नूंह: हरियाणा के नूंह में ऐंचवाडी गांव के डिपो होल्डर मुस्तरफा द्वारा कई महीनों से गरीबों को राशन नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि डिपो होल्डर गुंडागर्दी करके गरीबों को धक्के मार कर राशन डिपो से बाहर निकाल देता है. जिसके चलते कई महीनों से गरीब परिवारों को राशन नहीं मिल पा रहा है. ऐंचवाडी गांव के सरपंच प्रतिनिधि इकबाल ने बताया कि गांव के डिपो होल्डर मुस्तरफा द्वारा उनके लिए पिछले कई महीनों से राशन नहीं दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत उन्होंने सीएम विंडो व अन्य अधिकारियों को दी है. शिकायत मिलने पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम गांव ऐंचवाडी पहुंची.
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टीम ने गांव के लोगों की समस्याएं सुनी. बता दें की गांव के लोगों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम के आगे जमकर हंगामा किया और कहा कि गांव में बहुत से गरीब लोग हैं. जो सरकार के राशन पर ही निर्भर हैं. लेकिन जब उनको सरकारी राशन ही नहीं मिलेगा तो घर कैसे चलेगा. गांव के लोगों का कहना है कि गांव का डिपो होल्डर मुस्तफा खान झूठ बोलकर मशीन पर अंगूठा लगवा लेता है और राशन नहीं देता. यह सिलसिला पिछले काफी दिनों से चला आ रहा है.
जब लोग उसके पास राशन लेने के लिए जाते हैं तो लोगों के साथ धक्का-मुक्की की जाती है व महिलाओं से गलत भाषा का भी प्रयोग किया जाता है. जिससे 70 प्रतिशत गांव के लोग परेशान हैं. गांव के सरपंच प्रतिनिधि इकबाल ने कहा कि हमारे गांव के 70 फीसदी लोगों को पिछले 6-7 महीनों से सरकार द्वारा दिए जा रहे राशन से वंचित हैं. जिसको लेकर हम पूरी तरह से चिंतित हैं और हमने जगह-जगह पर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को राशन अगर डिपो होल्डर द्वारा दिया भी जाता है, तो 4-5 किलो कम राशन दिया जाता है. पिछले काफी दिनों से डिपो होल्डर राशन वितरण में बड़ा घपला करता आ रहा है. सरपंच प्रतिनिधि इकबाल ने बताया कि डिपो होल्डर राजनीतिक द्वेष के चलते दबंगई दिखाता है और राशन नहीं देता. बोलता है, आप चाहे जहां शिकायत कर लो में राशन नहीं दूंगा.
सरपंच प्रतिनिधि इकबाल ने कहां की हमारे गांव के लोग यह चाहते हैं कि गांव के डिपो होल्डर का लाइसेंस रद्द किया जाए और किसी अच्छे इंसान को लाइसेंस दिया जाए. ताकि गांव के लोगों को राशन शांति से मिल सके. उन्होंने कहा कि कुछ लोकल अधिकारी भी डिपो होल्डर से मिले हुए हैं. जो कार्रवाई ठीक ढंग से नहीं करते और जो टीम गांव में जांच करने पहुंची है, हमें इस पर विश्वास है. अगर यह भी कार्रवाई नहीं करती है, तो हम फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.