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नूंह विधानसभा की जनता का घोषणा पत्र, पिछड़ेपन के कलंक से मुक्ति दिलाने की मांग

नूंह विधानसभा की जनता ने ईटीवी भारत के विशेष कार्यक्रम 'जनता के घोषणा पत्र' में बताया कि उनके लिए किन चीजों की घोषणाएं होनी चाहिए.

'जनता का घोषणा पत्र'
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Published : Oct 2, 2019, 12:16 PM IST

नूंह: ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची और वहां की जनता से जाना कि अगर उन्हें अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका दिया जाए तो वो किन-किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे.

ईटीवी भारत की मुहिम
बता दें कि 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती तो हैं लेकिन ज्यादातर घोषणाओं को पूरा नहीं किया जाता है या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती जिनसे जनता रोजाना दो-चार होती है. इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.

जानें नूंह की जनता का कैसा है घोषणा पत्र

'नूंह जिले को पिछड़ेपन के कलंक मिले मुक्ति'
जब हमारी टीम नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची तो यहां के लोग बहुत नाराज दिखे. उनका कहना था कि नूंह जिला पिछड़ेपन का कंलक झेल रहा है. यहां पर भी विकास होना चाहिए.

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वहीं युवाओं का कहना है कि यहां पर बेरोजगारी बहुत है. सरकार को चाहिए कि वो लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करे. इतना ही नहीं लोगों ने कहा कि नूंह जिले बिजली, पानी, जैसी मूलभूत सुविधाएं पाने के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन परेशानियों से भी लोगों को निजात मिले और यहां अच्छे से विकास हो.

ये भी पढ़ें: पिहोवा की जनता का घोषणा पत्र, 'किसानों के लिए शुगर मिल और अच्छा अस्पताल चाहिए'

नूंह: ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची और वहां की जनता से जाना कि अगर उन्हें अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका दिया जाए तो वो किन-किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे.

ईटीवी भारत की मुहिम
बता दें कि 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती तो हैं लेकिन ज्यादातर घोषणाओं को पूरा नहीं किया जाता है या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती जिनसे जनता रोजाना दो-चार होती है. इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.

जानें नूंह की जनता का कैसा है घोषणा पत्र

'नूंह जिले को पिछड़ेपन के कलंक मिले मुक्ति'
जब हमारी टीम नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची तो यहां के लोग बहुत नाराज दिखे. उनका कहना था कि नूंह जिला पिछड़ेपन का कंलक झेल रहा है. यहां पर भी विकास होना चाहिए.

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वहीं युवाओं का कहना है कि यहां पर बेरोजगारी बहुत है. सरकार को चाहिए कि वो लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करे. इतना ही नहीं लोगों ने कहा कि नूंह जिले बिजली, पानी, जैसी मूलभूत सुविधाएं पाने के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन परेशानियों से भी लोगों को निजात मिले और यहां अच्छे से विकास हो.

ये भी पढ़ें: पिहोवा की जनता का घोषणा पत्र, 'किसानों के लिए शुगर मिल और अच्छा अस्पताल चाहिए'

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- नूंह जिले के मतदाता कैसी सरकार चाहते।

विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सूबे की 90 सीटों में 3 विधानसभा राज्य के सबसे पिछड़े जिला नूंह की शामिल हैं। नूंह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका सीटों से इलाके के मतदाता कैसे उम्मीदवार को जिताकर भेजना चाहते और सूबे सरकार चाहते हैं , इसको लेकर हमारी टीम ने मतदाताओं की नब्ज टटोली।
नूंह जिले के मतदाताओं ने साफ शब्दों में कहा कि चुनाव के समय विकास करने और विधायक बनने के बाद उसे भूल जाने वाले तथा जो पार्टी या इंसान उनका भला कर सकती है , वे बड़ी सोच समझकर विकास के नाम पर वोट करेंगे। मतदाताओं के मुताबिक नूंह हरियाणा के गठन करीब पांच दशक बाद भी पिछड़ेपन की वजह से सूबे में नहीं बल्कि देशभर में जाना जाता है। जो व्यक्ति पिछड़ेपन के कलंक से आजादी दिलाएगी , उसको बड़े निर्भीक होकर वोट डाली जाएगी। जिले के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज कुमार ने भी जिले के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि किसी से डरकर , दवाब में या जाति - धर्म के आधार पर वोट नहीं करनी है। मतदाता क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने वाले लोगों को अपना मतदान करे। जाति - धर्म में बंटकर मतदान न करें। इंसानियत के नाते लोकतंत्र के पर्व को और खूबसूरत बनाने का काम करें। कुल मिलाकर अब लोक लुभावने वायदे जनता पहचान चुकी है। पार्टियों को भी बड़ी सोच समझकर मैदान में उतरने की जरूरत है।
बाइट;- पंकज यादव जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी नूंह
बाइट;- जावेद मतदाता
बाइट;- रफीक मतदाता
बाइट;- सरजीत मतदाता
बाइट ;- एजाज खान मतदाता
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- नूंह जिले के मतदाता कैसी सरकार चाहते।

विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सूबे की 90 सीटों में 3 विधानसभा राज्य के सबसे पिछड़े जिला नूंह की शामिल हैं। नूंह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका सीटों से इलाके के मतदाता कैसे उम्मीदवार को जिताकर भेजना चाहते और सूबे सरकार चाहते हैं , इसको लेकर हमारी टीम ने मतदाताओं की नब्ज टटोली।
नूंह जिले के मतदाताओं ने साफ शब्दों में कहा कि चुनाव के समय विकास करने और विधायक बनने के बाद उसे भूल जाने वाले तथा जो पार्टी या इंसान उनका भला कर सकती है , वे बड़ी सोच समझकर विकास के नाम पर वोट करेंगे। मतदाताओं के मुताबिक नूंह हरियाणा के गठन करीब पांच दशक बाद भी पिछड़ेपन की वजह से सूबे में नहीं बल्कि देशभर में जाना जाता है। जो व्यक्ति पिछड़ेपन के कलंक से आजादी दिलाएगी , उसको बड़े निर्भीक होकर वोट डाली जाएगी। जिले के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज कुमार ने भी जिले के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि किसी से डरकर , दवाब में या जाति - धर्म के आधार पर वोट नहीं करनी है। मतदाता क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने वाले लोगों को अपना मतदान करे। जाति - धर्म में बंटकर मतदान न करें। इंसानियत के नाते लोकतंत्र के पर्व को और खूबसूरत बनाने का काम करें। कुल मिलाकर अब लोक लुभावने वायदे जनता पहचान चुकी है। पार्टियों को भी बड़ी सोच समझकर मैदान में उतरने की जरूरत है।
बाइट;- पंकज यादव जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी नूंह
बाइट;- जावेद मतदाता
बाइट;- रफीक मतदाता
बाइट;- सरजीत मतदाता
बाइट ;- एजाज खान मतदाता
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- नूंह जिले के मतदाता कैसी सरकार चाहते।

विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सूबे की 90 सीटों में 3 विधानसभा राज्य के सबसे पिछड़े जिला नूंह की शामिल हैं। नूंह , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका सीटों से इलाके के मतदाता कैसे उम्मीदवार को जिताकर भेजना चाहते और सूबे सरकार चाहते हैं , इसको लेकर हमारी टीम ने मतदाताओं की नब्ज टटोली।
नूंह जिले के मतदाताओं ने साफ शब्दों में कहा कि चुनाव के समय विकास करने और विधायक बनने के बाद उसे भूल जाने वाले तथा जो पार्टी या इंसान उनका भला कर सकती है , वे बड़ी सोच समझकर विकास के नाम पर वोट करेंगे। मतदाताओं के मुताबिक नूंह हरियाणा के गठन करीब पांच दशक बाद भी पिछड़ेपन की वजह से सूबे में नहीं बल्कि देशभर में जाना जाता है। जो व्यक्ति पिछड़ेपन के कलंक से आजादी दिलाएगी , उसको बड़े निर्भीक होकर वोट डाली जाएगी। जिले के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज कुमार ने भी जिले के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि किसी से डरकर , दवाब में या जाति - धर्म के आधार पर वोट नहीं करनी है। मतदाता क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने वाले लोगों को अपना मतदान करे। जाति - धर्म में बंटकर मतदान न करें। इंसानियत के नाते लोकतंत्र के पर्व को और खूबसूरत बनाने का काम करें। कुल मिलाकर अब लोक लुभावने वायदे जनता पहचान चुकी है। पार्टियों को भी बड़ी सोच समझकर मैदान में उतरने की जरूरत है।
बाइट;- पंकज यादव जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी नूंह
बाइट;- जावेद मतदाता
बाइट;- रफीक मतदाता
बाइट;- सरजीत मतदाता
बाइट ;- एजाज खान मतदाता
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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