पंचकूलाः एजेएल प्लॉट आवंटन और मानेसर लैंड डील मामले में आज पंचकूला के प्रवर्तन निदेशालय में सुनवाई हुई. मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोर्ट में पेश हुए. दोनों ही मामलों में आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर वकीलों में बहस हुई. मंगलवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में सुनवाई हुई थी. मामले की अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को होगी.
हुड्डा और वोरा को अंतरिम जमानत
आज हुई सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा की रेगुलर बेल को लेकर एक याचिका लगाई गई. बेल याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हुई. जिसके बाद ईडी कोर्ट ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा को अंतरिम जमानत दे दी है. 6 नवंबर को अगली सुनवाई में ईडी की ओर से रेगुलर बेल को लेकर रिप्लाई फाइल किया जाएगा. बेल बांड के लिए हुड्डा और वोरा को 5-5 लाख रुपये भरने होंगे.
कोर्ट में पेश मुख्य आरोपी
एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में आज ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा कोर्ट में पेश हुए. पिछली सुनवाई के दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा के साथ-साथ नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक को नोटिस जारी हुआ था. जिसमें उन्हें 30 अक्टूबर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए गए थे.
क्या है एजेएल प्लॉट आवंटन मामला?
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे. वहीं मोती लाल वोहरा एजेएल के चेयरमैन थे. हुड्डा और और मोती लाल वोहरा के खिलाफ 1 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की गई थी. बता दें कि इस मामले में हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया था.
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क्या है मानेसर लैंड डील मामला ?
हरियाणा सरकार की ओर से 27 अगस्त 2004 और 25 अगस्त 2005 में लैंड एक्वीजिशन के तहत मानेसर के नौरंगपुर और लखनौला गांव में 912 एकड़ जमीन एक्वायर की गई थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली तत्कालीन हरियाणा सरकार पर मानेसर में इन दो गांवों की जमीन एक्वायर करने के नाम पर प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
मानेसर लैंड स्कैम मामले में 15 सितंबर 2015 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद जांच में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व आईएएस अधिकारी तायल समेत 34 लोगों का नाम सामने आया था. मामले में आरोपी बनाए गए लोगों में कई अधिकारी और बिल्डर भी शामिल हैं. जमीन घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 लोगों के खिलाफ फरवरी 2019 में चार्जशीट दाखिल की गई थी.
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