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नूंह: 'सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रमजान में सभी घरों में रहकर अल्लाह की इबादत करें'

नूंह में उलेमाओं की बैठक हुई, जिसमें ये निर्णय लिया गया है कि इस बार सभी अपने घरों में रहकर अल्लाह से इबादत करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

The Ulama's meeting on the month of Ramadan in nuh
The Ulama's meeting on the month of Ramadan in nuh
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Published : Apr 23, 2020, 7:12 PM IST

नूंह: रमजान का पवित्र महीना एक-दो दिन में शुरू होने वाला है. इसी मंथन-चिंतन को लेकर नूंह जिले के बड़ा मदरसा में मुफ्ती जाहिद हुसैन की अगुवाई में उलेमाओं की बैठक हुई. जिसमें दर्जनभर से अधिक उलेमाओं ने भाग लिया.

बैठक में सोशल डिस्टेंसिग का पूरी तरह से पालन किया गया. गुरुवार को बड़ा मदरसा नूंह में हुई बैठक में मौलाना मोहम्मद शहीद मालब, मौलाना शेर मोहम्मद अमीनी घासेड़ा, मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी, मौलाना नाजिम नूंह के अलावा मौलाना जफरुद्दीन मदरसा फिरोजपुर नमक , मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम सूड़ाका, मोहम्मद सलाउद्दीन मालब इत्यादि उलेमाओं ने भाग लिया.

मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है. रोजा हर बालिग मर्द- औरत पर फर्ज है. रमजान के महीने में अन्य महीनों के मुकाबले इबादत ज्यादा होती है, लेकिन इस बार मस्जिदों- मदरसों के बजाय अपने घरों में रहकर ही इबादत करनी है. लॉकडाउन का हर हाल में पालन करना है.

मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इस बार सेहरी-इफ्तार के अलावा पांच वक्त की नमाज के साथ-साथ तरावीह की नमाज में कोई भीड़ भाड़ कहीं पर भी नहीं होनी है. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में जो दुआ मांगी जाती है, वो कबूल होती है, क्योंकि दिन भर इंसान भूखा रहकर इबादत करता है और अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा मांगता है.

नूंह: रमजान का पवित्र महीना एक-दो दिन में शुरू होने वाला है. इसी मंथन-चिंतन को लेकर नूंह जिले के बड़ा मदरसा में मुफ्ती जाहिद हुसैन की अगुवाई में उलेमाओं की बैठक हुई. जिसमें दर्जनभर से अधिक उलेमाओं ने भाग लिया.

बैठक में सोशल डिस्टेंसिग का पूरी तरह से पालन किया गया. गुरुवार को बड़ा मदरसा नूंह में हुई बैठक में मौलाना मोहम्मद शहीद मालब, मौलाना शेर मोहम्मद अमीनी घासेड़ा, मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी, मौलाना नाजिम नूंह के अलावा मौलाना जफरुद्दीन मदरसा फिरोजपुर नमक , मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम सूड़ाका, मोहम्मद सलाउद्दीन मालब इत्यादि उलेमाओं ने भाग लिया.

मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है. रोजा हर बालिग मर्द- औरत पर फर्ज है. रमजान के महीने में अन्य महीनों के मुकाबले इबादत ज्यादा होती है, लेकिन इस बार मस्जिदों- मदरसों के बजाय अपने घरों में रहकर ही इबादत करनी है. लॉकडाउन का हर हाल में पालन करना है.

मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इस बार सेहरी-इफ्तार के अलावा पांच वक्त की नमाज के साथ-साथ तरावीह की नमाज में कोई भीड़ भाड़ कहीं पर भी नहीं होनी है. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में जो दुआ मांगी जाती है, वो कबूल होती है, क्योंकि दिन भर इंसान भूखा रहकर इबादत करता है और अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा मांगता है.

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