नूंह: मेवात जिले में पिछले 4 दिनों से हो रही लगातार बारिश थम चुकी है, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं. ज्वार बाजरा इत्यादि की फसलें खराब हो चुकी हैं, लेकिन तुर्की से आया बाजरा सुर्खियां बटोर रहा है. 14 फीट से अधिक लंबाई अधिक होने की वजह से तुर्की का बाजरा (millet cultivation in Nuh) खेत में लुढ़क गया है, किसान ने कहा कि बरसात की वजह से थोड़ा फसल पर फर्क पड़ा है.
फिलहाल बाजरा को देखने के लिए अभी भी लोगों का आने-जाने का सिलसिला थमा नहीं है लोग किसान के पास रोजाना सैकड़ों की तादाद में बाजरे के बीज के लिए फोन कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस 5 फीट के बाजरे को देखने के लिए ग्वालियर से बल्लू नाम का व्यक्ति भी पहुंच गया और तुर्की के बाजरे को देखकर काफी खुश नजर आया, किसान ने कहा कि बाजरे के उठान के बाद बीज की सप्लाई इलाके के लोगों को कर दी जाएगी. ताकि यहां के किसान बाजरे की फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकें.
बता दें कि नूंह जिले के झिमरावट गांव का किसान देश भर में सुर्खियां बटोर रहा है. किसान ने ऑनलाइन तुर्की से बाजरे के बीज का पैकेट (Ordered Millet Seeds Online from Turkey) तकरीबन 700 रुपये में मंगवाया. 1 किलो बाजरे का बीज का यह पैकेट अब मेवात की नहीं बल्कि देशभर के किसानों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. झिमरावट गांव के बंदरबास में तैयब नाम के किसान ने तुर्की से जो बाजरे का 1 किलो बीच मंगवाया था, इस बाजरे के पेड़ की लंबाई तकरीबन 14 फीट है. इतना ही नहीं इस बाजरे की बाली की लंबाई करीब 5 फीट है. अक्सर बाजरे में एक-दो फीट की बाल आती है, लेकिन बाजरे की लंबाई व बाल की लंबाई के बारे में सुनकर इलाके के किसान इस बाजरे की फसल को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
किसान के बेटे तासिम ने पढ़ाई का फायदा उठाते हुए ऑनलाइन तुर्की से बाजरे का बीज मंगवाया और एक किला पट्टे पर लेकर उसमें बाजरे की बिजाई कर दी. कम बरसात के बावजूद भी इस 1 एकड़ बाजरे में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है. खास बात यह है कि बाजरे की लंबाई (cultivation in Nuh) की वजह से पशुओं के लिए चारे का भी पर्याप्त प्रबंध है. अब तक इलाके में बाजरे की लंबाई के साथ-साथ उसमें आने वाली बाल की करीब 5 फीट लंबाई आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
किसान का कहना है कि बाजरे की फसल पकने को है, उसके बाद ही 1 एकड़ में कितना उत्पादन होगा इसका आकलन किया जा सकेगा, लेकिन फसल को देखकर किसान काफी खुश है. किसान का कहना है कि अगर इस साल बाजरे की पैदावार अच्छी हुई तो इस किस्म के बाजरे को ज्यादा से ज्यादा पैदा किया जाएगा ताकि जिले के किसानों के घरों में आर्थिक स्थिति मजबूत हो. उन्होंने कहा कि किसानों की कई पीढ़ियों ने भी बाजरे की ऐसी खेती नहीं देखी.
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