नूंह: ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची और वहां की जनता से जाना कि अगर उन्हें अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका दिया जाए तो वो किन-किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे.
ईटीवी भारत की मुहिम
बता दें कि 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती तो हैं लेकिन ज्यादातर घोषणाओं को पूरा नहीं किया जाता है या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती जिनसे जनता रोजाना दो-चार होती है. इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.
'नूंह जिले को पिछड़ेपन के कलंक मिले मुक्ति'
जब हमारी टीम नूंह विधानसभा क्षेत्र पहुंची तो यहां के लोग बहुत नाराज दिखे. उनका कहना था कि नूंह जिला पिछड़ेपन का कंलक झेल रहा है. यहां पर भी विकास होना चाहिए.
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वहीं युवाओं का कहना है कि यहां पर बेरोजगारी बहुत है. सरकार को चाहिए कि वो लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था करे. इतना ही नहीं लोगों ने कहा कि नूंह जिले बिजली, पानी, जैसी मूलभूत सुविधाएं पाने के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. इन परेशानियों से भी लोगों को निजात मिले और यहां अच्छे से विकास हो.
ये भी पढ़ें: पिहोवा की जनता का घोषणा पत्र, 'किसानों के लिए शुगर मिल और अच्छा अस्पताल चाहिए'