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पलवल के प्रगतिशील किसान बिजेन्द्र दलाल ने दिखायी किसानों को नयी राह, स्वीट कॉर्न की खेती से कमा रहे हैं लाखों रुपये

palwal progressive farmer: आपने मार्केट में स्वीट कॉर्न देखा होगा. स्वीट कॉर्न आज कल लोगों के नाश्ते का अहम हिस्सा बन गया है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि इसकी खेती कैसी होती है और इसकी खेती से कितना फायदा हो सकता है. आज हम आपको पलवल के एक ऐसे ही किसान से मिलवाते हैं जिन्होंने अपने प्रगितशील सोच के चलते पिछले कई सालों से खेती को मुनाफा का जरिया बनाया हुआ है. इनका नाम हैं बिजेंद्र दलाल जो किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है.

palwal progressive farmer
प्रगतिशील किसान बिजेन्द्र दलाल
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 6, 2023, 1:09 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 6:32 AM IST

प्रगतिशील किसान बिजेन्द्र दलाल

पलवल- पलवल के रहने वाले किसान बिजेन्द्र दलाल आधुनिक तरीके से खेती करने में यकीन करते हैं. वे निरंतर कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में रहते हैं और खेती की नई-नई तकनीकों को सीखते रहते हैं. इसका फायदा उन्हें खेती में मिलता है. स्वीट कॉर्न की साल में तीन फसल लेकर लाखों रुपये कमा ले रहे हैं. बिजेन्द्र को कई पुरस्कार भी मिले हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है.

संरक्षित खेती पर जोर: बिजेन्द्र बचपन से ही खेती में नए नए प्रयोग करने के पक्ष में रहे हैं. जब वे दसवीं क्लास में पढ़ते थे तभी उन्होंने सोचा कि कृषि वैज्ञानिकों से मिल कर खेती को कैसे लाभकारी बनाए जाए, इसकी जानकारी ली जाए. वे निरंतर कृषि अनुसंधान केन्द्र के संपर्क में रहते हैं. बिजेन्द्र का कहना है कि कृषि अनुसंधान केन्द्रों पर जाने से बहुत जानकारी मिलती है. कृषि वैज्ञानिक खेती करने के नवीनतम तरीकों के बारे बताते हैं. जिनका इस्तेमाल कर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. हरियाणा सरकार ने साल 2013 में संरक्षित खेती की ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें इजरायल भेजा था.

स्वीट कॉर्न की खेती से लाखों का मुनाफा: बिजेन्द्र ने बताया कि पिछले कई सालों से परम्परागत खेती को छोडक़र स्वीट कॉर्न (मीठी मकई) की खेती कर रहे हैं. बिजेन्द्र साल भर में स्वीट कॉर्न की तीन फसल लेते हैं. प्रगतिशील किसान बिजेंद्र दलाल बताते हैं कि स्वीट कॉर्न की खेती में एक एकड़ में तीन किलोग्राम बीज लगता है. तीन किलोग्राम बीज में साढ़े 21 हजार से 22 हजार तक बीज होते हैं. ये बीज उन्नत किस्म के होते हैं. बिजेन्द्र के अनुसार मार्केट में स्वीट कॉर्न का रेट 25 रूपए प्रति किलोग्राम है. एक बार में डेढ़ लाख रूपए की आमदनी होती है. इस प्रकार साल में तीन फसल लेने पर उन्हें साढ़े चार लाख की आमदनी होती है.

खेतों के मेड़ पर भी फूल लगाते हैं: बिजेन्द्र अपने आधुनिक सोच के चलते खेतों के मेड़ पर गेंदा का फूल लगा कर के फसल को कीट पतंगों से बचाते हैं साथ ही फूल बेच कर हजारों कमाते भी है. बीजेन्द्र बताते हैं कि मेड़ों पर फूल लगाने से सफेद मक्खी फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. कीटों का प्रकोप नहीं होने से फूलों की क्वालिटी अच्छी होती है जिसे बाजार में बेच कर मुनाफा कमाते हैं.

बिजेन्द्र की किसानों को सलाह: बिजेन्द्र की किसानों को सलाह है कि वे भी आधुनिक तरीके से खेती करें. बिजेन्द्र के अनुसार किसान फसल चक्र को अपनाएं और फसल विविधिकरण को खेती में शामिल करें जिससे उन्हें भी खेती से अधिकतम मुनाफा हो. बिजेन्द्र बताते हैं कि किसानों को सरकार की योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: जानिए कहां दी जाती है रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती की ट्रेनिंग ? जानें कितनी हो सकती है आमदनी ?

ये भी पढ़ें: भिवानी के अर्धशुष्क बागवानी केंद्र में किसानों के बीच पौधों का वितरण, जानें राष्ट्रीय बागवानी मिशन से कैसे किसानों को हो रहा है फायदा ?

प्रगतिशील किसान बिजेन्द्र दलाल

पलवल- पलवल के रहने वाले किसान बिजेन्द्र दलाल आधुनिक तरीके से खेती करने में यकीन करते हैं. वे निरंतर कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में रहते हैं और खेती की नई-नई तकनीकों को सीखते रहते हैं. इसका फायदा उन्हें खेती में मिलता है. स्वीट कॉर्न की साल में तीन फसल लेकर लाखों रुपये कमा ले रहे हैं. बिजेन्द्र को कई पुरस्कार भी मिले हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है.

संरक्षित खेती पर जोर: बिजेन्द्र बचपन से ही खेती में नए नए प्रयोग करने के पक्ष में रहे हैं. जब वे दसवीं क्लास में पढ़ते थे तभी उन्होंने सोचा कि कृषि वैज्ञानिकों से मिल कर खेती को कैसे लाभकारी बनाए जाए, इसकी जानकारी ली जाए. वे निरंतर कृषि अनुसंधान केन्द्र के संपर्क में रहते हैं. बिजेन्द्र का कहना है कि कृषि अनुसंधान केन्द्रों पर जाने से बहुत जानकारी मिलती है. कृषि वैज्ञानिक खेती करने के नवीनतम तरीकों के बारे बताते हैं. जिनका इस्तेमाल कर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. हरियाणा सरकार ने साल 2013 में संरक्षित खेती की ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें इजरायल भेजा था.

स्वीट कॉर्न की खेती से लाखों का मुनाफा: बिजेन्द्र ने बताया कि पिछले कई सालों से परम्परागत खेती को छोडक़र स्वीट कॉर्न (मीठी मकई) की खेती कर रहे हैं. बिजेन्द्र साल भर में स्वीट कॉर्न की तीन फसल लेते हैं. प्रगतिशील किसान बिजेंद्र दलाल बताते हैं कि स्वीट कॉर्न की खेती में एक एकड़ में तीन किलोग्राम बीज लगता है. तीन किलोग्राम बीज में साढ़े 21 हजार से 22 हजार तक बीज होते हैं. ये बीज उन्नत किस्म के होते हैं. बिजेन्द्र के अनुसार मार्केट में स्वीट कॉर्न का रेट 25 रूपए प्रति किलोग्राम है. एक बार में डेढ़ लाख रूपए की आमदनी होती है. इस प्रकार साल में तीन फसल लेने पर उन्हें साढ़े चार लाख की आमदनी होती है.

खेतों के मेड़ पर भी फूल लगाते हैं: बिजेन्द्र अपने आधुनिक सोच के चलते खेतों के मेड़ पर गेंदा का फूल लगा कर के फसल को कीट पतंगों से बचाते हैं साथ ही फूल बेच कर हजारों कमाते भी है. बीजेन्द्र बताते हैं कि मेड़ों पर फूल लगाने से सफेद मक्खी फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. कीटों का प्रकोप नहीं होने से फूलों की क्वालिटी अच्छी होती है जिसे बाजार में बेच कर मुनाफा कमाते हैं.

बिजेन्द्र की किसानों को सलाह: बिजेन्द्र की किसानों को सलाह है कि वे भी आधुनिक तरीके से खेती करें. बिजेन्द्र के अनुसार किसान फसल चक्र को अपनाएं और फसल विविधिकरण को खेती में शामिल करें जिससे उन्हें भी खेती से अधिकतम मुनाफा हो. बिजेन्द्र बताते हैं कि किसानों को सरकार की योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए.

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Last Updated : Dec 12, 2023, 6:32 AM IST
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