नूंह: फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर लड़कर पंचायत चुनाव जीतना सरपंचों और जिला पार्षदों को अब महंगा पड़ने लगा है. नूंह जिले में फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़कर विजयी हुए 5 सरपंच और एक जिला पार्षद को नूंह उपायुक्त प्रशांत पंवार ने सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं जिन राज्यों से इन पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र गलत तरीके से जारी किए गए थे, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं.
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उपायुक्त प्रशांत पंवार ने बताया ऐसे सभी जनप्रतिनिधियों को लेकर सरकार सख्त है. फर्जी दस्तावेज जमा करके चुनाव जीतने वाले और प्रमाण पत्र जारी करने वाले, दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि संबंधित एसडीएम से मामले की जांच कराई जाती है और दस्तावेज गलत पाए जाने पर ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों को सस्पेंड किया जा रहा है.
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उपायुक्त प्रशांत पंवार ने बताया कि अभी भी जिले भर की तकरीबन 8-10 पंचायतों के प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच चल रही है. जैसे ही जांच पूरी होगी और दस्तावेज गलत पाए जाने पर उनके भी खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कुल मिलाकर उपायुक्त प्रशांत पंवार की कार्रवाई से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने वाले पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है. वार्ड नंबर 17 के जिला पार्षद को हाल ही में सस्पेंड किया गया था. इससे पहले जिले भर के 5 सरपंचों को फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर सस्पेंड किया जा चुका है. हरियाणा में सबसे ज्यादा नूंह जिले में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों से चुनाव जीतने वाले लोगों पर कार्रवाई हुई है.
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