नूंह: लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी तीन तलाक के खिलाफ बिल को मंजूरी दे दी है. इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है. राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह बिल कानून बन जाएगा. इस बिल को लेकर एक ओर जहां बीजेपी सरकार वाहवाही बटोरने में लगी है. वहीं इस बिल के विरोध में भी स्वर उठने लगे हैं. मेवात में मुस्लिम पुरुषों के साथ महिलाएं भी इस बिल के विरोध में उतर आई हैं.
तीन तलाक बिल का विरोध
तीन तलाक के खिलाफ कानून पारित होने पर महिलाओं ने कहा कि सरकार महिलाओं पर अत्याचार कर रही है. शरीयत ने महिलाओं को पुरुषों के पीछे चलना सिखाया है. उन्हों वही रास्ता पसंद है. जब तक उनका जीवन है तब तक उन्हें ऐसे किसी बिल की जरुरत नहीं है.
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'शरीयत में नहीं हो सकता कोई बदलाव'
लोगों ने सरकार को शरीयत में दखलंदाजी न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि वो 14 सौ वर्षों से चले आ रहे कानून के खिलाफ नहीं जा सकते हैं. इस बिल को लेकर मुस्लिम समाज में कुछ लोगों ने पहले भी विरोध किया था और अब बिल पास होने के बाद भी कई लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब कानून बनने जा रहा है और भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जहां सबको कानून के हिसाब से ही चलना होता है.