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तेल के दामों ने ट्रांसपोर्ट और कृषि को किया महंगा, मुनाफा हुआ न के बराबर - palwal farmers diesel rate

तीन महीने के बाद जब लॉकडाउन में ढील मिली तो ट्रांसपोर्ट्स और किसानों को उम्मीद जगी कि अब उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी, लेकिन पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने उनके सामने एक और समस्या खड़ी कर दी है. इनका कहना है कि एक तो पहले से ही लॉकडाउन में उन्हें आर्थिक समस्याएं झेलने पड़ी तो अब डीजल के बढ़ते दामों ने उनकी कमर तोड़ दी है.

Oil prices made transport and agriculture expensive
Oil prices made transport and agriculture expensive
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Published : Jun 27, 2020, 9:33 PM IST

पलवल: पेट्रोल और डीजल पर के बढ़ते दामों से जहां एक तरफ ट्रांसपोर्टर परेशान हैं तो वहीं किसान को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. दोनों ही आर्थिक तौर पर मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद भी ट्रांसपोर्टरों और किसानों के लिए मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.

ट्रांसपोर्टरों की मानें तो पहले ही उनकी गाड़ियों को भाड़ा नहीं मिल रहा जिस वजह से आधे से ज्यादा गाड़ियां गैराज में बिना काम के खड़ी हुई हैं. वहीं अब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने उनकी कमर तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि अगर हालात इसी तरह से रहे तो ट्रांसपोर्ट का पहिया बिल्कुल जाम हो जाएगा.

तेल के दामों ने ट्रांसपोर्ट और कृषि को किया महंगा, मुनाफा हुआ न के बराबर

ये भी पढ़ें- पहले लॉकडाउन और अब डीजल के बढ़ते दामों से ट्रांसपोर्ट पर पड़ रही दोहरी मार

दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से किसान भी परेशान हैं. किसानों को भी सिंचाई के लिए डीजल की जरूरत होती है, लेकिन तेल के रेट आसमान छू रहे हैं, जिससे उनकी लागत ज्यादा हो रही है और मुनाफा कामी कम मिल रहा है. किसानों की मानें तो डीजल की खपत ज्यादा होने से उनको आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है.

अब ऐसे में किसान और ट्रांसपोर्टर दोनों ही वर्ग तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं. इनका यही कहना है कि सरकार जितना जल्दी गो सके तेल की बढ़ते दामों पर रोक लगाए, नहीं तो इनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाएगी.

पलवल: पेट्रोल और डीजल पर के बढ़ते दामों से जहां एक तरफ ट्रांसपोर्टर परेशान हैं तो वहीं किसान को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. दोनों ही आर्थिक तौर पर मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद भी ट्रांसपोर्टरों और किसानों के लिए मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.

ट्रांसपोर्टरों की मानें तो पहले ही उनकी गाड़ियों को भाड़ा नहीं मिल रहा जिस वजह से आधे से ज्यादा गाड़ियां गैराज में बिना काम के खड़ी हुई हैं. वहीं अब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने उनकी कमर तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि अगर हालात इसी तरह से रहे तो ट्रांसपोर्ट का पहिया बिल्कुल जाम हो जाएगा.

तेल के दामों ने ट्रांसपोर्ट और कृषि को किया महंगा, मुनाफा हुआ न के बराबर

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दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से किसान भी परेशान हैं. किसानों को भी सिंचाई के लिए डीजल की जरूरत होती है, लेकिन तेल के रेट आसमान छू रहे हैं, जिससे उनकी लागत ज्यादा हो रही है और मुनाफा कामी कम मिल रहा है. किसानों की मानें तो डीजल की खपत ज्यादा होने से उनको आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है.

अब ऐसे में किसान और ट्रांसपोर्टर दोनों ही वर्ग तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं. इनका यही कहना है कि सरकार जितना जल्दी गो सके तेल की बढ़ते दामों पर रोक लगाए, नहीं तो इनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाएगी.

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