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साइबर क्राइम की कमर तोड़ने के लिए मेवात पुलिस ने बनाई खास रणनीति, फर्जी सिम कार्ड किये जा रहे बंद - Nuh Police on cyber crime

साइबर अपराध की वजह से हरियाणा का नूंह (Cyber Crime in Nuh) जिला पूरे देश में बदनाम हो रहा है. मेवात क्षेत्र अलवर, भरतपुर, पलवल, मथुरा, नूंह इत्यादि जिलों में बंटा हुआ है. साइबर क्राइम की घटनाएं बड़ी तेजी से देशभर में बढ़ रही थी और कई राज्यों में साइबर क्राइम की घटनाओं में हरियाणा के नूंह जिले का नाम बार-बार आ रहा था. साइबर अपराध की कमर तोड़ने तथा जिले को बदनामी के दाग से बचाने के लिए मेवात पुलिस ने विशेष रणनीति तैयार की है.

नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद
नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद
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Published : Nov 8, 2022, 10:14 PM IST

नूंह: नूंह पुलिस कप्तान वरुण सिंगला नूंह ने साइबर क्राइम पर कंट्रोल (Cyber Crime in Nuh) करने के लिए खुफिया विभाग की मदद से जिले के 40 गांव चिन्हित किए हैं. जिनमें साइबर क्राइम से जुड़ी ज्यादा गतिविधियां सामने आ रही थी. इन चालीस गांव में डंप से तकरीबन 10 हजार मोबाइल नंबर संदिग्ध मानकर टेलीफोन विभाग की मदद से उनकी जांच शुरू की. टेलीकॉम कंपनियों की मदद के बाद 10 हजार मोबाइल सिम में से बड़ी संख्या में सिम कार्ड फर्जी मिली हैं. जिन्हें बंद किया जा रहा है. सिम साइबर अपराध को अंजाम देने में बड़ा हथियार है.

नूंह में फर्जी सिम बंद (Fake sim card closed in Nuh) होने के बाद साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देना अब अपराधियों के लिए मुश्किल हो जाएगा. पुलिस कप्तान वरुण सिंगला ने पत्रकारों से खास बातचीत के दौरान कहा कि जो साइबर क्राइम अपराधी होगा उसके खातों की भी जांच की जाएगी और संबंधित जिलों के एसपी को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि वहां भी इनके खिलाफ मामला दर्ज हो सके और इनको सख्त से सख्त सजा दिलवाई जा सके. फर्जी मात्रा में जो मोबाइल सिम बरामद हुए हैं, जांच में पुलिस ने पता लगाया है कि बंगाल, असम, उड़ीसा इत्यादि राज्यों से 1500 से 2 हजार रुपए में खरीद कर लाई जाती हैं.

नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद
नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद

जिले की सीमा के साथ लगे भरतपुर जिले में इन सिमों को बेचा जाता है. गैरकानूनी तरीके से साइबर अपराध किया जाता है. साइबर अपराध की कमर तोड़ने के लिए मेवात पुलिस लगातार इस रणनीति पर काम कर रही है. पड़ोसी राज्यों से आपसी तालमेल बेहतर है, इसलिए इंटरस्टेट मीटिंग इत्यादि होती रहती है. उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के थाना प्रभारियों से लेकर एसपी से पुलिस कप्तान नूंह लगातार बातचीत करते रहते हैं. कुल मिलाकर साइबर अपराध की वजह से मेवात के युवा बड़ी तेजी से इस दलदल में फंसते जा रहे हैं और ठगी के माध्यम से रातोंरात लखपति बनने की होड़ युवाओं में लगी हुई है.

पुलिस कप्तान वरुण सिंगला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि ऐसे दो अपराधी चिन्हित कर लिए गए हैं, जिन्होंने साइबर क्राइम को कई राज्यों में अंजाम दिया है. एक अपराधी पर तकरीबन 22 वारदात करने की शिकायत अलग-अलग राज्यों में दी हुई है तथा दूसरे अपराधी पर भी तकरीबन दर्जन भर वारदात बताई जा रही हैं. नाम व गांव का खुलासा पुलिस इसलिए नहीं कर रही है ताकि साइबर अपराध की घटनाओं में शामिल इन अपराधियों को दबोचने के लिए पुलिस को ज्यादा मशक्कत ना करनी पड़े.

ये भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस को 48 हजार साइबर क्राइम की मिली शिकायतें, 28 हजार फोन नंबर ब्लॉक करने की तैयारी

नूंह: नूंह पुलिस कप्तान वरुण सिंगला नूंह ने साइबर क्राइम पर कंट्रोल (Cyber Crime in Nuh) करने के लिए खुफिया विभाग की मदद से जिले के 40 गांव चिन्हित किए हैं. जिनमें साइबर क्राइम से जुड़ी ज्यादा गतिविधियां सामने आ रही थी. इन चालीस गांव में डंप से तकरीबन 10 हजार मोबाइल नंबर संदिग्ध मानकर टेलीफोन विभाग की मदद से उनकी जांच शुरू की. टेलीकॉम कंपनियों की मदद के बाद 10 हजार मोबाइल सिम में से बड़ी संख्या में सिम कार्ड फर्जी मिली हैं. जिन्हें बंद किया जा रहा है. सिम साइबर अपराध को अंजाम देने में बड़ा हथियार है.

नूंह में फर्जी सिम बंद (Fake sim card closed in Nuh) होने के बाद साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देना अब अपराधियों के लिए मुश्किल हो जाएगा. पुलिस कप्तान वरुण सिंगला ने पत्रकारों से खास बातचीत के दौरान कहा कि जो साइबर क्राइम अपराधी होगा उसके खातों की भी जांच की जाएगी और संबंधित जिलों के एसपी को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि वहां भी इनके खिलाफ मामला दर्ज हो सके और इनको सख्त से सख्त सजा दिलवाई जा सके. फर्जी मात्रा में जो मोबाइल सिम बरामद हुए हैं, जांच में पुलिस ने पता लगाया है कि बंगाल, असम, उड़ीसा इत्यादि राज्यों से 1500 से 2 हजार रुपए में खरीद कर लाई जाती हैं.

नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद
नूंह में फर्जी सिम कार्ड बंद

जिले की सीमा के साथ लगे भरतपुर जिले में इन सिमों को बेचा जाता है. गैरकानूनी तरीके से साइबर अपराध किया जाता है. साइबर अपराध की कमर तोड़ने के लिए मेवात पुलिस लगातार इस रणनीति पर काम कर रही है. पड़ोसी राज्यों से आपसी तालमेल बेहतर है, इसलिए इंटरस्टेट मीटिंग इत्यादि होती रहती है. उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के थाना प्रभारियों से लेकर एसपी से पुलिस कप्तान नूंह लगातार बातचीत करते रहते हैं. कुल मिलाकर साइबर अपराध की वजह से मेवात के युवा बड़ी तेजी से इस दलदल में फंसते जा रहे हैं और ठगी के माध्यम से रातोंरात लखपति बनने की होड़ युवाओं में लगी हुई है.

पुलिस कप्तान वरुण सिंगला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि ऐसे दो अपराधी चिन्हित कर लिए गए हैं, जिन्होंने साइबर क्राइम को कई राज्यों में अंजाम दिया है. एक अपराधी पर तकरीबन 22 वारदात करने की शिकायत अलग-अलग राज्यों में दी हुई है तथा दूसरे अपराधी पर भी तकरीबन दर्जन भर वारदात बताई जा रही हैं. नाम व गांव का खुलासा पुलिस इसलिए नहीं कर रही है ताकि साइबर अपराध की घटनाओं में शामिल इन अपराधियों को दबोचने के लिए पुलिस को ज्यादा मशक्कत ना करनी पड़े.

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