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साठी धान लगाने वाले किसानों पर कार्रवाई, नष्ट की गई 20 एकड़ से ज्यादा फसल

पलवल में प्रतिबंधित धान की खेती करने वाले किसानों पर प्रशासन सख्त हो गया है. गुरुवार को प्रशासन ने करीब 20 एकड़ साठी धान की फसल नष्ट (sathi Paddy destroyed in Palwal) की. इसके अलावा किसानों पर भी कार्रवाई की जा रही है.

Action on the farmers in palwal
Action on the farmers in palwal
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Published : Jul 14, 2022, 8:28 PM IST

पलवल: जिला के गांव सहराला स्थित करीब 20 एकड़ में अवैध रूप से की जा रही प्रतिबंधित साठी धान (sathi Paddy destroyed in Palwal) की खेती को लेकर कार्रवाई की गई है. कृषि विभाग के द्वारा 20 एकड़ की फसल को नष्ट करने के लिए दवाई का छिड़काव किया गया. इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा. अब इन किसानों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त ये जीवन दास ने बताया कि गांव सहराला में अवैध तरीके से साठी धान की खेती की जा रही थी. जिला उपायुक्त के आदेश पर वह ड्यूटी मिजस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुए और करीब 20 एकड़ में बोई गई फसल को नष्ट किया गया है. यदि आगे भी कोई साठी धान की खेती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग के अनुसार साठी धान की फसल भू-गर्भ जल स्तर के लिए संकट पैदा कर रही है.

Action on the farmers in palwal
साठी धान लगाने वाले किसानों पर कार्रवाई, नष्ट की गई 20 एकड़ से ज्यादा फसल

बेमौसम होने वाली इस धान की फसल में सामान्य फसल की तुलना में कई गुना अधिक पानी सिंचाई के लिए जरुरी होता है. 60 दिन में पैदा होने वाली साठी धान की फसल से उपजाऊ जमीन से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटास की मात्रा लगातार घट रही है. इस धान की खेती से भूमि बंजर हो जाती है. इससे भू-गर्भ जल का अत्यधिक दोहन होता है. जल स्तर नीचे जा रहा था. इसकी रोपाई प्रतिबंधित होने के बाद भी अगर कोई किसान इस धान की बुवाई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पलवल: जिला के गांव सहराला स्थित करीब 20 एकड़ में अवैध रूप से की जा रही प्रतिबंधित साठी धान (sathi Paddy destroyed in Palwal) की खेती को लेकर कार्रवाई की गई है. कृषि विभाग के द्वारा 20 एकड़ की फसल को नष्ट करने के लिए दवाई का छिड़काव किया गया. इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा. अब इन किसानों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त ये जीवन दास ने बताया कि गांव सहराला में अवैध तरीके से साठी धान की खेती की जा रही थी. जिला उपायुक्त के आदेश पर वह ड्यूटी मिजस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुए और करीब 20 एकड़ में बोई गई फसल को नष्ट किया गया है. यदि आगे भी कोई साठी धान की खेती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग के अनुसार साठी धान की फसल भू-गर्भ जल स्तर के लिए संकट पैदा कर रही है.

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साठी धान लगाने वाले किसानों पर कार्रवाई, नष्ट की गई 20 एकड़ से ज्यादा फसल

बेमौसम होने वाली इस धान की फसल में सामान्य फसल की तुलना में कई गुना अधिक पानी सिंचाई के लिए जरुरी होता है. 60 दिन में पैदा होने वाली साठी धान की फसल से उपजाऊ जमीन से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटास की मात्रा लगातार घट रही है. इस धान की खेती से भूमि बंजर हो जाती है. इससे भू-गर्भ जल का अत्यधिक दोहन होता है. जल स्तर नीचे जा रहा था. इसकी रोपाई प्रतिबंधित होने के बाद भी अगर कोई किसान इस धान की बुवाई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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