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नूंह: जिले के सबसे बड़े गांव सिंगार में विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार

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Published : Jul 21, 2020, 4:15 PM IST

क्रिटिकल गैप फंडिंग के तहत अब सिंगार गांव का कायाकल्प होने जा रहा है. इस योजना के तहत सिंगार गांव को विकसित करने के लिए तकरीबन 2 करोड़ रुपये की राशि जिला प्रशासन को मिल चुकी है.

punhana singar village development work
punhana singar village development work

नूंह: सूबे के सबसे पिछड़े उपमंडल पुन्हाना के सबसे बड़े गांव सिंगार और आसपास के गांवों का विकास गति पकड़ने जा रहा है. नीति आयोग भारत सरकार द्वारा जब से हरियाणा के नूंह जिले को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया है, तब से केंद्र सरकार इस जिले के विकास को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है.

क्रिटिकल गैप फंडिंग के तहत अब सिंगार गांव का कायाकल्प होने जा रहा है. इस योजना के तहत सिंगार गांव को विकसित करने के लिए तकरीबन 2 करोड़ रुपये की राशि जिला प्रशासन को मिल चुकी है. अगर कोरोना महामारी की दस्तक नहीं होती तो अब तक काफी हद तक गांव की सूरत बदल जाती. कोरोना से विकास की रफ्तार धीमी तो जरूर हुई है, लेकिन अब दोबारा से ये गति पकड़ने जा रही है.

पुन्हाना का सबसे बड़ा गांव सिंगार में विकास पकड़ेगा रफ्तार , देखें वीडियो

गांव में पंचायती राज, स्कूल शिक्षा, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पर्यावरण, डिजिटल योजना के अलावा महिलाओं के विकास के लिए सेनेटरी नैपकिन के साथ-साथ वीटा मिल्क चिलिंग सेंटर भी बनने जा रहा है. ये जानकारी वैशाली शर्मा आईपीएस एसडीएम पुन्हाना ने पत्रकारों को खास बातचीत के दौरान दी.

हरियाणा में नूंह जिला सबसे पिछड़ा जिला है और जिले में सबसे पिछड़ा पुन्हाना उपमंडल है. पुन्हाना उपमंडल के सबसे बड़े गांव सिंगार से क्रिटिकल गैप फंडिंग योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने कर दी है. सिंगार के अलावा आसपास के कुछ गांव में इस योजना के तहत काम की शुरुआत भी कोरोना से पहले हो चुकी थी. लेकिन प्रवासी मजदूरों के घर लौट जाने की वजह से इस योजना के विकास पर असर जरूर पड़ा है.

आपको बता दें कि सिंगार गांव में तकरीबन 35-40 हजार की आबादी है और ये गांव पुन्हाना उपमंडल का नहीं बल्कि जिले का भी सबसे बड़ा गांव है. जिला प्रशासन के साथ-साथ सिंगार गांव के लोग भी इस योजना के आने से बेहद खुश हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस ने बदला सबकुछ, अब ऐसे होता है अंतिम संस्कार

नूंह: सूबे के सबसे पिछड़े उपमंडल पुन्हाना के सबसे बड़े गांव सिंगार और आसपास के गांवों का विकास गति पकड़ने जा रहा है. नीति आयोग भारत सरकार द्वारा जब से हरियाणा के नूंह जिले को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया है, तब से केंद्र सरकार इस जिले के विकास को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है.

क्रिटिकल गैप फंडिंग के तहत अब सिंगार गांव का कायाकल्प होने जा रहा है. इस योजना के तहत सिंगार गांव को विकसित करने के लिए तकरीबन 2 करोड़ रुपये की राशि जिला प्रशासन को मिल चुकी है. अगर कोरोना महामारी की दस्तक नहीं होती तो अब तक काफी हद तक गांव की सूरत बदल जाती. कोरोना से विकास की रफ्तार धीमी तो जरूर हुई है, लेकिन अब दोबारा से ये गति पकड़ने जा रही है.

पुन्हाना का सबसे बड़ा गांव सिंगार में विकास पकड़ेगा रफ्तार , देखें वीडियो

गांव में पंचायती राज, स्कूल शिक्षा, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पर्यावरण, डिजिटल योजना के अलावा महिलाओं के विकास के लिए सेनेटरी नैपकिन के साथ-साथ वीटा मिल्क चिलिंग सेंटर भी बनने जा रहा है. ये जानकारी वैशाली शर्मा आईपीएस एसडीएम पुन्हाना ने पत्रकारों को खास बातचीत के दौरान दी.

हरियाणा में नूंह जिला सबसे पिछड़ा जिला है और जिले में सबसे पिछड़ा पुन्हाना उपमंडल है. पुन्हाना उपमंडल के सबसे बड़े गांव सिंगार से क्रिटिकल गैप फंडिंग योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने कर दी है. सिंगार के अलावा आसपास के कुछ गांव में इस योजना के तहत काम की शुरुआत भी कोरोना से पहले हो चुकी थी. लेकिन प्रवासी मजदूरों के घर लौट जाने की वजह से इस योजना के विकास पर असर जरूर पड़ा है.

आपको बता दें कि सिंगार गांव में तकरीबन 35-40 हजार की आबादी है और ये गांव पुन्हाना उपमंडल का नहीं बल्कि जिले का भी सबसे बड़ा गांव है. जिला प्रशासन के साथ-साथ सिंगार गांव के लोग भी इस योजना के आने से बेहद खुश हैं.

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