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CAA के खिलाफ नूंह में प्रदर्शन, बिछोर से सिंगार तक निकाला विरोध मार्च

सीएए के विरोध में पुन्हाना खंड के बिछोर गांव में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बिछोर से सिंगार तक पैदल मार्च निकाला.

protest against caa in bichor
CAA के खिलाफ
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Published : Jan 20, 2020, 7:59 PM IST

नूंह: नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 अब कानून बन चुका है, लेकिन अब भी देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है. सीएए के विरोध में पुन्हाना खंड के बिछोर गांव में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बिछोर से सिंगार तक पैदल मार्च निकाला. वहीं इस प्रदर्शन में किसी तरह की कोई हिंसा और कोई परेशानी ना हो, इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. इस विरोध प्रदर्शन में भारत मोर्चा, बहुजन किराणति मोर्चा सहित और भी कई सामाजिक संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया.

सीएए के खिलाफ मार्च

सीएए के खिलाफ पैदल मार्च
वहीं सीएए के विरोध में मुफ्ती सलीम साकरस ने 29 जनवरी को भारत बंद का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार एनआरसी और कैब को खारिज नही करती तब तक मेवात में लोग अपना शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.

ये भी पढ़िए: नूंह में लोगों ने घरों, स्कूलों और बस स्टैंड पर लगाए नो सीएए, नो एनआरसी के पोस्टर

बुजुर्ग और बच्चे भी हुए मार्च में शामिल

बता दें कि इस प्रोटेस्ट में बच्चों और ने भी हिस्सा लिया. लोग ट्रैक्टर, टेंपो और पैदल मार्च करते हुए भारी तादात में बिछोर गांव पहुंचे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि बीजेपी सिर्फ बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है, जबकि देश के लोगों से साथ बीजेपी अन्याय कर रही है.

नूंह: नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 अब कानून बन चुका है, लेकिन अब भी देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है. सीएए के विरोध में पुन्हाना खंड के बिछोर गांव में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बिछोर से सिंगार तक पैदल मार्च निकाला. वहीं इस प्रदर्शन में किसी तरह की कोई हिंसा और कोई परेशानी ना हो, इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. इस विरोध प्रदर्शन में भारत मोर्चा, बहुजन किराणति मोर्चा सहित और भी कई सामाजिक संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया.

सीएए के खिलाफ मार्च

सीएए के खिलाफ पैदल मार्च
वहीं सीएए के विरोध में मुफ्ती सलीम साकरस ने 29 जनवरी को भारत बंद का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार एनआरसी और कैब को खारिज नही करती तब तक मेवात में लोग अपना शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.

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बुजुर्ग और बच्चे भी हुए मार्च में शामिल

बता दें कि इस प्रोटेस्ट में बच्चों और ने भी हिस्सा लिया. लोग ट्रैक्टर, टेंपो और पैदल मार्च करते हुए भारी तादात में बिछोर गांव पहुंचे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि बीजेपी सिर्फ बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है, जबकि देश के लोगों से साथ बीजेपी अन्याय कर रही है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- बिछोर से सिंगार तक CAA एवं NRC के खिलाफ किया गया विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पुन्हाना खंड के गांव बिछोर से लेकर सिंगार तक लोगों ने पैदल चलकर कूच करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं इस प्रदर्शन में किसी तरह की कोई हिंसा व किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसलिए भारी तादात में पुलिस तैनात की गई। वही इस विरोध प्रदर्शन में भारत मोर्चा, बहुजन किराणति मोर्चा सहित और भी अन्य सामाजिक संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं मुफ्ती सलीम साकरस ने 29 जनवरी को भारत बंद का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार एनआरसी तथा कैब को खारिज नही करती तब तक मेवात में लोग अपना शांति पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। वही रसीद एडवोकेट ने कहा कि इस प्रोटेस्ट में बच्चों व बुजुर्गों ने ट्रैक्टर टेंपो तथा पैदल मार्च करते हुए भारी तादात में बिछोर गांव से सिंगार तक हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा एनआरसी तथा कैब खिलाफ याचिका दाखिल की है। जिसका परिणाम 22 जनवरी को आएगा। अगर कोर्ट ने फैसला हमारे पक्ष में नही सुनाया तो दिल्ली के राजघाट व संसद तक हम यह लड़ाई लड़ते रहेंगे। आगे उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस बिल को वापिस ले नही तो हम ड़रने वाले नहि है। यह देश हमारा है। और इस देश के लिए हमारे बड़े बुजुर्गों ने अपना बलिदान दिया है। Body:वही इस प्रोटेस्ट में शामिल हुए समय सिंह ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली से महेज 70 किलोमीटर दूर सबसे पिछड़े जिले मेवात की सभी सरकारों ने अनदेखी की है। मेवात जिला भाईचारे के नाम से जाना जाता है। इस जिले में सभी धर्मों के लोग एक थाली में खाते है। यह सरकार देश मे हिंदू मुसलमान को लड़ाना चाहती है। भाई को भाई से लड़ाने का काम भाजपा करती रही है। नागरिकता कानून राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण एनआरसी देश को त्रस्त कर रही है। यह देश के कई गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने की चाल है। मुफ्ती सलीम ने कहा कि नया नागरिकता कानून देश की धार्मिक सामाजिक एकता को बिगाड़ रहा है। संशोधित नागरिकता कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही नागरिकता क्यों दी जाएगी। और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं। मोदी सरकार को सत्ता और कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है। देश की जनता भाजपा के असली चेहरे को अब पहचान चुकी है। भाजपा की सरकार जनता की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। देश मंदी तो जनता महंगाई की मार झेल रही है। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। Conclusion:बाइट ;- मुफ़्ती सलीम
बाइट ;- शमय सिंह
बाइट ;- एडवोकेट रसीद
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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