पलवल: साइबर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो बिना ओटीपी, बिना पैन कार्ड, बिना एटीएम कार्ड और बिना पासबुक के लोगों के खातों से पैसे निकालता था. पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस ने 43 मामले दर्ज किए हैं और पुलिस ने आरोपियों से भारी मात्रा में सामान भी बरामद किया है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उन्होंने 2 महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने ठगी करने को लेकर हरियाणा के पलवल जिले को ही क्यों चुना. इस गिरोह के सदस्य हरियाणा में कई जगह गए, लेकिन कहीं भी अधिकारियों से उनकी सेटिंग नहीं हुई और आखिर में पलवल के तहसील कार्यालय के एक फोर्थ क्लास कर्मचारी ने इनकी मदद की.
तहसील कार्यालय में फोर्थ क्लास कर्मचारी से पहले सेटिंग की
उन्होंने बताया कि एक फोर्थ क्लास कर्मचारी ने तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री आरोपियों को उपलब्ध कराई और रजिस्ट्री उपलब्ध कराने के बाद आरोपियों ने रजिस्ट्री कराने वाले लोगों के फिंगर प्रिंट लिए जिसको अंगूठे का निशान बताया जाता है. इन लोगों ने रजिस्ट्रियों से लोगों के अंगूठे के निशान लिए और तहसील कार्यालय से आधार कार्ड नंबर लिए.
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इसके बाद इन्होंने अंगूठे के निशान को स्कैन करके एक मशीन द्वारा अंगूठे के स्टांप बनाए और उस स्टांप से लोगों के खातों को चेक किया और चेक करने के बाद आरोपियों ने लगभग 35 लाख रुपये लोगों के खातों से निकाल लिए. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उनके पास लगातार शिकायत आने लगी और वो हैरान रह गए कि लोगों के खातों से किस तरह से पैसे निकल रहे हैं. उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और साइबर सेल और अपराध शाखा पुलिस को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए.
पलवल जिले में 43 केस दर्ज
उन्होंने बताया कि इस मामले में 43 केस विभिन्न थानों में दर्ज किए गए. इस मामले का मास्टरमाइंड गाजियाबाद का रहने वाला रोहित त्यागी है, जो फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाकर अंगूठे के रबड़ क्लोन तैयार करता था और अंगूठे तैयार करके लोगों के खातों से पैसे निकालता था.
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कर्मचारी से 200 रुपये में लेते थे एक रजिस्ट्री
उन्होंने बताया कि इस मामले में इन्होंने पलवल तहसील कार्यालय के एक फोर्थ क्लास कर्मचारी तूलाराम को मोहरा बनाया और तुलाराम से 200 रुपये में एक रजिस्ट्री का सौदा किया. तुलाराम ने आरोपियों को लगभग 2000 से ज्यादा रजिस्ट्रियां उपलब्ध कराई और उसके बाद आरोपियों ने रजिस्ट्रियों से लोगों के फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड नंबर लेकर फर्जी अकाउंट खोले और उन फर्जी अकाउंट में लोगों के खातों से पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर दिया.
एसपी दीपक गहलावत ने बताया कि इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इनको 10 दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है. रिमांड के दौरान से गंभीरता पूछताछ की जाएगी ताकि इनसे और भी वारदातों का खुलासा हो सके. एसपी का कहना है कि ऐसा मामला पहली बार सामने आया है. ठगी करने का ये पैंतरा काफी अलग है.
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आरोपियों से पुलिस ने ये सब किया बरामद
पुलिस ने आरोपियों से एक बायोमेट्रिक मशीन, 11 डेबिट कार्ड (अलग-अलग बैंकों के), 270 सिम कार्ड, अंगूठा क्लोन रबड़ स्टीम मशीन, इलेक्ट्रिकल केबल, फोटो पॉलीमर रबड़ सेल 5 बोतल, एक लैपटॉप, चार्जर, प्रिंटर, स्कैनर लैमिनेशन मशीन, दो पैकेट प्लास्टिक शीट, 2078 रजिस्ट्रियां.
पुलिस ने इनसे अंगूठे के निशान भी बरामद किए जिनसे आने वाले दिनों में तीन करोड़ रुपये निकालने वाले थे. आधार कार्ड, 68 प्लास्टिक कार्ड, 21 पैन कार्ड, 8 खाली फॉर्मेट प्लास्टिक, 64 पासपोर्ट साइज फोटो, एक पेन ड्राइव 32GB, एक ड्राइवर लाइसेंस, एक बैंक पासबुक.
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