ETV Bharat / state

पलवल में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन 21वें दिन जारी रहा

पलवल में आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर लगातार 21वें दिन धरना दिया. आशा वर्कर्स का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानी तो वे सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी.

asha workers protest against government in palwal
पलवल में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन 21वें दिन जारी रहा
author img

By

Published : Aug 27, 2020, 7:48 PM IST

पलवल: आशा वर्कर्स की हड़ताल और प्रदर्शन जिले में 21वें दिन भी जारी रहा. ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्कर्स 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी.

आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार ने उनकी आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था. जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. जिसके चलते मजबूरी में आशा वर्कर्स को हड़ताल पर बैठना पड़ा है. जबकी आशा वर्कर्स को सरकार ने कोरोना योद्धा घोषित कर रखा है.

पलवल में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन 21वें दिन जारी रहा

आशा वर्कर यूनियन की उपप्रधान राज पांचाल का कहना है कि पिछले वर्ष तक उन्हें डी एन सी,एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट , हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बी एच एमसी आदि सर्विस इस पर 50 प्रतिशत इंसेंटिव मिलता था. जिसे अब बंद कर दिया गया है. उनकी मांग है कि सरकार उनकी इन आठ सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करे और वर्ष 2018 में हुए समझौते को तुरंत लागू करे.

उन्होंने बताया की जो हमें 1000 रुपये मिलते थे. कोविड-19 के चलते उन्हें भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सरकार ने हमें स्मार्ट फोन देने का वादा किया, पर अभी तक वो भी नहीं दिया गया. आशा वर्कर्स का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया. तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी.

ये भी पढ़ें: क्या सीवरेज के गंदे पानी से फैलता है कोरोना ? जानिए डॉक्टर्स की राय

पलवल: आशा वर्कर्स की हड़ताल और प्रदर्शन जिले में 21वें दिन भी जारी रहा. ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ मानी जाने वाली आशा वर्कर्स 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी.

आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार ने उनकी आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था. जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. जिसके चलते मजबूरी में आशा वर्कर्स को हड़ताल पर बैठना पड़ा है. जबकी आशा वर्कर्स को सरकार ने कोरोना योद्धा घोषित कर रखा है.

पलवल में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन 21वें दिन जारी रहा

आशा वर्कर यूनियन की उपप्रधान राज पांचाल का कहना है कि पिछले वर्ष तक उन्हें डी एन सी,एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट , हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बी एच एमसी आदि सर्विस इस पर 50 प्रतिशत इंसेंटिव मिलता था. जिसे अब बंद कर दिया गया है. उनकी मांग है कि सरकार उनकी इन आठ सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करे और वर्ष 2018 में हुए समझौते को तुरंत लागू करे.

उन्होंने बताया की जो हमें 1000 रुपये मिलते थे. कोविड-19 के चलते उन्हें भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सरकार ने हमें स्मार्ट फोन देने का वादा किया, पर अभी तक वो भी नहीं दिया गया. आशा वर्कर्स का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया. तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी.

ये भी पढ़ें: क्या सीवरेज के गंदे पानी से फैलता है कोरोना ? जानिए डॉक्टर्स की राय

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.