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शहरों को टक्कर दे रहा हरियाणा का ये छोटा सा गांव! जालंधर की तर्ज पर किया जा रहा विकसित

नूंह का बीवां गांव (Biwan Village Nuh) इन दिनों अपनी खूबसूरती के लिहाज से अलग पहचान बनाए हुए है. यहां की गलियों और रास्तों में पड़ने वाली दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग (Biwan Village Wall Painting) अपनी सुंदरता की छटा बिखेर रही हैं.

Biwan Village Nuh
Biwan Village Nuh
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Published : Aug 9, 2021, 10:44 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 12:53 PM IST

नूंह: अरावली पर्वत की वादियों में नूंह शहर से महज 6 किलोमीटर दूर बीवां गांव (Biwan Village Nuh) इन दिनों अपनी खूबसूरती के लिहाज से अलग पहचान बनाए हुए है. बीवां गांव इन दिनों चर्चा में इसलिए बना हुआ है कि यहां की गलियों और रास्तों में पड़ने वाली दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग (Biwan Village Wall Painting) अपनी सुंदरता की छटा बिखेर रही हैं. दीवारों पर बनाई गई आलीशान पेंटिंग स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं सुंदरता को बढ़ावा दे रही हैं.

जो भी कोई इस गांव की गलियों से गुजरता है वो यहां कि दीवारों पर की गई पेंटिंग की तारीफ करें बिना नहीं रह सकता. गांव में कई सालों से काम कर रही एबीएस फाउंडेशन ने ना केवल गांव में बने मकानों की दीवारों को सुंदर बनाया, बल्कि गांव में सभी रास्तों को पक्का कर आधुनिक तरीके से बनाया गया है. भारी बरसात के बावजूद भी गांव की गलियों में पानी कीचड़ दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता. एबीएस फाउंडेशन के कर्ता-धर्ता एसएस संधू के अलावा उनका कामकाज संभाल रहे नवीन लाठर ने इस गांव की कायापलट करने के लिए एक नहीं बल्कि कई सराहनीय कदम उठाए हैं.

शहरों को टक्कर दे रहा हरियाणा के ये छोटा सा गांव!

इस फाउंडेशन ने गांव में करोड़ों रुपये के विकास काम कराए है. गांव के लोग सरकार से कहीं ज्यादा समाजसेवी एसएस संधू पर भरोसा करते हैं. गांव की मस्जिद में भी लाखों रुपये खर्च कर उसे भव्य तरीके से बनाया गया है. पंजाब के जालंधर से सीख लेकर हरियाणा के सबसे पिछड़े नूंह जिले के बीवां गांव में ये प्रयोग किया गया है, जो लोगों को खूब रास आ रहा है.

इस गांव की खासियत की बात करें तो यहां के ड्रेनेज सिस्टम अच्छे-अच्छे शहरों को मात दे रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक यहां जितनी मर्जी बारिश हो जाए. कभी भी गांव में ना तो जलभराव होता है और ना ही कीचड़ होता है. ड्रेनेज सिस्टम अच्छे होने का बड़ा फायदा ये भी है कि गांव की सभी सड़कें और गलियां पक्की हैं. जिससे की पानी नालियों से सीधा तालाब में चला जाता है. इसके अलावा गांव में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. जिसकी वजह से ये गांव और ज्यादा खूबसूरत लगता है. यहां का सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है. यहां हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. गांव में पक्की सड़कें और गलियां है.

Biwan village Nuh streets wall painting
एक नजर में गांव की जानकारी

ये भी पढ़ें- हरियाणा: पेड़ों के बचाव के लिए आगे आई करनाल की ये संस्था, ट्री गार्ड से मुक्त कराए कई पेड़

बीवां गांव की आबादी तकरीबन 1200 है. जिनमें करीब 550 बच्चे हैं, कुल परिवार 174 हैं, कुल मतदाता तकरीबन 621 हैं, जिनमें महिलाएं 310 तो पुरुष तकरीबन 315 हैं, राशन कार्ड धारकों की संख्या 170 के करीब हैं. बीवां गांव में 45 बीपीएल परिवार हैं, तो 125 सामान्य परिवार हैं. पेंशन का लाभ तकरीबन 90 लोग उठा रहे हैं. गांव में 30 विधवा, 55 बुजुर्ग तथा पांच दिव्यांग, बीवां गांव में ग्राम सचिवालय, विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर, एसएसजी महिला हॉल, सीएससी सेंटर, लाइब्रेरी की सुविधा ग्रामीणों के लिए उपलब्ध है.

नूंह: अरावली पर्वत की वादियों में नूंह शहर से महज 6 किलोमीटर दूर बीवां गांव (Biwan Village Nuh) इन दिनों अपनी खूबसूरती के लिहाज से अलग पहचान बनाए हुए है. बीवां गांव इन दिनों चर्चा में इसलिए बना हुआ है कि यहां की गलियों और रास्तों में पड़ने वाली दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग (Biwan Village Wall Painting) अपनी सुंदरता की छटा बिखेर रही हैं. दीवारों पर बनाई गई आलीशान पेंटिंग स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं सुंदरता को बढ़ावा दे रही हैं.

जो भी कोई इस गांव की गलियों से गुजरता है वो यहां कि दीवारों पर की गई पेंटिंग की तारीफ करें बिना नहीं रह सकता. गांव में कई सालों से काम कर रही एबीएस फाउंडेशन ने ना केवल गांव में बने मकानों की दीवारों को सुंदर बनाया, बल्कि गांव में सभी रास्तों को पक्का कर आधुनिक तरीके से बनाया गया है. भारी बरसात के बावजूद भी गांव की गलियों में पानी कीचड़ दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता. एबीएस फाउंडेशन के कर्ता-धर्ता एसएस संधू के अलावा उनका कामकाज संभाल रहे नवीन लाठर ने इस गांव की कायापलट करने के लिए एक नहीं बल्कि कई सराहनीय कदम उठाए हैं.

शहरों को टक्कर दे रहा हरियाणा के ये छोटा सा गांव!

इस फाउंडेशन ने गांव में करोड़ों रुपये के विकास काम कराए है. गांव के लोग सरकार से कहीं ज्यादा समाजसेवी एसएस संधू पर भरोसा करते हैं. गांव की मस्जिद में भी लाखों रुपये खर्च कर उसे भव्य तरीके से बनाया गया है. पंजाब के जालंधर से सीख लेकर हरियाणा के सबसे पिछड़े नूंह जिले के बीवां गांव में ये प्रयोग किया गया है, जो लोगों को खूब रास आ रहा है.

इस गांव की खासियत की बात करें तो यहां के ड्रेनेज सिस्टम अच्छे-अच्छे शहरों को मात दे रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक यहां जितनी मर्जी बारिश हो जाए. कभी भी गांव में ना तो जलभराव होता है और ना ही कीचड़ होता है. ड्रेनेज सिस्टम अच्छे होने का बड़ा फायदा ये भी है कि गांव की सभी सड़कें और गलियां पक्की हैं. जिससे की पानी नालियों से सीधा तालाब में चला जाता है. इसके अलावा गांव में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. जिसकी वजह से ये गांव और ज्यादा खूबसूरत लगता है. यहां का सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है. यहां हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. गांव में पक्की सड़कें और गलियां है.

Biwan village Nuh streets wall painting
एक नजर में गांव की जानकारी

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बीवां गांव की आबादी तकरीबन 1200 है. जिनमें करीब 550 बच्चे हैं, कुल परिवार 174 हैं, कुल मतदाता तकरीबन 621 हैं, जिनमें महिलाएं 310 तो पुरुष तकरीबन 315 हैं, राशन कार्ड धारकों की संख्या 170 के करीब हैं. बीवां गांव में 45 बीपीएल परिवार हैं, तो 125 सामान्य परिवार हैं. पेंशन का लाभ तकरीबन 90 लोग उठा रहे हैं. गांव में 30 विधवा, 55 बुजुर्ग तथा पांच दिव्यांग, बीवां गांव में ग्राम सचिवालय, विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर, एसएसजी महिला हॉल, सीएससी सेंटर, लाइब्रेरी की सुविधा ग्रामीणों के लिए उपलब्ध है.

Last Updated : Aug 9, 2021, 12:53 PM IST
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