पलवल: दो दिन हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ के रख दी है. बारिश के चलते गेंहू की फसल को भारी नुकसान हुआ है. तेज आंधी और बारिश के चलते खेतों में लहलहाती गेहूं की फसल जमीन पर लेट गई. जिसके चलते फसल उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ेगा. वहीं किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें सरकार मुआवजा दे, ताकि उनको हुए नुकसान की भरपाई हो सके.
किसानों पर पड़ी बदलते मौसम की मार
किसान महेंद्र सिंह और किसान चंद्र ने बताया कि दो दिन पहले मौसम अचानक बदल गया और तेज आंधी और तूफान के साथ बारिश शुरू हो गई. करीब एक घंटे तक हुई बारिश के चलते खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर लेट गई. जिसके चलते पूरी फसल बर्बाद हो गई है.
इस संबंध में कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर मलिक ने कहा कि गेहूं की फसल में लगभग 80 प्रतिशत बालियां निकल चुकी है. ऐसी स्थिति में पौधे के उपर बोझ बन जाता है. बारिश के साथ हवा के चलने पर बालियों के वजन से पौधा गिर जाता है. ऐसे में फसल को काफी नुकसान हो सकता है. उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में होने वाली बारिश फसलों के लिए लाभकारी सिद्ध नहीं होती है.
उन्होंने बताया कि फसल के जमीन में लेटने से पैदावार में कमी आएगी. वहीं फसल कटाई की लागत में भी बढ़ोतरी होगी. डॉ. महावीर मलिक ने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि जो फसल जमीन पर लेट गई है उसे उठाने का प्रयास ना करें. उन्होंने कहा कि एक दो दिन में फसल खुद ही उठने का प्रयास करेगी. डॉ. मलिक ने कहा कि जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है वे किसान संबंधित कृषि कार्यालय में आकर इसकी सूचना प्रदान करें.
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