पलवलः आजादी के बाद पहली बार पलवल विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. बीजेपी के दीपक मंगला ने कांग्रेस के कद्दावर नेता करण सिंह दलाल को 28 हजार मतों से हराकर ये जीत हासिल की है. अपनी जीत को लेकर दीपक मंगला जनता के बीच पहुंचे और उनका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि आज पलवल की जनता का मूड बदल चुका है इसलिए उन्होंने कांग्रेस नहीं बीजेपी को चुना है.
विधायक के वादे
पलवल के विधायक दीपक मंगला ने कहा कि विधायक बनने के बाद उन पर जिम्मेदारियां और ज्यादा बढ़ गई हैं. पिछले 5 सालों में बीजेपी ने विकास के रिकॉर्ड तोड़ काम पलवल में किए और अब तो बीजेपी के पास पलवल सहित होडल की भी सीटें हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर विकास के जो कार्य चल रहे हैं चाहे उसमें एलिवेटेड फ्लाईओवर की बात हो या फिर शहर की दूसरी निर्माण कार्य या पाइपलाइन में पड़ी योजनाओं की बात हो सभी को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें इतने भारी मतों से जिताया है इसके लिए मैं उनका आभारी हूं. उन्होंने कहा कि मैं जनता के विश्वास पर खरा उतरूंगा.
ये भी पढ़ेंः हरियाणा कैबिनेट की पहली मीटिंग में कई फैसले, 50 किमी के अंदर होगा HTET का पेपर
पहली बार खिला कमल
पलवल विधानसभा सीट पर अब तक इनेलो और कांग्रेस का राज रहा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट को अपने पाले में लिया है. 2014 के विधानसभा चुनाव में भले ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन पलवल की सीट उनके हाथ से निकल गई थी. प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले करण सिंह दलाल इसी सीट से 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं. लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दीपक मंगला ने कांग्रेस के इस सिंहासन को हिला दिया और यहां रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की.
विधायक के सामने चुनौतियों का पहाड़!
पलवल से बीजेपी के नए विधायक दीपक मंगला के सामने शहर में विकास को बढ़ाने की सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि आज भी शहर में अगर बात करें साफ-सफाई, सीवरेज के पानी, सड़कों और सबसे बड़ी समस्या यातायात की समस्या है. पलवल में आज तक उसका खुद का ट्रांसपोर्ट नगर भी नहीं है. पलवल की जान कहे जाने वाले फोरलेन के एलिवेटेड पुल का निर्माण भी पिछले 4 सालों से अधर में लटका हुआ है. ऐसे में विधायक दीपक मंगला के सामने एलिवेटेड पुल को बनाने से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने तक की सबसे अहम जिम्मेदारी होगी.
ये भी पढ़ेंः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, दिल्ली में हुई शिष्टाचार मुलाकात