीर है, तीसरे का नाम अवतार है, चौथे का नाम इंद्रसेन है, जिसकी उम्र करीब 87 साल है. जो कि हाजिरी माफी पर है. वहीं पांचवें आरोपी का नाम कृष्णा है जो कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में सजा काट रहा है और छठे आरोपी गुरमीत राम रहीम है जो कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले और साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है.