पलवलः जिले में कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ोत्तरी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा हथीन क्षेत्र के 9 गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. वहीं इन गावों के साथ लगते 27 गांव बफर जोन घोषित किए गए हैं. कंटेनमेंट और बफर जोन में आने वाले सभी गांवों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है.
जमात से जुड़े 25 केस
पलवल पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने बताया कि अब तक जिले में तबलीगी जमात से जुड़े 25 लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. जिन्हें नूंह के नल्हड़ मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि जो लोग पॉजिटिव हैं वो बंगलादेश, तेलंगाना, बिहार, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक,चेंन्नई, उत्तरप्रदेश व हरियाणा के पलवल के हथीन क्षेत्र के रहने वाले हैं. ये सभी लोग जमाती हैं, जो निजामुद्दीन से जमात करने के बाद पलवल के हथीन क्षेत्र के गांवों में पहुंच गए थे.
इन 9 गांवों को किया गया कंटेनमेंट
पलवल को 9 गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. जिनमें हथीन क्षेत्र के गांव कोट, घुडावाली, लखनाका, बाबुपुर हथीन, जलालपुर, गुराकसर, आलीमेव, पहाड़पुर और उटावड़ है.
इन 27 गांवों को किया गया बफर जोन
पलवल के 27 गांव बफर जोन घोषित किए गए हैं, जिनमें गांव पावसर, रनियाला खुर्द, खिल्लूका, नागल जाट, रूपनगर नाटोली, हुड़ीथल, गोहपुर, कुकरचाटी, बुराका हथीन, बिघावाली, धीरनकी, घिंगड़ाका, मीरका, रूपड़ाका, चिल्ली, मालपुरी, मालूका, टोंका कुमरेहड़ा, मलाई, आली ब्राहमण, अंधोप, खाइका, भूडपुर, जराली, मनकाकी और लड़माकी आदि शामिल हैं.
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इन गांवों की सीमाएं सील
कंटेनमेंट व बफर जोन में आने वाले सभी गांवों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है. हथीन, बहिन और उटावड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत 31 पुलिस नाके भी लगाए गए हैं, ताकि लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके. इसके अलावा सख्ती से लॉकडाउन और घरों से बाहर ना निकलने की ज्यादा से ज्यादा पालना हो सके.
घर-घर जाकर स्क्रीनिंग
इसके साथ-साथ इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग टीम द्वारा घर-घर जाकर स्क्रीनिंग व थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. इस दौरान उनके साथ पुलिस के कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं. जिससे की स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस दौरान किसी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े.
क्या होता है कंटेनमेंट जोन?
कंटेनमेंट जोन उस एरिया या जगह को कहा जाता है जहां पर संक्रमित केस रिपोर्ट हुए हो. ऐसे क्षेत्र में संक्रमण के रोकथाम के लिए प्रशासन उस जगह को सील करने के साथ-साथ कंटेनमेंट जोन घोषित कर देता. जिसका मतलब होता है इस क्षेत्र में संक्रमण ज्यादा है और स्वास्थ्य विभाग मेडिकल सुविधाएं को लेकर ज्यादा अलर्ट है.
क्या होता है बफर जोन?
कंटेनमेंट प्लान में चिह्नित किए गए इलाके के चारों ओर एक रिंग बनाई जाती है जिसे बफर जोन कहते हैं. इसका मकसद संक्रमित क्षेत्र के लोगों से दूसरे क्षेत्र को सुरक्षित रखना है. इस बफर जोन में खास ध्यान रखा जाता है, ताकि किसी तरह अगर कंटेनमेंट वाले इलाके से वायरस बाहर निकलने में सफल भी हो जाए, तो इसे बफर जोन में ही रोका जा सके.
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ये हैं प्रावधान
कंटेनमेंट और बफर जोन घोषित इलाकों से किसी भी व्यक्ति को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी. सारे रास्तों को बंद कर दिए जाएंगे. जरूरी सेवाओं के लिए हर आने-जाने वाले की विस्तृत जानकारी रखी जाएगी और उसके बारे में लगातार अधिकारियों को अपडेट किया जाएगा.
देशभर में कोरोना ने पसारे पैर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटे में 354 नए केस आए हैं और पांच मौतें हुई हैं. देशभर में संक्रमितों की संख्या 4421 हो गई है. संक्रमितों में 3981 लोगों का इलाज चल रहा है. 325 स्वस्थ हो चुके हैं. 114 लोगों की मौत हुई है.
हरियाणा में बढ़ा आकंड़ा
हरियाणा में तीन दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से उछाल आया है. प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 96 पहुंच गई है. 20 नए मरीज सामने आए हैं. पलवल जिला तीन दिन के अंदर सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या के साथ संक्रमण का केंद्र बनता दिख रहा है. यहां 26 संक्रमित मिल चुके हैं. जिसमें से 25 एक्टिव केस हैं तो वहीं 1 मरीज ठीक हो चुका है.
वहीं गुरुग्राम में 18 केस पॉजिटिव मिले हैं. फरीदाबाद में 14, पानीपत में 04, अम्बाला में 3, नूंह मे 14, सिरसा में 3, पंचकूला में 2, हिसार, रोहतक में एक-एक संक्रमित मिले हैं.