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पंचकूला में बनेगा हरियाणा का पहला संस्कृत गुरुकुल, 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण

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Published : Oct 10, 2020, 4:01 PM IST

हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग से पंचकूला में संस्कृत गुरुकुल बनाया जाएगा. इस गुरुकुल का निर्माण 4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से होगा और ये प्रदेश का पहला संस्कृत गुरुकुल होगा जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी.

haryanas first sanskrit gurukul to be built in panchkula
पंचकूला में बनेगा हरियाणा का पहला संस्कृत गुरुकुल, 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण

पंचकूला: संस्कृत भाषा संसार की प्राचीनतम और प्रथम भाषा है. संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है और इसलिए हमारे देश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे है, जिसके चलते हरियाणा में पहला संस्कृत गुरुकुल बनने जा रहा है. हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग से संस्कृत गुरुकुल बनाया जाएगा. इस गुरुकुल को लेकर श्राइन बोर्ड की सेक्रेटरी शारदा प्रजापति ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की तमन्ना है कि हम अपनी संस्कृति को बढ़ावा दें और वैदिक परंपराओं को भी आगे बढ़ाएं. ताकि आज की नई पीढ़ी नशा और बुरी आदतों से दूर रहे.

4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनेगा गुरुकुल

वहीं संस्कृत गुरुकुल के आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि संस्कृत को बढ़ावा देने और गुरुकुल बनवाने के लिए हरियाणा सरकार से बात की गई. जिसके बाद उन्हें सरकार द्वारा परमिशन मिल गई और श्री माता मनसा देवी के पास ही सरकार ने संस्कृत गुरुकुल बनाने के लिए 6 कनाल जमीन दे दी गई है. उन्होंने बताया कि 4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से पंचकूला में एक बेहद ही संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार होगा.

पंचकूला में बनेगा हरियाणा का पहला संस्कृत गुरुकुल, 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण

संस्कृत गुरुकुल का निर्माण इन्हीं नवरात्रों में शुरु होगा. जिसका भव्य निर्माण प्राचीन समय के संस्कृत गुरुकुल की तरह होगा. जब संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां 200 के करीब छात्र रह पाएंगे. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि जिस भी विद्यार्थी को संस्कृत गुरुकुल में दाखिला लेना होगा उस विद्यार्थी को कम से कम पांचवी और अधिकतम आठवीं कक्षा तक का ज्ञान को होना चाहिए.

देश के कई राज्यों से बच्चे संस्कृत भाषा का कर चुकें है अध्यन

आपको बता दें की इस समय पंचकूला के लक्ष्मी भवन में संस्कृत गुरुकुल चलाया जा रहा है जिसमें कई राज्यों के बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. यहां ज्यादातर छात्र हिमाचल प्रदेश के हैं और यहां नेपाल से भी बच्चे संस्कृत भाषा का अध्यन करने आते है. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि इस गुरुकुल में 9 राज्यों के विद्यार्थी इस समय गुरुकुल में अध्ययन कर रहे हैं. मौजूदा समय में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रांतों के छात्र अध्यन इस समय पंचकूला में कर रहे हैं.

गुरुकुल में निशुल्क दी जाएगी बच्चों को शिक्षा

आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र का कहना है कि गुरुकुल एक ऐसी जगह है जहां भगवान श्री कृष्ण और सुदामा ने बिना किसी भेदभाव के एक साथ शिक्षा गृहण की थी. इसलिए इस गुरुकुल में किसी विद्यार्थी से फीस नहीं ली जाएगी. उन्होंने बताय कि कुछ अभिभावक खुद की इच्छा से शुल्क दे सकते हैं लेकिन तब भी गुरुकुल अभिभावकों से शुल्क नहीं लेता ताकि किसी बच्चे के मन में ये ना आए कि हमारा मित्र शुल्क देता है और हम शुल्क नहीं दे सकते.

सरकारी नौकरी छोड़कर समाज सेवा करने में दिखाई रूचि

बता दें कि आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र अयोध्या के रहने वाले हैं और जब उनकी पढ़ाई पूरी हुई तो उनको अयोध्या में ही सरकारी नौकरी मिल गई थी लेकिन सिर्फ 6 महीने ही उन्होंने सरकारी नौकरी की. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि समाज की सेवा करने के लिए उन्होंने नौकरी को त्याग दिया और अब वो गुरुकुल में बच्चों को पढ़ाकर समाज सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों की सेवा करना उन्हें बहुत अच्छा लगता है और उन्हें अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का कोई मलाल भी नहीं है.

दुनियाभर में संस्कृत के विद्यार्थियों ने मुकाम किया हासिल

आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि अन्य लोग जो चाहते हैं कि वो गुरुकुल के छात्रों को गोद लें और इनके जीवन के अन्य खर्चों के साथ पढ़ाई की भी जिम्मेदारी लें, तो ऐसा संभव हो सकता है लेकिन गुरुकुल ऐसे लोगों से शुल्क नहीं लेता. उन्होंने बताया कि हिमाचल के अमन शर्मा और अमित शर्मा नाम के दो छात्र आज हिमाचल के दूरदर्शन चैनल पर काम कर रहे हैं और संस्कृत के क्षेत्र में गुरुकुल के कई विद्यार्थी प्रोफेसर, अध्यापक बन चुके हैं और कुछ विद्यार्थी रेलवे में भी नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां तक कि कुछ छात्रों ने केवल महाविद्याल में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के विद्यालयों में जाकर के उपलब्धि हासिल की है और स्वर्ण पदक भी हासिल किया है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा के इस जिले में पराली से प्रदूषण नहीं आमदनी बढ़ेगी, जानिए कैसे?

पंचकूला में गुरुकुल का मॉडल सब चीजों को देखते हुए तैयार हो रहा है और यहां आजकल की युवा पीढ़ी को वैदिक परंपराओं और संस्कृति का अध्ययन कराया जाएगा. हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग मिलने से गुरुकुल के छात्रों में भी खुशी की लहर है.

पंचकूला: संस्कृत भाषा संसार की प्राचीनतम और प्रथम भाषा है. संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है और इसलिए हमारे देश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास भी किए जा रहे है, जिसके चलते हरियाणा में पहला संस्कृत गुरुकुल बनने जा रहा है. हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग से संस्कृत गुरुकुल बनाया जाएगा. इस गुरुकुल को लेकर श्राइन बोर्ड की सेक्रेटरी शारदा प्रजापति ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की तमन्ना है कि हम अपनी संस्कृति को बढ़ावा दें और वैदिक परंपराओं को भी आगे बढ़ाएं. ताकि आज की नई पीढ़ी नशा और बुरी आदतों से दूर रहे.

4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनेगा गुरुकुल

वहीं संस्कृत गुरुकुल के आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि संस्कृत को बढ़ावा देने और गुरुकुल बनवाने के लिए हरियाणा सरकार से बात की गई. जिसके बाद उन्हें सरकार द्वारा परमिशन मिल गई और श्री माता मनसा देवी के पास ही सरकार ने संस्कृत गुरुकुल बनाने के लिए 6 कनाल जमीन दे दी गई है. उन्होंने बताया कि 4 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से पंचकूला में एक बेहद ही संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार होगा.

पंचकूला में बनेगा हरियाणा का पहला संस्कृत गुरुकुल, 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से होगा निर्माण

संस्कृत गुरुकुल का निर्माण इन्हीं नवरात्रों में शुरु होगा. जिसका भव्य निर्माण प्राचीन समय के संस्कृत गुरुकुल की तरह होगा. जब संस्कृत गुरुकुल बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां 200 के करीब छात्र रह पाएंगे. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि जिस भी विद्यार्थी को संस्कृत गुरुकुल में दाखिला लेना होगा उस विद्यार्थी को कम से कम पांचवी और अधिकतम आठवीं कक्षा तक का ज्ञान को होना चाहिए.

देश के कई राज्यों से बच्चे संस्कृत भाषा का कर चुकें है अध्यन

आपको बता दें की इस समय पंचकूला के लक्ष्मी भवन में संस्कृत गुरुकुल चलाया जा रहा है जिसमें कई राज्यों के बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. यहां ज्यादातर छात्र हिमाचल प्रदेश के हैं और यहां नेपाल से भी बच्चे संस्कृत भाषा का अध्यन करने आते है. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि इस गुरुकुल में 9 राज्यों के विद्यार्थी इस समय गुरुकुल में अध्ययन कर रहे हैं. मौजूदा समय में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रांतों के छात्र अध्यन इस समय पंचकूला में कर रहे हैं.

गुरुकुल में निशुल्क दी जाएगी बच्चों को शिक्षा

आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र का कहना है कि गुरुकुल एक ऐसी जगह है जहां भगवान श्री कृष्ण और सुदामा ने बिना किसी भेदभाव के एक साथ शिक्षा गृहण की थी. इसलिए इस गुरुकुल में किसी विद्यार्थी से फीस नहीं ली जाएगी. उन्होंने बताय कि कुछ अभिभावक खुद की इच्छा से शुल्क दे सकते हैं लेकिन तब भी गुरुकुल अभिभावकों से शुल्क नहीं लेता ताकि किसी बच्चे के मन में ये ना आए कि हमारा मित्र शुल्क देता है और हम शुल्क नहीं दे सकते.

सरकारी नौकरी छोड़कर समाज सेवा करने में दिखाई रूचि

बता दें कि आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र अयोध्या के रहने वाले हैं और जब उनकी पढ़ाई पूरी हुई तो उनको अयोध्या में ही सरकारी नौकरी मिल गई थी लेकिन सिर्फ 6 महीने ही उन्होंने सरकारी नौकरी की. आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि समाज की सेवा करने के लिए उन्होंने नौकरी को त्याग दिया और अब वो गुरुकुल में बच्चों को पढ़ाकर समाज सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों की सेवा करना उन्हें बहुत अच्छा लगता है और उन्हें अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का कोई मलाल भी नहीं है.

दुनियाभर में संस्कृत के विद्यार्थियों ने मुकाम किया हासिल

आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र ने बताया कि अन्य लोग जो चाहते हैं कि वो गुरुकुल के छात्रों को गोद लें और इनके जीवन के अन्य खर्चों के साथ पढ़ाई की भी जिम्मेदारी लें, तो ऐसा संभव हो सकता है लेकिन गुरुकुल ऐसे लोगों से शुल्क नहीं लेता. उन्होंने बताया कि हिमाचल के अमन शर्मा और अमित शर्मा नाम के दो छात्र आज हिमाचल के दूरदर्शन चैनल पर काम कर रहे हैं और संस्कृत के क्षेत्र में गुरुकुल के कई विद्यार्थी प्रोफेसर, अध्यापक बन चुके हैं और कुछ विद्यार्थी रेलवे में भी नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां तक कि कुछ छात्रों ने केवल महाविद्याल में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के विद्यालयों में जाकर के उपलब्धि हासिल की है और स्वर्ण पदक भी हासिल किया है.

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पंचकूला में गुरुकुल का मॉडल सब चीजों को देखते हुए तैयार हो रहा है और यहां आजकल की युवा पीढ़ी को वैदिक परंपराओं और संस्कृति का अध्ययन कराया जाएगा. हरियाणा सरकार और श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सहयोग मिलने से गुरुकुल के छात्रों में भी खुशी की लहर है.

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