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प्याज के बाद इन सब्जियों के 'भाव' भी बढ़े, नूंह में महंगाई ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

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Published : Jan 16, 2020, 3:32 PM IST

नूंह में इन दिनों लहसुन 160 - 200 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है. वहीं प्याज 70 रुपए किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपए तो मटर 60 रुपए प्रतिकिलो के भाव मिल रही है. आलू तक 20 रुपए प्रति किलो मिल रहा है.

Vegetable prices rise in nuh
सब्जियों के दाम बढ़े

नूंह:सब्जी के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है. प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जुबान से गायब हो चला है. अब रसोई से सब्जियां भी गायब हो रही है. बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की, सभी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिसका असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है.

सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों तक हर कोई सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशान है. कुछ दिन बाद बजट आने वाला है, उसके बाद महंगाई कम होगी या नहीं अब लोगों को इसका ही इंतजार है.

प्याज के बाद इन सब्जियों के 'भाव' भी बढ़े

नूंह में इन दिनों लहसुन 160 - 200 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है. वहीं प्याज 70 रुपए किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपए तो मटर 60 रुपए प्रतिकिलो के भाव मिल रही है. आलू तक 20 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है. दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है, लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है.

ये भी पढ़िए: रामकुमार गौतम ने फिर दिखाए बागी तेवर, कहा- मैं बोला तो बखेड़ा हो जाएगा खतरनाक

दुकानदारों ने बताया कि पहले सिर्फ प्याज ही महंगी थी लेकिन अब दूसरी सब्जियां भी महंगी हो गई है. फिर चाहे वो हरी सब्जी हो या फिर गाजर. दुकानदारों की माने तो सब्जियों के दाम बढ़ने से ग्राहक कम सब्जियां लेकर जा रहे हैं. जिस वजह से उन्हें भी काफी नुकसान हो रहा है.

नूंह:सब्जी के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है. प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जुबान से गायब हो चला है. अब रसोई से सब्जियां भी गायब हो रही है. बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की, सभी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिसका असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है.

सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों तक हर कोई सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशान है. कुछ दिन बाद बजट आने वाला है, उसके बाद महंगाई कम होगी या नहीं अब लोगों को इसका ही इंतजार है.

प्याज के बाद इन सब्जियों के 'भाव' भी बढ़े

नूंह में इन दिनों लहसुन 160 - 200 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है. वहीं प्याज 70 रुपए किलो मिल रही है. अदरक 100 रुपए तो मटर 60 रुपए प्रतिकिलो के भाव मिल रही है. आलू तक 20 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है. दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है, लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है.

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दुकानदारों ने बताया कि पहले सिर्फ प्याज ही महंगी थी लेकिन अब दूसरी सब्जियां भी महंगी हो गई है. फिर चाहे वो हरी सब्जी हो या फिर गाजर. दुकानदारों की माने तो सब्जियों के दाम बढ़ने से ग्राहक कम सब्जियां लेकर जा रहे हैं. जिस वजह से उन्हें भी काफी नुकसान हो रहा है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- महंगाई की मार रसोई के जायके पर भारी , सब्जियों के दाम छूने लगे आसमान

सब्जी के दामों में आग लगी हुई है। महंगाई की मार से सब्जी भी अछूती नहीं रही है। प्याज और लहसुन का जायका तो भाव की वजह से गरीबों की जबान से गायब हो चला है। रसोई की रौनक बढ़ाने वाली सब्जी के दामों की चर्चा सब्जी मंडी से रसोई तक ही नहीं बल्कि सरकारों तक में हो रही है । बात चाहे हरी सब्जियों की हो या फिर सूखी सब्जियों की हो , सभी के दाम बढ़ने का असर जेब से लेकर रसोई तक देखने को मिल रहा है। सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से लेकर सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो सबने सब्जी के बढे दामों की गाथा ब्यान की। कुछ दिन बाद बजट आने वाला है , उसके बाद महंगाई कम होगी या नहीं अब लोगों को इसका इंतजार है। सब्जी मंडी में ताजा और रंग - बिरंगी सब्जी सबका मन मोह रही हो , लेकिन दाम सुनने के सब्जी को खरीदना तो दूर हाथ लगाना तक भारी पड़ रहा है। Body:जानकारी के मुताबिक टमाटर का रंग और लाल हुआ है तो हरी मिर्च तीखी हुई है। टमाटर , हरी मिर्च, भिंडी आलू , नींबू , शिमला मिर्च तोरी इत्यादि सब्जियों के दाम पिछले सप्ताह भर से डबल बढे हैं। लहसुन 160 - 200 रुपये प्रतिकिलो तो प्याज 70 रुपये किलो मिल रही है। अदरक 100 रुपये तो मटर 60 रुपये प्रतिकिलो के भाव मिल रही है। आलू तक 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। गरीब हो या फिर अमीर सब्जी के बिना किसी का गुजारा नहीं है। दाम कम होते हैं तो गरीब की रसोई में भी रौनक देखने को मिल जाती है , लेकिन रेट बढ़ने पर तो गरीब से माध्यम वर्ग के लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल जाता है। दाम बढ़ने के कारण अब कम सब्जी खरीदकर लोग गुजारा कर रहे हैं। सब्जी इन दिनों देखने में तो खूबसूरत लगने के अलावा मन खुश कर रही है , लेकिन खरीदना तो दूर भाव ज्यादा सुनकर ग्राहक छूने से भी बच रहा है। सब्जी के बढे भाव की वजह से ग्राहक ही नहीं दुकानदार भी कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा है। ग्राहक कम होने की वजह से सब्जी दिनभर में कम ही बिक पाती है , जिससे दुकानदार का गुजारा भी मुश्किल से हो रहा है। Conclusion:बाइट ;- हामिद अल्वी दुकानदार
बाइट ;- उमर मोहमद दुकानदार
बाइट ;- डॉक्टर फकरुद्दीन ग्राहक
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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